नेपाल के तनाहुन जिले में शुक्रवार को हुए बस हादसे में मरने वालों संख्या बढ़कर 41 हो गई है. महाराष्ट्र के मंत्री गिरीश महाजन ने मुंबई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान शुक्रवार को ये जानकारी दी. इनमें से 24 भारतीयों के शव भारतीय वायु सेना के विशेष विमान से महाराष्ट्र लाने की व्यवस्था की जा रही है. महाराष्ट्र के सीएम कार्यालय ने इस बारे में जानकारी दी है. सीएम कार्यालय के मुताबिक, इस बारे में सीएम एकनाथ शिंदे ने कल केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से बात की.
इस दौरान सीएम शिंदे ने गृह मंत्री शाह से मृतक भारतीयों के शव स्वदेश वापस लाने में तेजी लाने का अनुरोध किया. इसके लिए केंद्र ने समन्वय के लिए एक विशेष अधिकारी को नियुक्त किया है. गौरतलब है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे नेपाल में चल रहे राहत कार्यों पर अपडेट रहने के लिए राज्य के राहत और पुनर्वास विभाग के अधिकारियों के अलावा केंद्रीय अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क बनाए हुए हैं.
गृह मंत्री ने दिया सहयोग का आश्वासन
मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह ने सीएम शिंदे को केंद्र सरकार की ओर से पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया है. उन्होंने कहा कि सीएम के अनुरोध पर 24 पर्यटकों के शवों को नासिक लाने के लिए भारतीय वायुसेना के एक विशेष विमान की व्यवस्था की गई है. बता दें कि नेपाल हादसे में मारे गए मृतक महाराष्ट्र के जलगांव जिले के रहने वाले हैं. शवों को लेकर विमान आज यानी शनिवार को नासिक पहुंचेगा. उसके बाद सभी शवों को उनके परिजनों को सौंप दिया जाएगा. अधिकारियों के मुताबिक, सभी मृतकों के शवों को आबूखैरेनी ग्राम परिषद में रखा गया है, जहां सभी की पहचान की जा रही है.
बस में सवार थे 43 लोग
बता दें कि मध्य नेपाल में 23 अगस्त यानी शुक्रवार को एक भारतीय यात्री बस मर्सियांगडी नदी में पलट गई. इस हादसे में अब तक 41 लोगों की मौत हो चुकी है. जानकारी के मुताबिक, बस में कुल 43 लोग सवार थे,जिनमें 40 यात्री और तीन चालक, सहचालक और परिचालक थे. सभी यात्री महाराष्ट्र के बताए जा रहे हैं. इस बस ने 8 दिन के परमिट के साथ 20 अगस्त को रूपन्देही के बेलहिया चेक-पॉइंट (गोरखपुर) से नेपाल में प्रवेश किया था. हादसा तनहुन जिले के आइना पहाड़ा में हुई. जानकारी के मुताबिक, बस में सवार सभी यात्री 104 तीर्थयात्रियों के दल का हिस्सा थे. ये सभी तीर्थयात्री महाराष्ट्र के जलगांव जिले के भुसावल और आसपास के गांवों के रहने वाले थे.आए थे.