लखनऊ, 17 अगस्त। योगी सरकार प्रदेश में तमाम योजनाओं के माध्यम से गरीबों और वंचितों के जीवन स्तर को ऊपर लाने के लिए काम कर रही है। इसी क्रम में केंद्र सरकार की पीएम विश्वकर्मा योजना को भी प्रदेश में पूरी गंभीरता के साथ संचालित किया जा रहा है। परिणामस्वरूप मध्य प्रदेश के बाद उत्तर प्रदेश दूसरा ऐसा राज्य है, जहां सर्वाधिक लोगों ने योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन किया है। उत्तर प्रदेश में 28 लाख से ज्यादा लोगों ने पीएम विश्वकर्मा योजना के लिए आवेदन किया है, जिसमें त्रिस्तरीय सत्यापन और प्रशिक्षण के बाद प्रदेश सरकार प्रशिक्षित लोगों को लोन की सुविधा उपलब्ध कराएगी।
अब तक विश्वकर्मा पोर्टल के माध्यम से उत्तर प्रदेश में कुल 28,42,247 आवेदन प्राप्त हुए हैं। उत्तर प्रदेश से आगे सिर्फ एक ही राज्य मध्य प्रदेश है, जहां पर 29,18,456 आवेदन किए गए हैं। प्रदेश में प्राप्त आवेदन के सापेक्ष 14,10,723 को प्रथम स्तर पर और 85,689 को द्वितीय स्तर रिकमंड किया गया, जिसमें 43,026 को तृतीय पर अप्रूवल मिल चुका है।
मालूम हो कि एमएसएमई में भारत सरकार द्वारा निर्धारित किए गए 18 प्रकार के विभिन्न ट्रेड को शामिल किया गया है। इसमें बढ़ई, नाव निर्माता, अस्त्रकार, लोहार, हथौड़ा व टूलकिट बनाने वाला, ताला बनाने वाला, पत्थर तोड़ने वाला, सुनार, कुम्हार, मोची, राजमिस्त्री, टोकरी, चटाई, झाड़ू बनाने वाले बुनकर, गुड़िया और खिलौने बनाने वाले, नाई, माला बनाने वाले, धोबी, दर्जी, एवं मछली का जाल बनाने वाले कारीगर शामिल हैं। पीएम विश्वकर्मा पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन इन्हीं ट्रेड में 28 लाख से ज्यादा आवेदन प्राप्त हुए हैं। इसमें वही लोग शामिल होंगे, जिन्होंने राज्य या केंद्र सरकार की किसी अन्य योजना में 5 वर्ष के अंदर लाभ लिया है। योजना के अंतर्गत लाभार्थियों को पीएम विश्वकर्मा सर्टिफिकेट और आईडी कार्ड के साथ स्किल अपग्रेडेशन, टूलकिट इंसेंटिव, क्रेडिट सपोर्ट समेत डिजिटल ट्रांजेक्शन पर इंसेंटिव और मार्केटिंग सपोर्ट जैसे लाभ मिलेंगे।