बेटियों के प्रति सोच को बदले जाने की जरूरत

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने महिलाओं में कैंसर रोग की जागरूकता संबंधित मिशन हेतु कार्यरत संस्था “स्तुति चैरिटेबल सोसायटी“, के उद्घाटन समारोह में सम्मिलित हुई तथा कैंसर रोग की जागरूकता संबंधी मिशन हेतु संस्था के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म व इस संदर्भ में ब्रोशर का अनावरण राजभवन में किया।

आज आयोजित समारोह में राज्यपाल जी ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि समाज में 50 प्रतिशत महिलाएं हैं, जिनसे 25 प्रतिशत बच्चे जुड़े हुए हैं। इस प्रकार कुल 75 प्रतिशत लोगों की जिम्मेदारी महिलाएं उठा रही हैं, किंतु इन महिलाओं को उनके उत्कृष्ट कार्यो का समाज मे अपेक्षित सम्मान नहीं मिलता है। उन्होंने कहा कि आज चिकित्सा विज्ञान ने काफी प्रगति कर ली है तथा सर्वाइकल कैंसर एवं ब्रेस्ट कैंसर हेतु टीका उपलब्ध है। आज समाज को अपनी सोच को बदलने की जरूरत है तथा बेटियों की जिंदगी बचाने हेतु छोटी उम्र से ही उनके अच्छे स्वास्थ्य हेतु प्रयास किया जाना चाहिए। राज्यपाल ने महिलाओं में कैंसर संबंधी जागरूकता के प्रयास हेतु संस्था को बधाई देते हुए कहा कि 9 से 14 वर्ष की बेटियों के सर्वाइकल कैंसर से बचाव हेतु टीकाकरण के कार्य की शुरुआत सर्वप्रथम राजभवन से हुई। उन्होंने भारत सरकार के बजट में भी सर्वाइकल कैंसर के निःशुल्क टीकाकरण हेतु प्रावधान किये जाने पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि समाज में घटनाएं होती रहती हैं लेकिन कुछ घटनाएं ऐसी होती हैं, जिसमें अग्रिम उपाय से लोगों की जान बचाई जा सकती है।

उन्होनें कहा कि आज बेटियों के प्रति समाज की सोच में परिवर्तन लाये जाने की जरूरत है। घर बनाने में महिलाओं का योगदान काफी महत्वपूर्ण होता है और बीमारियां होने के बाद हम उन्हें भूल जाते हैं, ऐसा नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि महिलाओं को समूह में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र या सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाएं उनकी जांच कराएं तथा समय से उनका उपचार कराएं। उन्होंने कहा कि सभी विद्यालयों में बेटियों के सर्वाइकल कैंसर से बचाव हेतु वैक्सीनेशन का प्रयास किया जाना चाहिए। एक भी बेटी ऐसी ना रहे जिसे वैक्सीन ना लगी हो। उन्होंने विश्वविद्यालयों में मेनोपॉज तथा गर्भ संस्कार जैसे विषयों पर पाठ्यक्रम बनाकर छात्राओं को शिक्षित किये जाने को कहा।

उन्होंने कहा कि जब बेटियां इस संदर्भ में शिक्षित होंगी तो वे न सिर्फ घर में अपनी माता का बल्कि ससुराल जाने के बाद अपनी सास का तथा खुद का भी मार्गदर्शन कर पाएंगी। राज्यपाल ने अभिमन्यु का उदाहरण देते हुए गर्भ संस्कार के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि हमारे पास जो ज्ञान है उसका उपयोग हमें करना चाहिए। उन्होंने माता के दूध को बच्चों के लिए महत्वपूर्ण बताया तथा फीडिंग हेतु जागरूकता के प्रसार को आवश्यक बताया। उन्होंने कहा कि पुरुषों का दायित्व बनता है कि घर की महिलाओं की बीमारियों का ध्यान रखें। राज्यपाल ने कहा की कैंसर जागरूकता के साथ-साथ अंगदान हेतु भी प्रयास किये जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अंगदान में महिलाएं आगे हैं किंतु पुरुष आगे नहीं आते, यह सोच का विषय है। राज्यपाल जी ने महिलाओं को जागरूक करके कैंसर की जांच करवाये जाने व इस संदर्भ में ग्रासरूट लेवल पर कार्य किये जाने के निर्देश दिए। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि एवं दिव्य प्रेम सेवा मिशन के अध्यक्ष डॉ आशीष मोहन गौतम ने कैंसर से बचाव हेतु उपाय बताएं तथा इस संदर्भ में राज्यपाल के मार्गदर्शन हेतु धन्यवाद अर्पित किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संस्था की अध्यक्ष डॉ निरुपमा सिंह ने संस्था की स्थापना से अब तक का सफर एवं उसके गठन के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने सर्वाइकल कैंसर तथा स्तन कैंसर के प्रमुख लक्षणों एवं अग्रिम सतर्कता, एचपीवी टीकाकरण आदि पर प्रकाश डाला।

कार्यक्रम की शुरुआत आज बाघ दिवस के अवसर पर लघु फिल्म के प्रदर्शन के साथ हुआ। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राजपाल डॉ0 सुधीर महादेव बोबडे, प्रदेश के पूर्व जल शक्ति मंत्री डॉ0 महेंद्र सिंह, आंगनबाड़ी एवं आशा कार्यकत्रियां, विद्यालय एवं महाविद्यालय की छात्राएं व शिक्षिकाएं आदि उपस्थित रहे।

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