नई दिल्ली। मूसलाधार बारिश और बाढ़ की विभीषिका से घिरे गुजरात पर अब चक्रवात का साया मंडरा रहा है। भारत मौसम विज्ञान विभाग की ताजा सूचना में कहा गया है कि सौराष्ट्र-कच्छ क्षेत्र पर एक चक्रवात बन रहा है। इस बीच भारी बारिश ने गुजरात के लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। वडोदरा समेत कई शहरों में तो बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं। इतना ही नहीं मगरमच्छ नदियों से बहकर घरों की छतों पर पहुंच गए हैं।
भारत मौसम विज्ञान विभाग के राष्ट्रीय बुलेटिन में कहा गया है कि सौराष्ट्र-कच्छ क्षेत्र पर बन रहे चक्रवात के आज अरब सागर के ऊपर उभरने और ओमान तट की ओर बढ़ने की उम्मीद है। यही नहीं, इसके आज चक्रवाती तूफान में तब्दील होने की संभावना है। बुलेटिन में कहा गया है कि 1976 के बाद अगस्त में अरब सागर के ऊपर उठने वाला यह पहला चक्रवाती तूफान होगा। 1976 में चक्रवात ओडिशा के ऊपर विकसित हुआ। पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ा। अरब सागर में उभरा। एक लूपिंग ट्रैक बनाया और ओमान तट के पास उत्तर-पश्चिम अरब सागर पर कमजोर हो गया।
साथ ही अगस्त के महीने में अरब सागर के ऊपर चक्रवाती तूफान का विकसित होना एक दुर्लभ गतिविधि है। 1944 का चक्रवात भी अरब सागर में उभरने के बाद तीव्र हो गया और बाद में समुद्र के मध्य में कमजोर हो गया। पिछले 132 वर्षों के दौरान बंगाल की खाड़ी के ऊपर अगस्त के महीने में कुल 28 ऐसे सिस्टम बने हैं।
एक मौसम वैज्ञानिक ने कहा कि मौजूदा तूफान के बारे में असामान्य बात यह है कि पिछले कुछ दिनों से इसकी तीव्रता समान बनी हुई है। उष्णकटिबंधीय तूफान दो प्रतिचक्रवातों के बीच स्थित है। एक तिब्बती पठार के ऊपर और दूसरा अरब प्रायद्वीप के ऊपर। सौराष्ट्र और कच्छ पर बने गहरे दबाव के कारण इस क्षेत्र में भारी वर्षा हुई है।
विभाग के अनुसार, इस साल पहली जून से 29 अगस्त के बीच सौराष्ट्र और कच्छ क्षेत्रों में 799 मिलीमीटर बारिश हुई है। इस अवधि में सामान्य 430.6 मिलीमीटर बारिश होती है। इस अवधि में सामान्य से 86 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई। बुलेटिन में कहा गया है कि चक्रवात पिछले छह घंटों के दौरान तीन किलोमीटर प्रति घंटे की गति के साथ पश्चिम की ओर और केंद्रित है।