पर्यटन स्थलों के सर्वे व ‘टूरिस्ट गैप एनालिसिस’ के जरिए ‘आध्यात्मिक सर्किट’ के विकास का मार्ग प्रशस्त करेगी योगी सरकार

लखनऊ, 24 जून। उत्तर प्रदेश की उन्नति का मार्ग प्रशस्त कर रही योगी सरकार का प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने पर विशेष फोकस है। प्रदेश में पर्यटन विकास को बढ़ावा देने के लिए सीएम योगी के विजन अनुसार 12 मेगा टूरिज्म सर्किट्स का विकास जारी है, इसी क्रम में योगी सरकार द्वारा आध्यात्मिक सर्किट में छिपी अपार संभावनाओं को लक्षित करते हुए पर्यटन विकास की प्रक्रिया को गति प्रदान की गई है। सीएम योगी की मंशा अनुसार आध्यात्मिक सर्किट में पर्यटन विकास को लेकर एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार की गई थी और इसी कार्ययोजना को क्रियान्वित करते हुए उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। कार्ययोजना के अनुसार, आध्यात्मिक सर्किट में पर्यटन विकास के लिए टूरिस्ट डेस्टिनेशंस के सर्वे व टूरिस्ट गैप एनालिसिस प्रक्रियाओं को पूर्ण कराया जाएगा। खास बात है कि इस प्रक्रिया को पूर्ण करने के लिए यूपी टूरिज्म पॉलिसी डॉक्यूमेंट 2022 के अनुसार 7 एस पर आधारित मानकों को मुख्यतः ध्यान में रखा जाएगा जिसमें सूचना, स्वागत, सुविधा, सुरक्षा, स्वच्छता, संरचना व सहयोग प्रमुख हैं।

टूरिस्ट गैप एनालिसिस को लेकर तैयार की जाएगी डीपीआर

उत्तर प्रदेश ने पिछले कुछ वर्षों पर्यटन के लिहाज से काफी तरक्की की है और आज वह देश के प्रमुख टूरिस्ट डेस्टिनेशंस में शुमार है। यही कारण है कि यहां बड़ी तादात में पूरी दुनिया से टूरिस्ट्स का आगमन हो रहा है। दूसरी ओर, श्री काशी विश्वनाथ धाम को कॉरी़डोर से सजाने और श्री अयोध्या धाम के विकास कार्यों ने हाल के वर्षों में इन दोनों स्थानों को प्रदेश के टॉप टूरिस्ट डेस्टिनेशन के तौर पर स्थापित किया है। इसके अतिरिक्त, वर्ष 2025 में उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुम्भ का आयोजन भी होने जा रहा है जिसमें कम से कम 30 करोड़ लोग हिस्सा ले सकते हैं। ऐसे में, प्रदेश में टूरिस्ट गैप एनालिसिस के आंकलन के लिए एक डीटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार किया जाएगा। इसके जरिए प्रदेश के आध्यात्मिक सर्किट समेत विभिन्न सर्किट्स में पर्यटन विकास की प्रक्रिया को एक नई दिशा मिलेगी। इसके अलावा, यह रिपोर्ट ब्रांडिंग व मार्केटिंग आदि के लिहाज से भी महत्वपूर्ण होगी क्योंकि इसके जरिए ही आध्यात्मिक सर्किट के टूरिस्ट डेस्टिनेशंस की हैंडलिंग कैपेसिटी समेत विभिन्न मानकों का निर्धारण होगा और इन्हीं मानकों के आधार पर तय होगा कि किस स्ट्रैटेजी को अपनाकर किस टूरिस्ट डेस्टिनेशन का सबसे बेहतर विकास हो सकता है।

फोटोग्राफी, वीडियो क्लिप्स व ड्रोन कवरेज से भी सर्वे के लिए जरूरी आंकड़े होंगे संकलित

कार्ययोजना के अनुसार, टूरिस्ट गैप एनालिसिस के लिए उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा चयनित एजेंसियों में से कार्यावंटन जिस एजेंसी को प्राप्त होगा वह यह सुनिश्चित करेगी कि सर्वे की मेथोडॉलिजी विभाग की जरूरतों के अनुसार विभाग के अधिकारियों के परामर्श के बाद तय की जाए। वैसे सर्वे रिपोर्ट में सैंपलिंग कितने लोगों के फीडबैक्स की होगी, सभी चयनित टूर्सिट डेस्टिनेशंस की फोटोग्राफी व वीडियो क्लिप्स की रिकॉर्डिंग भी कराई जाएगी जिसको डीपीआर में शुमार किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, जरूरत पड़ने पर ड्रोन सैंपलिंग और ड्रोन द्वारा भी फोटो-वीडियो कैप्चरिंग कवरेज कराई जाएगी।

राजस्व ही नहीं, विदेशी निवेश व रोजगार का भी बनेगा जरिया

सभी चयनित टूरिस्ट स्पॉट्स व डेस्टिनेशन पर कार्ययोजना के अनुसार डीपीआर के अंतर्गत टूरिज्म स्टैटिस्टिक्स के संचयन, ग्रोथ ट्रेंड व कैपेसिटी का आंकलन, सिटिजन सेंट्रिक अप्रोच के साथ प्रत्येक स्थल को लेकर लोगों से फीडबैक जुटाए जाएंगे। इससे नेशनल इंटरनेशनल गुड प्रैक्टिसेस ग्लोबल एक्सपीरिएंसेस व फ्यूचरिस्टिक नेक्स्ट जेन टेक्नोलॉजी एप्लिकेशन के जरिए टूरिस्ट स्पॉट्स व डेस्टिनेशंस के उचित संचालन व उच्चीकरण की प्रक्रिया को पूर्ण किया जाएगा। इन सभी कार्यों को पूरा करने से इन स्थानों पर टूरिस्ट्स की भीड़ बढ़ने के साथ प्रदेश सरकार को प्राप्त होने वाले राजस्व में वृद्धि होगी, साथ ही इन क्षेत्रों पर दुनिया भर से विदेशी निवेश को बड़े स्तर पर आकर्षित करने में मदद मिलेगी, जिससे क्षेत्र के विकास के साथ स्थानीय लोगों को रोजगार और बेहतर सुविधाएं मिलने का मार्ग प्रशस्त हो सकेगा।

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