(शाश्वत तिवारी) नई दिल्ली। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना भारत के दो दिवसीय दौरे पर हैं। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर से मुलाकात की और द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाने को लेकर चर्चा की। इस दौरान दोनों देशों के बीच समुद्री क्षेत्र और समुद्री अर्थव्यवस्था में संबंधों को बढ़ावा देने सहित कई अहम समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। इन समझौतों में डिजिटल डोमेन में संबंध मजबूत करने, अंतरिक्ष क्षेत्र में सहयोग, समुद्री रिसर्च, सुरक्षा एवं रणनीतिक मामलों में सहयोग, स्वास्थ्य एवं आपदा प्रबंधन, मत्स्य पालन, रेलवे संपर्क बढ़ाने और ‘हरित साझेदारी’ को लेकर समझौता शामिल है। इसके साथ ही भारत ने बांग्लादेश के नागरिकों को मेडिकल ई-वीजा की सुविधा देने का ऐलान भी किया है। समझौतों के बाद मीडिया से बात करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा आज हमने नए क्षेत्रों में सहयोग के लिए भविष्य का विजन तैयार किया है। हरित भागीदारी, डिजिटल भागीदारी, समुद्र आधारित अर्थव्यवस्था और अंतरिक्ष जैसे क्षेत्रों में सहयोग पर बनी सहमति से दोनों देशों के युवाओं को फायदा होगा।
मोदी 3.0 सरकार के गठन के बाद यह किसी राष्ट्राध्यक्ष की पहली द्विपक्षीय राजकीय यात्रा है। पीएम मोदी ने शनिवार को राष्ट्रपति भवन में हसीना का जोरदार स्वागत किया, जिसके बाद उन्हें सेरेमोनियल वेलकम दिया गया। इस दौरान हसीना ने राजघाट जाकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि भी दी। पीएम मोदी ने ‘पड़ोसी प्रथम’ नीति को लेकर भारत के फोकस को दोहराते हुए सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा बांग्लादेश, हमारी ‘नेबरहुड फर्स्ट’ पॉलिसी, एक्ट ईस्ट पॉलिसी, विज़न सागर और इंडो-पैसिफिक विजन के संगम पर स्थित है। वहीं अपने बयान में पीएम हसीना ने भारत को बांग्लादेश का प्रमुख पड़ोसी और भरोसेमंद मित्र बताते हुए कहा भारत हमारा प्रमुख पड़ोसी, भरोसेमंद दोस्त और क्षेत्रीय साझेदार है। बांग्लादेश भारत के साथ अपने संबंधों को बहुत महत्व देता है, जो 1971 के मुक्ति संग्राम से शुरू हुए थे।
विदेश मंत्री जयशंकर ने रविवार को ‘एक्स’ पर लिखा पीएम शेख हसीना की राजकीय यात्रा भारत-बांग्लादेश मैत्री की गहराई को दर्शाती है। हमारे नए कार्यकाल में उनका पहली राजकीय अतिथि होना यह दर्शाता है कि हम भारत-बांग्लादेश संबंधों को कितना महत्व देते हैं। वास्तव में अच्छे पड़ोसी होने के नाते, हमारे संबंध पारंपरिक क्षेत्रों को मजबूत कर रहे हैं और नए क्षेत्रों को कवर कर रहे हैं।