नशा मुक्त उत्तर प्रदेश बनाने में जुटे सीएम योगी, 1.40 करोड़ छात्र-छात्रों व शिक्षकों ने ली ‘नशा मुक्ति’ की शपथ

लखनऊ, 12 अगस्त। प्रदेश का ‘भविष्य’ नशा से दूर रहे इसके लिए योगी सरकार लगातार प्रयास कर रही है। इस दिशा में एक तरफ जहां सीएम योगी के निर्देश पर बनी एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) नशे के सौदागरों पर कार्रवाई कर रही है। वहीं दूसरी तरफ बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में बच्चों को नशा के दुष्प्रभाव बताकर जागरुक किया जा रहा है। इस कड़ी में सोमवार को परिषदीय विद्यालयों के 1.40 करोड़ छात्र- छात्राओं और शिक्षकों को नाश मुक्ति की शपथ दिलाई गई।

सुबह 09:00 बजे छात्र-छात्राओं व शिक्षकों ने ली शपथ
योगी सरकार द्वारा परिषदीय विद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों में सुधार और उनके सर्वांगीण विकास के लिए लगातार सकारात्मक कदम उठाये जा रहे हैं। इसके लिए बेसिक शिक्षा मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह के निर्देशन में बेसिक शिक्षा विभाग समय-समय पर सकारात्मक कदम उठा रहा है। इसी क्रम में सोमवार को सभी परिषदीय विद्यालयों में ‘नशा मुक्ति’ सम्बन्धी शपथ दिलाई गयी। सोमवार की सुबह 09 बजे होने वाले इस शपथ समारोह में प्रदेश के लगभग 1.40 करोड़ बच्चों के साथ परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों ने भी ‘नशा मुक्ति’ सम्बन्धी शपथ ली। इस दौरान छात्रों और शिक्षकों को नशीली दवाओं के सेवन से दूर रहने और कभी भी नशा ने करने की शपथ दिलाई गयी।

नशे के कारोबार पर अंकुश लगाने के लिए नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) का गठन
इधर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में नशाखोरी कम करने के लिए ‘नशा मुक्त प्रदेश, सशक्त प्रदेश’ के लिए भी आवश्यक कदम उठाये जा चुके हैं। सीएम योगी ने नशे के कारोबार पर अंकुश लगाने के लिये पहले ही एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) का गठन कर लिया है। यह कदम मादक पदार्थों के कारोबार में लिप्त अपराधी और माफियाओं पर कार्रवाई सुनिश्चित करने की गरज से लिया गया है।

पहले से ही हो चुकी है नशा मुक्त प्रदेश बनाने की शुरुआत: संदीप सिंह
बेसिक शिक्षा मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह ने कहा कि,‌ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के दिशा निर्देशन में नशा मुक्ति अभियान के तहत प्रदेश के सभी परिषदीय विद्यालयों में 1.40 करोड़ छात्र- छात्राओं और शिक्षकों को नाश मुक्ति शपथ दिलाई गई। इसको लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी पहले से ही प्रयासरत हैं। उन्होंने ‘नशा मुक्त प्रदेश-सशक्त प्रदेश’ अभियान के तहत इसकी शुरुआत पहले से ही कर दी है, जिसको लेकर प्रदेश के सभी विभाग सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।

ज्ञातव्य हो कि नशा मुक्त प्रदेश-सशक्त प्रदेश’ के लक्ष्य को हासिल करने के लिए योगी सरकार समाज के कमजोर वर्गों का विशेष ध्यान रख रही है। नशीली दवाओं अथवा नशा का उपयोग करने वाले व्यक्तियों पर भी योगी सरकार की नजर बनी हुई है। सरकार द्वारा ऐसे व्यक्तियों से नशा छोड़ने की अपील की जा रही है और उन्हें नशा से होने वाली हानियों और परिवार व समाज पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभावों के बारे में आगाह किया जा रहा है। इसी लक्ष्य की पूर्ति के लिए युवाओं के बीच नशीली दवाओं की मांग को हतोत्साहित करने के प्रयास हो रहे हैं। सोमवार को स्कूल, कॉलेज और गैर-सरकारी संस्थानों को नशा मुक्ति अभियान से जोड़कर नशा मुक्त प्रदेश बनाने के प्रयास किये जा रहे हैं।

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