सूत्रों के मुताबिक, पांच घंटे से भी ज्यादा चली मंत्रिपरिषद की बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने सरकार के कामकाज, सरकार की उपलब्धियों के प्रचार-प्रसार और जनकल्याणकारी योजनाओं सहित महत्वपूर्ण मुद्दों पर लगभग 40 मिनट तक अपने सभी मंत्रियों को संबोधित किया।
प्रधानमंत्री ने बैठक में परफॉर्म, रिफॉर्म, ट्रांसफॉर्म और इन्फॉर्म का नया नारा देते हुए सरकार की फैसलों और योजनाओं के जल्द से जल्द और बेहतर तरीके से प्रचार-प्रसार करने की नसीहत दी। उन्होंने मंत्रियों को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के सहारे भी जनता से जुड़ने को कहा ताकि जनता तक यह संदेश जाए कि सरकार जिम्मेदारी से काम कर रही है। मंत्रियों से कहा गया है कि वे सरकार के 100 दिन पूरे होने पर अपने-अपने मंत्रालयों के 10 बड़े फैसलों के बारे में जानकारी दें और उसका ज्यादा से ज्यादा प्रचार-प्रसार भी करें।
पीएम ने पहली बार मंत्री बने नए मंत्रियों से खासतौर पर बातचीत की। बैठक के समापन पर उन्होंने हल्के-फुल्के अंदाज में मंत्रियों से यह भी कहा कि यह तो सिर्फ एक छोटी सी डोज थी और उन्हें पूरी उम्मीद है कि मंत्रियों को बिना रुके काम करने के तौर-तरीकों की आदत हो जाएगी।
सूत्रों के मुताबिक, बैठक में केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा संसद में की गई बजट घोषणाओं पर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक में यह भी तय किया गया कि जिन योजनाओं के 10 साल पूरे हो रहे हैं, उनका जश्न 5 सितंबर को मनाया जाएगा।
बैठक में कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में अब तक लिए गए 73 बड़े और महत्वपूर्ण फैसलों पर एक प्रेजेंटेशन भी दिया। इसके साथ ही स्वास्थ्य एवं शिक्षा क्षेत्र और देश में बुनियादी ढांचे में हुए सुधार को लेकर दो और पीपीटी प्रेजेंटेशन दिखाए गए।
मंत्रिपरिषद की बैठक आमतौर पर हर सप्ताह होने वाली कैबिनेट की बैठक से अलग और बड़ी बैठक होती है। कैबिनेट की बैठक में केवल कैबिनेट मंत्री एवं उन विभागों से जुड़े मंत्री ही शामिल होते हैं जिन विभागों के एजेंडे पर चर्चा होनी होती है। वहीं, मंत्रिपरिषद की बैठक में सभी कैबिनेट मंत्रियों के साथ-साथ सभी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और सभी राज्य मंत्री शामिल होते हैं।