लखनऊ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने मंगलवार को ‘पेड़ लगाओ-पेड़ बचाओ जन अभियान-2024’ की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व व मार्गदर्शन में ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान को सफलतापूर्वक आगे बढ़ाया। ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के अंतर्गत उत्तर प्रदेश को इस वर्ष 36.46 करोड़ से अधिक का लक्ष्य मिला है। मुख्यमंत्री जी ने सभी संबंधित विभागों को निर्देश दिया कि आपसी समन्वय से इस लक्ष्य को हर हाल में आगामी 20 जुलाई को पूरा करें। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेशव्यापी पौधरोपण महाअभियान के लिए विभागवार व जनपदवार लक्ष्य निर्धारित करते हुए कार्य किया जाए। बैठक में उन्होंने प्रदेश सरकार के मंत्रियों व विभिन्न विभागाध्यक्षों को दिशा-निर्देश भी दिए।
उत्तर प्रदेश पर है प्रकृति व परमात्मा की असीम कृपाः सीएम
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश पर प्रकृति व परमात्मा की असीम कृपा है। यहां पौधरोपण अभियान अब जनांदोलन का स्वरूप ले चुका है। विगत छह वर्ष में यहां 168 करोड़ से अधिक पौधे रोपित किए जा चुके हैं। जिनमें 2017-18 में 5.72 करोड़, 2018-19 में 11.77 करोड़, 2019-20 में 22.60 करोड़, 2020-21 में 25.87 करोड़, 2021-22 में 30.53 करोड़, 2022-23 में 35.49, 2023-24 में 36.16 करोड़ पौधरोपण किए गए।
प्रदेश में आगामी 20 जुलाई को लगेंगे 36.46 करोड़ से अधिक पौधे
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में विगत छह वर्ष में 168 करोड़ से अधिक पौधे रोपित किए जा चुके हैं। भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा प्रकाशित स्टेट ऑफ फॉरेस्ट रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश में 1.98 लाख एकड़ भूमि में हरित आवरण में वृद्धि हुई है। प्रदेश में आगामी 20 जुलाई को 36.46 करोड़ से अधिक पौधे लगेंगे। सभी मंत्री अपने प्रभार वाले जनपद में उपस्थित रहकर स्थानीय जनप्रतिनिधियों व आमजन के साथ मिलकर पौधरोपण करें। इस कार्यक्रम में नोडल अधिकारी अपनी सक्रिय भूमिका का निर्वहन करें।
पौधरोपण जनअभियान के लिए तैयार किए गए हैं 54.20 करोड़ पौधे
पौधरोपण जनअभियान की सफलता के लिए पौधों की उपलब्धता अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। पर्यावरण, वन व जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा 54.20 करोड़ पौधे तैयार किए गए हैं। इन पौधों के रोपण के साथ-साथ इनकी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएं। पौधरोपण स्थलों की जियो टैगिंग की जाए।
पेड़ लगाओ-पेड़ बचाओ जनअभियान के लोगो का किया अनावरण
कार्यक्रम में माननीय मुख्यमंत्री ने सारस की ग्रीष्मकालीन गणना-2024 की घोषणा की। उन्होंने बताया कि इस बार गणना 19918 सारस पाए गए हैं। 2023 में यह संख्या 19522, 2022 में 19188 थी। माननीय मुख्यमंत्री जी ने पेड़ लगाओ- पेड़ बचाओ जनअभियान-2024 के लोगो का अनावरण भी किया। साथ ही उन्होंने वृक्षारोपण फ्लिप बुक का भी विमोचन किया।
मुख्यमंत्री जी का मार्गदर्शन व निर्देश
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि व्यापक जनसहयोग से प्रदेश के कुल हरित क्षेत्र में सतत वृद्धि हो रही है। राज्य सरकार का लक्ष्य प्रदेश के कुल हरित क्षेत्र को 2021-22 के 9.23 प्रतिशत से बढ़ाकर 2026-27 तक 15 प्रतिशत तक ले जाने का है। इस लक्ष्य के अनुरूप 175 करोड़ पौधे लगाने और संरक्षित करने होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ‘कार्बन फाइनेंस’ के माध्यम से कृषकों की आय में वृद्धि करने की दिशा में कार्य कर रही है। इसके लिए राज्य सरकार की ओर से किसानों को इंसेटिव भी प्रदान किया जाएगा। कार्बन फाइनेंस की जानकारी अधिक से अधिक किसानों तक पहुंचाई जाई। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जिन विभागों के पास पर्याप्त जमीन नहीं है, वह अन्य विभागों से समन्वय स्थापित कर पौधरोपण के कार्य को प्रमुखता से आगे बढ़ाएं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि प्रभारी मंत्रीगण व नोडल अधिकारी पौधरोपण जन अभियान से जुड़ें। पौधरोपण जन अभियान के संबंध में कुछ नए नवाचारों को भी आगे बढ़ाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों को सहजन का पौधा उपलब्ध कराएं और आंगनबाड़ी केंद्रों में सहजन का पौध लगाया जाए। यह पौधा कुपोषण से बचाव में काफी कारगर साबित होता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पीएम किसान सम्मान निधि के 2.62 करोड़ लाभार्थियों से संवाद बनाकर उन्हें भी पौधरोपण जन अभियान से जोड़ें। उन्होंने यह भी कहा कि अमृत सरोवरों, नदियों के किनारे, खाली जमीन, हाइवे-एक्सप्रेसवे के किनारे, मंडी समितियों में आवश्यक्तानुसार में फलदार-छायादार पौधे रोपित किए जाएं। गंगा, यमुना, हिंडन समेत अन्य नदियों के तटवर्ती क्षेत्रों में सघन पौधरोपण किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि पौधे लगवाने के साथ इनकी सुरक्षा के भी प्रबंध किए जाएं। ट्री गार्ड आदि लगाकर इनकी सुरक्षा भी हर हाल में सुनिश्चित की जाए। बाल वन, अमृत वन, नगर वन, युवा वन, शक्ति वन, मित्र वन, विरासत विरासत वाटिका, नक्षत्र वाटिका भी लगाकर पूर्व की भांति इस वर्ष भी नियोजित पौधरोपण के प्रयास किए जाएं। यह वन हरीतिमा बढ़ाने में अत्यंत उपयोगी सिद्ध हो रहे हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पौधरोपण के लिए वन भूमि, ग्राम पंचायत, सामुदायिक भूमि, एक्सप्रेसवे-हाइवे, फोरलेन सड़क, नहर, विकास प्राधिकरणों, चिकित्सा संस्थान, शिक्षण संस्थान की भूमि के साथ नागरिकों के द्वारा निजी परिसरों का उपयोग किया जा सकता है। निजी क्षेत्रों, एनजीओ, धार्मिक-सामाजिक संस्थाओं को भी इस अभियान के साथ जोड़ा जाए।