लखनऊ। भारत को 2070 तक नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन वाला देश बनाने का संकल्प प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लिया है। इसे पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश में इस वर्ष 36 करोड़ से अधिक पौधे रोपकर कीर्तिमान रचा गया, तो वहीं आगामी पांच साल में 175 करोड़ से अधिक पौधे रोपने का लक्ष्य भी रखा गया है। 2017 से 2024 तक प्रदेश में अबतक दो सौ करोड़ से भी अधिक पौधे रोपे गये हैं। योगी सरकार अब प्रदेश के किसानों को भी इस महा अभियान से जोड़ रही है। सरकार का इरादा किसानों को कार्बन फाइनेंस योजना से जोड़कर उनकी आय में वृद्धि करने का है। योजना का उद्देश्य किसानों को खेती-किसानी के साथ-साथ अपने खेतों में वृक्षारोपण करके अतिरिक्त आय अर्जित करने के लिए प्रोत्साहित करना है। प्रथम चरण में 25 हजार से अधिक किसानों को इस योजना से जोड़ा जा चुका है।
द एनर्जी एंड रिसोर्स इंस्टीट्यूट (टेरी) और वीएनवी एडवाइजरी सर्विस के सहयोग से इस योजना के जरिए किसानों की आय में वृद्धि के प्रयास किये जा रहे हैं। प्रथम चरण में प्रदेश के 6 मंडल, गोरखपुर, बरेली, लखनऊ, मेरठ, मुरादाबाद और सहारनपुर के किसानों को कार्बन फाइनेंस योजना से जोड़ा गया है। अबतक 25,140 किसान इस योजना से जुड़ चुके हैं, जो 25,874 हेक्टेयर भूमि पर पेड़ लगाएंगे। इन पेड़ों से 42 लाख 19 हजार 369 कार्बन क्रेडिट का लक्ष्य सरकार ने रखा है। इस मद में सरकार द्वारा किसानों के लिए 202 करोड़ रुपए की धनराशि तय की गई है। कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि कार्बन क्रेडिट पाने के लिए किसानों को अधिक से अधिक तेज गति से बढ़ने वाले पौधों जैसे पापुलर, मीलिया डूबिया, सेमल आदि को लगाना होगा। प्रत्येक पांचवें वर्ष में छह अमेरिकी डॉलर के हिसाब से प्रति कार्बन क्रेडिट की खरीद होगी।
योजना के दूसरे चरण में सात नये मंडलों को शामिल किया जाएगा, इनमें देवीपाटन, अयोध्या, झांसी, मीरजापुर, कानपुर, वाराणसी व अलीगढ़ मंडल में किसानों को पेड़ लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके अलावा पहले चरण में शामिल मंडलों में नये किसानों को भी दूसरे चरण में जोड़ने की योजना है। इसी प्रकार तीसरे चरण में प्रदेश के बचे हुए पांच मंडल आगरा, प्रयागराज, आजमगढ़, बस्ती और चित्रकूट में योजना को लागू किया जाएगा।