लखनऊ, 27 जून। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में एमएसएमई की 90 लाख से अधिक इकाइयां मौजूद हैं। 2017 में प्रदेश देशी की छठे नंबर की अर्थव्यवस्था थी, जो आज दूसरे स्थान पर आ गई है। यही कारण है कि रोजगार देने के मामले में यूपी आज पहले पायदान पर है। प्रदेश की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में राज्य के एमएसएमई उद्यमियों की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है। सीएम योगी गुरुवार को अंतरराष्ट्रीय एमएसएमई दिवस पर लोकभवन सभागार में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पूरी दुनिया में एमएसएमई अर्थव्यवस्था की रीढ़ होती है। यूपी सौभाग्यशाली है कि यहां सैकड़ों साल से स्थानीय स्तर पर हस्तशिल्पी, कारीगर अपने उत्पादों का निर्माण करते रहे हैं। मगर विगत दशकों में उचित प्रोत्साहन के आभाव में हमारा सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम दम तोड़ रहा था। 2017 तक एमएसएमई उद्यमियों के बीच हताशा और निराशा थी। हमारा प्रदेश अर्थव्यवस्था और रोजगार में फिसड्डी था। कृषि के बाद एमएसएमई ही रोजगार सृजन का सबसे बड़ा क्षेत्र है। इसे ध्यान में रखते हुए 2017 के बाद से लगातार किये गये प्रयास के फलस्वरूप आज हमारा एमएसएमई उद्योग प्रदेश के विकास की रीढ़ बन चुका है।
प्रदेश में 90 लाख से अधिक एमएसएमई इकाई
सीएम योगी ने कहा कि आज हम इंटरनेशनल ट्रेड शो के जरिए प्रदेश के एमएसएमई प्रोडक्ट की शोकेसिंग करने में कामयाब हुए हैं। उन्होंने बताया कि आज 20 हजार करोड़ से अधिक के ऋण की सुविधा उद्यमियों को प्राप्त होने जा रही है। इसके साथ ही रैम्प योजना के तहत बंद हो रही इकाइयों के उत्थान का काम किया गया है। इसके अलावा उद्यम को नये स्तर पर पहुंचाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए गये हैं। प्रदेश में 90 लाख से अधिक एमएसएमई इकाई हैं। इनकी ब्रांडिंग, मार्केटिंग और शोकेसिंग में हमने लंबी छलांग लगाई है। उन्होंने बताया कि झांसी में आज उद्घाटित हुआ रानी लक्ष्मीबाई प्लेज पार्क प्रदेश का 11वां प्लेज पार्क है। निजी क्षेत्र में उद्यमियों के लिए ये प्लेज पार्क अत्यंत ही लाभकारी होते हैं।
औद्योगिक वातावरण के लिए एमएसएमई आवश्यक
मुख्यमंत्री ने बताया यूपी में आज निवेश का बेहतर वातावरण बना है। कानून का राज और सुरक्षा व्यवस्था सुदृढ़ हुई है। उद्योग-धंधों के लिए ये कारक बहुत जरूरी होते हैं, इसके साथ ही औद्योगिक वातावरण के लिए एमएसएमई भी आवश्यक होते हैं। सीएम ने बताया कि डिफेंस उत्पादन में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रदेश में डिफेंस कॉरीडोर बन रहा है। डिफेंस कॉरिडोर में अबतक 24 हजार करोड़ के निवेश को हमने यहां लागू कर लिया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में एमएसएमई पॉलिसी को कोविड काल में लागू किया था। सीएम ने पॉलिसी की खूबियां गिनाईं साथ ही फ्लेटेड फैक्ट्री को सफलतापूवर्क आगे बढ़ाने की जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि गत वर्ष की तरह इस वर्ष भी सितंबर में इंटरनेशनल ट्रेड शो का आयोजन होने जा रहा है। पिछले साल 70 हजार बायर्स ट्रेड शो में आए थे, इसबार यह संख्या और बढ़ेगी। इंटरनेशनल ट्रेड शो के जरिए हमें अपने प्रदेश के प्रोडक्ट की बेहतरीन मार्केटिंग का अवसर मिलता है।
सरकार हर स्तर पर अपने उद्यमियों के साथ
सीएम योगी ने बताया कि प्रदेश सरकार एमएसएमई उद्यमियों को मुख्यमंत्री उद्यमी बीमा का कवर देती है, अबतक 24 लाख से अधिक उद्यमियों ने इसमें रजिस्ट्रेशन कराया है। इसके अंतर्गत अगर किसी आपदा की चपेट में कोई उद्यमी आता है तो उसे 5 लाख रुपए तक का लाभ सरकार प्रदान करेगी। साथ ही साथ मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान के अंतर्गत 5 लाख तक के ऋण को ब्याज मुक्त करने के लिए हमने कदम बढ़ाए हैं। आगामी 10 साल में 10 लाख सूक्ष्म उद्यमियों को इससे जोड़ने का लक्ष्य है। सीएम ने सभी उद्यमियों को अंतरराष्ट्रीय एमएसएमई दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि सरकार हर स्तर पर अपने उद्यमियों के साथ खड़ी है।
20 हजार करोड़ के ऋण वितरण का शुभारंभ
इस अवसर पर उन्होंने एमएसएमई यूनिट्स को बैंकों द्वारा 20 हजार करोड़ के ऋण वितरण का शुभारंभ किया। साथ ही उन्होंने पीएमईजीपी, एमवाईएसवाई, ओडीओपी व मुद्रा योजना के लाभार्थियों को ऋण तथा विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना, ओडीओपी व केवीआईबी के लाभार्थियों को टूलकिट का वितरण किया। इसके अलावा उन्होंने झांसी के प्लेज पार्क का भी उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर आरएएमपी (रेजिंग एंड एक्सेलेरेटिंग एमएसएमई परफॉर्मेंस) योजना का भी शुभारंभ किया।
इस अवसर पर प्रदेश सरकार में एमएसएमई मंत्री राकेश सचान, आईआईडीसी मनोज कुमार, प्रमुख सचिव, आलोक कुमार, समीर रंजन पंडा सहित अन्य गणमान्य एवं प्रदेशभर से हस्तशिल्पी, कारीगर, बैंकर्स, उद्यमी और विशेषज्ञ मौजूद रहे।
सीएम से सम्मानित हुए हस्तशिल्पी, कारीगर और उद्यमी
मुख्यमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय एमएसएमई दिवस पर विश्वकर्मा श्रम सम्मान के लाभार्थी सीतापुर के गुरदीप सिंह, लखनऊ की आकांक्षा गौतम, लखनऊ की रूबी देवी और गोरखपुर की माधुरी शर्मा को टूलकिट वितरित किया। इसके अलावा लखनऊ के रंजीत, बाराबंकी के संजय कुमार, लखनऊ के कल्लू कुम्हार को सम्मानित किया। साथ ही पुष्प कुमार सिंह, साधना सिंह, आलोक कुमार गुप्ता, अमित सिंह, देवेन्द्र कुमार मिश्रा, रमेश नारायण दुबे, मो. आदिल बेग को विभिन्न उद्यमों के लिए ऋण प्रदान किया।