लखनऊ, 20 जुलाई। उत्तर प्रदेश में सरकारी महकमों की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता को बढ़ावा देने, वाद निस्तारण प्रक्रिया को सुदृढ़ करने के साथ ही सभी जारी परियोजनाओं पर कार्यों की प्रगति को लगातार मॉनिटर करने के लिए फ्रेमवर्क बनाने के लिए योगी सरकार प्रतिबद्ध है। इसी क्रम में अब सीएम योगी की मंशा अनुसार उत्तर प्रदेश सिंचाई व जल संसाधन मंत्रालय को अब ऑनलाइन वेब पोर्टल बेस्ड सॉफ्टवेयर मॉनिटरिंग मैनेजमेंट सिस्टम से युक्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इस क्रम में, यूपी इलेक्ट्रॉनिक्सं कॉर्पोरेशन लिमिटेड (यूपीएलसी) ने सॉफ्टवेयर डेवलमेंट एजेंसी निर्धारण प्रक्रिया को ई-निविदा माध्यम से शुरू कर दिया है। इस एजेंसी निर्धारण प्रक्रिया में यूपीएलसी से पहले इंपैनल्ड सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट एजेंसियां ही भाग ले सकेंगी और सर्विस प्रोवाइडर केटेगरी (बी तथा सी) के अंतर्गत उन्हें कार्य सौंपा जाएगा।
डाटा कस्टमाइजेशन, प्रोग्रेस डाटा फीडिंग समेत कई खूबियों से होगी लैस
उत्तर प्रदेश सिंचाई व जल संसाधन मंत्रालय में ऑनलाइन मॉनिटरिंग मैनेजमेंट इनेबल्ड सॉफ्टवेयर मैनेजमेंट सिस्टम के विकास के लिए एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार की गई है। इसके अनुसार, इस प्रक्रिया के अंतर्गत कार्य प्राप्त करने वाली एजेंसी को ऐसे सॉफ्टवेयर का विकास करना होगा जो कि ऑनलाइन वेब पोर्टल बेस्ड सॉफ्टवेयर होने के साथ ही डाटा कस्टमाइजेशन, प्रोग्रेस डाटा फीडिंग, ट्रैकिंग व मॉनिटरिंग समेत विभिन्न प्रकार की सुविधाओं से लैस होगी। पदानुक्रम आधारित लॉगिन प्रणाली के साथ विभिन्न स्तरों पर लॉगिन प्रक्रिया से लैस होगी। इसके साथ ही यह यूजर की भूमिका और पदनाम के अनुसार डाटा से संबंधित विभिन्न प्रकार के कार्यों को पूर्ण करने का मार्ग प्रशस्त करेगी। इसके अतिरिक्त, यह प्रगति रिपोर्ट समेत विभिन्न प्रकार के रिपोर्ट्स बनाने का भी माध्यम भी बनेगी।
यूजर इंटरैक्शन हैंडलिंग कैपेसिटी व स्प्रिंग सिक्योरिटी मैकेनिज्म से होगा युक्त
इस वेब बेस्ड पोर्टल को स्प्रिंग सिक्योरिटी 6 प्रोटेकॉल के अंतर्गत विकसित किया जाएगा। पोर्टल को विंडोज-10 व विंडोज-11 इनेबल्ड बनाया जाएगा तथा एमवीसी स्प्रिंग बूट फ्रेमवर्क युक्त होगा। इसके अतिरिक्त, रेस्ट एपीआई स्प्रिंग बूट, जावा व एचटीएमएल इनेबल्ड एज्यूरे वीएम सर्वर के हिसाब से कार्य करेगा। इसे यूजर इंटरनैक्शन हैंडलिंग कैपेसिटी, सिक्योरिटी कॉन्फिगरेशन, कस्टम ऑथेंटिकेशन व सिक्योरिटी फिल्टर्स से लैस किया जाएगा। विभिन्न स्तरों पर वाद निस्तारण व मॉनिटरिंग प्रक्रिया को भी इस वेब बेस्ड पोर्टल को भी युक्त किया जाएगा।