आधुनिक शिक्षण प्रणाली से लैस होंगे उत्तर प्रदेश के अनुदानित विद्यालय

लखनऊ, 23 जून। उत्तर प्रदेश की शिक्षण प्रणाली को आधुनिकता के जरिए उच्च गुणवत्ता युक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश के अनुदानित विद्यालयों के कायाकल्प की तैयारी शुरू कर दी है। सीएम योगी की मंशा अनुसार तैयार की गई विस्तृत कार्ययोजना को क्रियान्वित करते हुए अनुदानित विद्यालयों के कायाकल्प की प्रक्रिया शुरू हो गई है जिसके अंतर्गत जल्द ही प्रदेश के अनुदानित विद्यालयों को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से जोड़ते हुए स्टूडेंट्स व स्टाफ के आधार व अन्य जानकारियों को समायोजित कर मोबाइल ऐप का विकास किया जाएगा। यह ऐप जियो टैगिंग व टीचिंग स्टाफ मॉड्यूल समेत कई खूबियों से लैस होगा तथा समाज कल्याण विभाग ने उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड (यूपीएलसी) को इसके विकास का जिम्मा सौंपा है। प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए यूपीएलसी ने अपने यहां इंपैनल्ड कंपनियों के चयन और कार्यावंटन की प्रक्रिया शुरू करते हुए ई-निविदा के माध्यम से आवेदन मांगे हैं।

विभिन्न प्रक्रियाओं को पूरा कर होगा ऐप का विकास

प्रदेश के अनुदानित विद्यालयों के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म बेस्ड ऐप के विकास की तैयारी की जा रही है वह विभिन्न प्रक्रियाओं को पूर्ण करने के बाद विकसित होगा। इस क्रम में यूपीएलसी द्वारा कार्यावंटन के बाद चयनित की गई ऐप डेवलपमेंट सर्विस प्रोवाइडर एजेंसी को पहले डीटेल्ड प्रोजेक्ट स्टडी विभाग के अधियारियों से प्राप्त फीडबैक के आधार तैयार करना होगा। इसके बाद, अनुदानित विद्यालयों से स्टूडेंट्स, स्टाफ व अन्य महत्वपूर्ण डाटा को संकलित किया जाएगा जिसमें आधार समेत कई जानकारियां शामिल होंगी। इसके बाद, सारे प्राप्त डाटा को संकलित कर सिस्टम रिक्वायरमेंट स्पेसिफिकेशन (एसआरएस) के अनुसार समायोजित किया जाएगा। प्रोजेक्ट रिपोर्ट व डीटेल्ड रिपोर्ट का इसी आधार पर निर्माण किया जाएगा जिसके जरिए ऐप के विकास का मार्ग प्रशस्त होगा।

रजिस्ट्रेशन मॉड्यूल व एमआईएस को बनाया जाएगा सुलभ

सिस्टम रिक्वायरमेंट स्पेसिफिकेशन के आधार पर तैयार हुई डीटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) के जरिए ऐप व ऑनलाइन मॉड्यूल में रजिस्ट्रेशन मॉड्यूल व मैनेजमेंट इनफॉर्मेशन सिस्टम (एमआईएस) का विकास किया जाएगा। रजिस्ट्रेशन मॉड्यूल मुख्यतः तीन केटेगरीज में डिवाइडेड होगा। पहली केटेगरी के तौर पर स्टूडेंट रजिस्ट्रेशन मॉड्यूल, दूसरी केटेगरी के तौर पर स्टाफ रजिस्ट्रेशन मॉड्यूल और तीसरी केटेगरी के तौर पर विद्यालय (इंफ्रास्ट्रक्चर) रजिस्ट्रेशन मॉड्यूल का विकास किया जाएगा। इन मॉड्यूल्स का विकास ईजी एक्सेसिबिलिटी के आधार पर किया जाएगा।

60 हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स को ट्रैक करने में होगा सक्षम

इस ऑनलाइन मॉड्यूल बेस्ड मोबाइल ऐप को वास्ट डाटाबेस मैनेजमेंट के लिहाज से विकसित किया जा रहा है और इसके विकास के बाद 60 हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स को ट्रैक करने और उनके डाटाबेस को वन स्टॉप डेस्टिनेशन के तौर पर एक्सेस करने का प्लेटफॉर्म तैयार हो जाएगा। इस ऐप में स्टूडेंट्स के डेट ऑफ बर्थ, जेंडर, मोबाइल नंबर, पता, परिवारिक पृष्ठिभूमि, सोशल व फाइनेंशियल डिटेल, आधार वैलिडेशन व एकेडेमिक रिकॉर्ड्स शामिल होंगे। स्टाफ व टीचर्स की भी इसी प्रकार की जानकारियां अंकित होंगी। इसके साथ ही, विद्यालय का नाम व पूरा पता, मैनेजमेंट डीटेल्स, लैटीट्यूड-लॉन्गिट्यूड समेत विभिन्न प्रकार की जानकारियां अंकित होंगी।

400 से ज्यादा अनुदानित विद्यालयों का डाटा होगा एक प्लैटफॉर्म पर समायोजित

ऐप को 400 से ज्यादा अनुदानित विद्यालयों के लॉग इन व एक्सेस, डायरेक्टोरेट लॉगिन (एडमिन), आईडी पासवर्ड मैनेजमेंट इनेबल्ड, यूजर रोल डिफाइनिंग व परमिशन एक्सेस, लिस्टिंग, यूजर फ्रेंडली एक्सेसिबिलिटी, एनालिटिक्स व स्केलेबिलिटी एबिलिटी के साथ एडवांस्ड सिक्योरिटी फीचर्स से लैस होगा। कार्यदायी एजेंसी इस बात को भी सुनिश्चित करेगी कि 16 जीबी रैम बेस्ड होस्टिंग सर्विस, एक टैराबाइट की स्टोरेज व सर्च इंजन ऑप्टिमाइज्ड ऐप का विकास किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, कम्प्यूटर इमर्जेंसी रिस्पॉन्स टीम (सीईआरटी) की अनुशंसा पर एनुअल मेंटिनेंस व स्टाफ की तीन दिनी ऑफिशियल ट्रेनिंग का मार्ग का भी प्रशस्त किया जाएगा।

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