लखनऊ, 5 अगस्तः हाशिये पर रहकर वर्षों तक जीवन यापन करने वाले जनजातीय समुदाय को ससम्मान मुख्यधारा में जोड़ने के लिए डबल इंजन सरकार अनवरत कार्य कर रही है। इसी कड़ी में योगी सरकार के निर्देश पर अब अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति, शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान द्वारा मीरजापुर में जनजातीय संग्रहालय का निर्माण कराया जा रहा है। संग्रहालय के लिए जिला प्रशासन ने भूमि का चयन भी कर लिया गया है।
उप्र में निवास करती हैं 15 जनजातियां
योगी सरकार के समाज कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने बताया कि उत्तर प्रदेश में अभी 15 जनजातियां निवास कर रही हैं। इनकी कला और संस्कृति काफी पुरानी है। इनकी विरासत को सहेजते हुए इसे आम लोगों तक पहुंचाने के लिए संग्रहालय का निर्माण होगा। संग्रहालय में जनजातीय समुदाय से जुड़े खानपान को बढ़ावा देने के लिए फ़ूड कोर्ट का भी निर्माण कराया जायेगा।
जनजातीय समुदाय को आर्थिक स्वावलंबन से जोड़ने पर भी जोर
जनजातीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए यहां आउटलेट भी होगा। यहां पर स्थानीय उत्पादों की बिक्री होगी और इससे समुदाय को आर्थिक स्वावलंबन भी प्राप्त होगा। जनजातीय समुदाय के परंपरागत वाद्ययंत्र और क्रीड़ा उपकरण भी संग्रहालय में देखने को मिलेंगे। संग्रहालय आधुनिक सुविधाओं से परिपूर्ण होगा, जिससे देश-विदेश से आने वाले पर्यटक जनजातीय शैली से रूबरू हो सकें।