मुंबई। समानांतर सिनेमा के प्रतीक मनोज बाजपेयी ने हाल ही में फिल्म गुलमोहर में अपने अभिनय के लिए चौथा राष्ट्रीय पुरस्कार जीता है। चार राष्ट्रीय पुरस्कार जीतना कोई आसान काम नहीं है, मगर अभिनेता ने इसे मुमकिन कर दिखाया।
चौथा राष्ट्रीय पुरस्कार अपने नाम करने वाले अभिनेता ने कहा, फिल्म बिरादरी के सदस्य पुरस्कारों के लिए जोरदार लॉबिंग करते हैं। मैं अपना काम करने में विश्वास करता हूं और पुरस्कार का फैसला भाग्य पर छोड़ देता हूं।
आईएएनएस से बात करते हुए मनोज बाजपेयी ने कहा कि पुरस्कारों के लिए लॉबिंग करना उनके सिद्धांतों के खिलाफ है।
राष्ट्रीय पुरस्कार जीतने पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए अभिनेता ने कहा, जब भी मुझे कोई पुरस्कार मिलता है तो मुझे बेहद खुशी महसूस होती है। यह मेरे लिए बहुत बड़ी बात होती है, खास कर ऐसे समय में जब हर कोई पुरस्कार के लिए लॉबिंग करता है।
सिनेमा में 3 दशक पूरे करने वाले अभिनेता पद्मश्री से भी सम्मानित हो चुके हैं।
पुरस्कारों के लिए लॉबिंग पर बात करते हुए मनोज ने कहा, मेरे घर में रखे किसी भी पुरस्कार के लिए लॉबिंग नहीं की गई है या मेरी तरफ से कभी इसकी सिफारिश नहीं की गई। यह पूरी तरह से मेरे सिद्धांतों के खिलाफ है। मैंने हमेशा कहा है कि अगर मैं पुरस्कारों के लिए लॉबिंग करता हूं, तो मैं अपने घर में हर दिन उन पुरस्कारों को कैसे देख सकता हूं।
डिज्नी+ हॉटस्टार की फिल्म गुलमोहर के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार मिलना मनोज के लिए कई कारणों से बड़ी बात है।
उन्होंने कहा, एक अभिनेता के तौर पर मुझे शर्मिला टैगोर के साथ गुलमोहर का हिस्सा बनने का सौभाग्य मिला। किसी समूह के काम का हिस्सा होने के लिए पहचाने जाने और सम्मानित होने की बात बहुत बड़ी है। भारत के विभिन्न फिल्म उद्योगों से बहुत सारे बेहतरीन प्रदर्शन हुए हैं।
उन्होंने कहा, नेशनल अवॉर्ड में स्पेशल मेंशन उन लोगों को दिया जाता है जिनके बारे में जूरी को लगता है कि उन्होंने बेहतरीन प्रदर्शन किया है। मुझे कई साल पहले पिंजर के लिए स्पेशल मेंशन अवॉर्ड मिला था और 20 साल बाद गुलमोहर के लिए यह अवॉर्ड मिलने पर मैं बता नहीं सकता कि इस समय मुझे कैसा महसूस हो रहा है।