नई दिल्ली: कामिका एकादशी वर्ष में दो बार आती है, एक बार शुक्ल पक्ष में और एक बार कृष्ण पक्ष में. 2024 में, कामिका एकादशी कृष्ण पक्ष में 31 जुलाई, बुधवार को पड़ रही है. सभी एकादशियों में कामिका एकादशी को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है. मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है. ऐसा भी कहा जाता है कि इस व्रत को रखने वाले जातक की सभी मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं. कामिका एकादशी कई दुर्लभ योगों से युक्त होगी, जिनका जातकों के जीवन पर विशेष प्रभाव पड़ेगा.
कब रखा जाएगा कामिका एकादशी व्रत ?
एकादशी तिथि जुलाई 30, 2024 को 04:44 पी एम बजे से प्रारंभ होगी और जुलाई 31, 2024 को दोपहर 03:55 पी एम बजे पर समाप्त होगी. उदयातिथि के अनुसार कामिका एकादशी व्रत 31 जुलाई को ही रखा जाएगा.
1अगस्त को, पारण (व्रत तोड़ने का) समय सुबह 05:43 ए एम से 08:24 ए एम है. इसके अलावा, पारण तिथि के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय – 03:28 पी एम है.
कामिका एकादशी पर बनेंगे ये दुर्लभ योग
ध्रुव योग: यह योग मन को शांत और स्थिर रखने में मदद करता है.
सिंह योग: यह योग जातकों को पराक्रम और आत्मविश्वास प्रदान करता है.
अमावस्या योग: यह योग अध्यात्मिकता और आत्मज्ञान में वृद्धि करता है.
कामिका एकादशी की पूजा विधि
कामिका एकादशी के दिन दशमी तिथि को ही सूर्यास्त से पहले भोजन ग्रहण कर लेना चाहिए. एकादशी के दिन प्रातःकाल जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर भगवान विष्णु का पूजन करना चाहिए. भगवान विष्णु को तुलसी दल, फल, फूल, मिठाई आदि अर्पित करें. “ॐ नमो नारायणाय” मंत्र का जाप करें. दिन भर उपवास करें और रात्रि में भोजन ग्रहण करें. द्वादशी तिथि को प्रातःकाल सूर्योदय के बाद भगवान विष्णु का पूजन करके पारण करें.
अगर आपने इससे पहले कभी कामिका एकादशी व्रत नहीं रखा या आप व्रत रखते हैं लेकिन इसके लाभ के बारे में नहीं जानते तो आप ये भी जान ले. कामिका एकादशी का व्रत रखने से पापों का नाश होता है, मोक्ष की प्राप्ति होती है और भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है. भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी प्रसन्न होकर जातक की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं और धन-धान्य से उनके जीवन को समृद्ध कर देते हैं. रोगों से मुक्ति मिलती है. ग्रहों के दोष दूर होते हैं और जीवन में सुख-शांति का वास होता है.