नई दिल्ली। ओडिशा के सुप्रसिद्ध पुरी जगन्नाथ मंदिर का रत्न भंडार 46 साल लंबे इंतजार के बाद रविवार दोपहर खोला जाएगा। इसके साथ भगवान जगन्नाथ के आभूषणों को सूचीबद्ध किए जाने की प्रक्रिया आज से शुरू होगी। इससे पहले यह साल 1978 में खोला गया था।
राज्य सरकार की तरफ से गठित 16 सदस्यीय उच्चस्तरीय समिति ने रत्न भंडार को 14 जुलाई को खोलने की सिफारिश की थी। राज्य सरकार ने मंदिर प्रबंध समिति के लिए एसओपी जारी की है। जिसमें खजाना खोलने सहित सभी कार्यों के लिए प्रक्रिया तय की गई है। इस दौरान रिजर्व बैंक और पुरातत्व विभाग के प्रतिनिधि मौजूद रहेंगे। जगन्नाथ मंदिर प्रशासन के मुख्य प्रशासक को पूरे काम की निगरानी की जिम्मेदारी सौंपी गई है। रत्न भंडार में सांपों की मौजूदगी को देखते हुए स्नेक हेल्पलाइन और मेडिकल टीमों को भी तैनात किया जाएगा।
साल 2018 में ओडिशा विधानसभा में बताया गया था कि रत्न भंडार में 12831 तोले के स्वर्ण आभूषण हैं, जिनमें कीमती रत्न जड़े हुए हैं। साथ ही 22153 तोले चांदी के बर्तन व अन्य सामान हैं भाजपा ने ओडिशा की सत्ता में आने पर 12वीं सदी के इस मंदिर के खजाने को खोलने का वादा किया था। लोकसभा और विधानसभा चुनाव के दौरान राज्य में यह प्रमुख राजनीतिक मुद्दा बन गया था।