सऊदी अरब के पत्रकार जमाल खशोगी की इस्तांबुल वाणिज्य दूतावास में हत्या की बात आखिरकार तुर्की ने कबूल कर लिया है। लेकिन सवाल यह है कि अगर हत्या हुई तो खशोगी का शव कहां गया। इस हत्या को लेकर कई सवाल एक साथ मन में कौंध जाते हैं। जैसे हत्या किस तरह से की गई। हत्या में शामिल लोग कौन-कौन हैं। हत्या के बाद शव का क्या किया गया। यह सारे सवाल हत्या की गुत्थी सुलझाने में जुटी तुर्की पुलिस के लिए अभी एक पहेली है। हालांकि, तुर्की पुलिस का दावा है कि हत्या के बाद उनके शव को बेलग्रेड जंगल या इसके पास की ज़मीन में दफ़नाया गया होगा। यही कारण है कि वह जंगल की खाक छान रही है। तुर्की पुलिस का यह शक बेबुनियाद नहीं है।
तुर्की के दावों का सच
- तुर्की पुलिस का कहना है कि उनके पास जो साक्ष्य हैं, इससे यह पता चलता है कि ख़शोगी की सऊदी अरब के एजेंट्स की एक टीम ने हत्या की है।
- इस बाबत तुर्की के एक अखबार ने हत्या का ऑडियो जारी किया है। इसमें दूतावास के अंदर खशोगी की यातनाआें को और इस दौरान उनकी चीखों का ऑडियो है। इसमें यह दावा किया गया है की ये आवाज खशोगी की है।
- सऊदी अरब के सरकारी टीवी का दावा है कि खशोगी की इस्तांबुल दूतावास के भीतर बहस हुई थी। बहस के बाद एक झगड़े में वह मारे गए।
- पुलिस का दावा है कि हत्या के दिन दो गाड़ियां इस्तांबुल स्थित बेलग्रेड के जंगल की ओर रवाना हुई। पुलिस को यकीन है कि खशोगी के शव को इसी गाड़ी से ठिकाने लगाया गया।
- जांच दल का कहना है कि खशोगी के शव को बेलग्रेड जंगल या इसके पास की ज़मीन में दफ़नाया गया होगा।
- यह ग्रुप अपने साथ एक बोन कटर लेकर आया था। इस ग्रुप का एक सदस्य पोस्टमॉर्टम के बाद के कामों का विशेषज्ञ डॉक्टर था।
- तुर्की की सरकारी न्यूज एजेंसी अनाडोलू के अनुसार अरब वाणिज्य दूतावास में कार्यरत सऊदी के 15 संदिग्ध लोगों से पूछताछ की जा रही है।
- अनाडोलू के अनुसार गवाही देने वालों में राजदूत के ड्राइवर, रिसेप्शनिस्ट, तकनीशियन और अकाउंटेंट्स शामिल हैं।
सीसीटीवी फ़ुटेज का सच
इस घटना के बाद दूतावास के सीसीटीवी फ़ुटेज भी खंगाले गए हैं। इस फुटेज से यह पता चला कि ख़शोगी के वाणिज्य दूतावास में आने के महज दो घंटे बाद ही सऊदी राजनयिकों के नंबर वाली कई गाड़ियां बाहर गईं। हालांकि, उस रिकॉर्डिंग को अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है। साथ ही, तुर्की के विदेश मंत्री का ये भी कहना है कि ऑडियो को किसी के साथ साझा नहीं किया गया है।
तुर्की मूल के खशोगी 1958 में मदीना में पैदा हुए
पत्रकार जमाल खशोगी का जन्म 1958 में मदीना में हुआ था, जबकि उनका ख़ानदान तुर्की मूल का है। हालांकि दो पीढ़ियों से उनका खानदान सऊदी अरब में ही रह रहा था। उस वक्त सऊदी अरब में तेल की दौलत नहीं थी। हालांकि, बीते एक साल से खशोगी अमरीका में रह रहे थे। खशोगी अमरीकी अख़बार वॉशिंगटन पोस्ट के लिए नियमित कॉलम लिखते थे। वह अपनी मंगेतर हदीजे जेनगीज़ से निकाह रचाने के लिए कुछ ज़रूरी पेपरवर्क के लिए दो अक्टूबर को तुर्की स्थित सऊदी दूतावास इस्तांबुल गए थे। उनकी हत्या यहीं पर हुई।
सऊदी समाज में इस खानदान की खास अहमियत
सऊदी समाज में इस खानदान की एक अलग अहमियत है। जमाल खशोगी के दादा और अदनान खशोगी के पिता मोहम्मद खशोगी डॉक्टर थे और सऊदी अरब के पहले किंग अब्दुल अज़ीज़ बिन अब्दुल रहमान अल सऊद के शाही चिकित्सक थे। खशोगी खानदान सऊदी को एक रूढ़िवादी, धार्मिक और क़बायली समुदाय से अलग मुस्लिम समुदाय को आधुनिक दुनिया के मूल्यों के बराबर लाना चाहता है। इस लिहाज़ से खशोगी ख़ानदान सऊदी शाही राजनीति और क़बायली समुदाय में बदलाव के लिए एक मील का पत्थर रहा है। ऐसा माना जाता है कि सऊदी अरब के मौजूदा क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने खशोगी ख़ानदान को संतुष्ट करने के लिए कई सुधार किए और भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई की शुरुआत की।
जमाल खशोगी सऊदी अरब के अरबपति कारोबारी अदनान खशोगी के भतीजे हैं। अदनान की आर्थिक स्थिति 40 अरब डॉलर के क़रीब बताई जाती है। मोहम्मद खशोगी ने सऊदी अरब को अपना देश तो बना लिया था लेकिन उनका आना जाना पूरे अरब में था। उनके बच्चे अरब दुनिया के विभिन्न शहरों में पैदा हुए, जैसे अदनान खशोगी मक्का में पैदा हुए तो अदनान की एक बहन सुहैर खशोगी क़ाहिरा में पैदा हुईं, एक और बहन लेबनान में पैदा हुईं।
क्राउन प्रिंस की निंदा के चलते मिलती थी धमकियां
सऊदी अरब के मौजूदा क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की निंदा करने वाले जमाल खशोगी को अक्सर धमकियां मिलती थी। इन धमकियों के कारण पिछले साल उन्होंने सऊदी अरब छोड़ दिया था। सऊदी अरब के अधिकारी उन्हें क्रांउन प्रिंस की नीतियों की निंदा करने के चलते धमका रहे थे।
अपहरण से हत्या तक
2 अक्टूबर
- 03.28 तड़के: एक प्राइवेट जेट इस्तांबुल हवाई अड्डे पर उतरा। उसमें सऊदी एजेंट्स सवार थे। इसी दिन दोपहर के बाद एक और जहाज उतरा।
- 12.13 : वाणिज्य दूतावास की गाडि़यों में ये सऊदी एजेंट्स सवार हुए।
- 13.14: खशोगी दूतावास की एक बिल्डिंग में प्रवेश करते हैं। इस इमारत में वह अपने विवाह से पहले कुछ क़ाग़ज़ात लेने आए थे।
- 15.08 : कुछ गाड़ियां वाणिज्य दूतावास से बाहर निकलती हुई दिखती हैं। ये गाड़ियां वाणिज्यदूत के घर पर पहुंचती हैं।
- 21.00 : दोनों जेट रात नौ बजे तुर्की से चले जाते हैं।
3 अक्टूबर
- तुर्की सरकार का ऐलान, खशोगी लापता हैं। अब तक यह माना जाता रहा कि वह तुर्की के वाणिज्य दूतावास में ही हैं।
7 अक्टूबर
- तुर्की का दावा खशोगी की वाणिज्य दूतावास में ही हत्या हो गई है। बाद में सऊदी अरब ने इसका ज़ोरदार खंडन किया।
13 अक्टूबर
- तुर्की का दावा उनके पास खशोगी की हत्या के ऑडियो और वीडियो सबूत हैं।
15 और 17-18 अक्टूबर
- फॉरेंसिक टीम ने दूतावास पहुंची, तलाशी अभियान। यूरोपीय संघ, जर्मनी, फ्रांस, ब्रिटेन के साथ ही संयुक्त राष्ट्र ने भी स्पष्टता की मांग की है।