लखनऊ। उत्तर प्रदेश में रोजगार मेला के माध्यम से योगी सरकार मिशन रोजगार को रफ्तार दे रही है। 17 अगस्त को अंबेडकरनगर और 18 अगस्त को अयोध्या में आयोजित हुए वृहद रोजगार मेला के बाद अब सीएम योगी के निर्देश पर मुजफ्फरनगर में भी रोजगार मेला का आयोजन किया जा रहा है। अयोध्या और अंबेडकरनगर में जहां 12 हजार से अधिक नियुक्ति पत्र वितरित किए गए थे तो वहीं मुजफ्फरनगर में 15 हजार से अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे, जबकि 5 हजार से अधिक नियुक्ति पत्र वितरित किए जाएंगे। रोजगार मेला का शुभारंभ और नियुक्ति पत्र वितरण मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के द्वारा इस रोजगार मेला का आयोजन किया जा रहा है, जो प्रात: 9:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक आयोजित होगा तथा इसमें उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन व आईटीआई के प्रशिक्षण प्राप्तकर्ता छात्रों के साथ ही अन्य सामान्य विद्यार्थी भी प्रतिभाग कर सकेंगे।
युवाओं के कौशल को मिलेगी पहचान
प्रदेश सरकार में व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास और उद्यमशीलता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल ने बताया कि उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के अंतर्गत प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले प्रशिक्षणर्थियों को प्रशिक्षण के बाद रोजगार से जोड़ने के लिए प्रदेश सरकार विभिन्न गतिविधियां आयोजित करती है। इसी क्रम में इन रोजगार मेलों का आयोजन किया जा रहा है, जिसके तहत 22 अगस्त को मुजफ्फरनगर के भगवंत इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (बीआईटी), मीरापुर में यह वृहद रोजगार मेला आयोजित किया जाएगा। इस वृहद रोजगार मेला में 15 हजार से अधिक रिक्तियों के सापेक्ष युवाओं का चयन करने के लिए 50 से अधिक प्रतिष्ठित कंपनियां उपलब्ध रहेगी। कंपनियां साक्षात्कार के बाद नौजवानों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराएंगी। 5 हजार युवाओं को ऑन द स्पॉट नियुक्ति पत्र भी वितरित किए जाएंगे।
100 से ज्यादा स्टॉल किए गए स्थापित
इससे पूर्व मुख्यमंत्रीय योगी आदत्यनाथ ने विगत 17 और 18 अगस्त को 2 दिनों के अंदर 2 जनपदों में 12 हजार से अधिक युवाओं को नियुक्ति पत्र वितरित किए हैं। साथ ही, छात्र-छात्राओं को 17 हजार से अधिक टैबलेट-स्मार्टफोन भी वितरित किए गए। शनिवार को अंबेडकरनगर में जनपद स्तरीय रोजगार मेला के तहत सीएम योगी ने 6572 नौजवानों को नियुक्ति पत्र वितरित किए तो वहीं, रविवार को अयोध्या में आयोजित रोजगार मेला में 5574 लोगों को नियुक्ति पत्र सौंपा गया। दोनों रोजगार मेला में कंपनियों द्वारा 100 से ज्यादा स्टॉल स्थापित किए गए। ज्यादातर नौजवानों को मैन्युफैक्चरिंग, इंजीनियरिंग, टेलीकॉम, हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन और आईटी जैसे सेक्टर में जॉब ऑफर किए गए।
साढ़े 7 वर्ष में साकार हुए युवाओं के सपने
योगी सरकार युवाओं को सरकारी नौकरी देने के साथ-साथ निजी कंपनियों में भी रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने का प्रयास कर रही है। इसके लिए सरकार की ओर से उनके कौशल विकास हेतु विभिन्न कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं। सरकार की योजना 2024 में इन रोजगार मेलों के माध्यम से बड़ी संख्या में युवाओं को निजी कंपनियों में नियोजित करने की है। योगी सरकार के प्रयासों का ही असर है कि साढ़े सात वर्षों में साढ़े छह लाख से ज्यादा युवाओं को सरकारी नौकरी देने में सफलता मिली है तो वहीं संविदा के माध्यम से 3.75 लाख से अधिक युवाओं को नौकरी से जोड़ा गया है। वहीं, दो करोड़ लोगों को निजी क्षेत्र/एमएसएमई के अंतर्गत रोजगार उपलब्ध कराया गया है।
युवाओं को प्रतिस्पर्धा के लिए किया जा रहा तैयार
प्रदेश सरकार युवाओं को रोजगार और कौशल विकास के क्षेत्र में नए आयाम देने के लिए प्रतिबद्ध है। योगी सरकार का उद्देश्य युवाओं को न केवल रोजगार उपलब्ध कराना है, बल्कि उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना भी है। उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के अंतर्गत दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना और अन्य योजनाओं के माध्यम से लाखों युवाओं को निःशुल्क प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। पिछले सात वर्षों में इस मिशन के तहत 16.50 लाख से अधिक युवाओं को प्रशिक्षित किया गया है, जिनमें से 6.70 लाख से अधिक को रोजगार मिला है। “प्रोजेक्ट प्रवीण” के तहत, पिछले दो वर्षों में लगभग 65,000 विद्यार्थियों को निःशुल्क कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। वर्ष 2024 से इस योजना का विस्तार कर, प्रदेश के प्रत्येक जिले के प्रमुख स्कूलों में कौशल प्रशिक्षण की व्यवस्था की जा रही है। प्रदेश में 305 राजकीय और 2932 निजी आईटीआई के माध्यम से 5.50 लाख से अधिक सीटें युवाओं के लिए उपलब्ध कराई गई हैं। 90 से अधिक नए राजकीय आईटीआई की स्थापना की गई है, जिनमें से कुछ पीपीपी मॉडल पर संचालित हो रहे हैं। उद्योग 4.0 के अनुरूप, 150 राजकीय आईटीआई का उन्नयन टाटा टेक्नोलॉजीज के सहयोग से किया जा रहा है, ताकि युवाओं को उन्नत तकनीकी प्रशिक्षण मिल सके।