(शाश्वत तिवारी) नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी औऱ केंद्र सरकार के अथक प्रयासों से भारतीय संस्कृति से जुड़ा योग अब विदेशों में भी तेजी से प्रसारित हो रहा है। विदेशों में योग के प्रचार-प्रसार में भारतीय दूतावास और मिशनों की अहम भूमिका रही है। दुनिया भर में स्थित भारतीय दूतावास और मिशन 21 जून को आयोजित होने वाले 10वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की तैयारी में जुटे हुए हैं और हर वर्ष की तरह अपने-अपने देशों में विभिन्न योग सत्र आयोजित कर रहे हैं। दुनिया के विभिन्न देशों की राजधानी और अन्य शहरों में स्थित भारतीय दूतावास, उच्चायोग और महावाणिज्य दूतावास अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2024 को सफल बनाने के लिए पिछले एक महीने से भी अधिक समय से जुटे हुए हैं। भारतीय मिशन योग सत्रों की तस्वीरें लगातार सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर भी साझा कर रहे हैं।
लोगों को योग के प्रति जागरूक करने और अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को सफल बनाने के लिए पड़ोसी देश नेपाल, श्रीलंका, बांग्लादेश, भूटान, चीन, म्यांमार और आसियान के अलावा अमेरिका, ब्रिटेन, इटली, ऑस्ट्रेलिया, ऑस्ट्रिया, स्विट्जरलैंड, मलेशिया, सिंगापुर, नीदरलैंड, मैक्सिको, नॉर्वे, थाईलैंड, मॉरीशस, सऊदी अरब, वियतनाम, अर्जेंटीना, ब्राजील, युगांडा, पनामा, निकारागुआ और कोस्टा रिका, पेरू एवं बोलीविया, गुयाना, हांगकांग, माल्टा, बहरीन, इराक, सीरिया, मिस्त्र, जिम्बाब्वे, नाइजीरिया, तंजानिया, इथोपिया, फुएंत्शोलिंग, जॉर्डन, याउंडे, कोटे डी आइवर, मेक्सिको, सेशेल्स, इंडोनेशिया, अजरबैजान, एस्वातिनी, मॉरिटानिया, सिएटल, बीरगंज, सिलहट, कोलंबिया, स्कॉटलैंड और अन्य कई देशों में स्थित भारतीय मिशन अलग-अलग शहरों में योग सत्र आयोजित कर रहे हैं, जिनमें भारतीय मूल के लोगों के साथ ही स्थानीय लोगों की भी भारी मौजूदगी देखी जा रही है।
संयुक्त राष्ट्र ने 11 दिसंबर 2014 को एक प्रस्ताव के माध्यम से 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया था, जिसे रिकॉर्ड 175 सदस्यों ने समर्थन दिया था, जिसके बाद 21 जून 2015 को पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया। इस साल योग दिवस का मुख्य विषय ‘स्वयं और समाज के लिए योग’ है, जो व्यक्तिगत और सामाजिक कल्याण को बढ़ावा देने में योग की दोहरी भूमिका को रेखांकित करता है। 21 जून को एक तरफ जहां विदेशों में भारतीय मिशन विभिन्न योग सत्र आयोजित करेंगे, वहीं भारत में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का मुख्य समारोह श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र (एसकेआईसीसी) में आयोजित किया जाएगा, जिसका नेतृत्व पीएम मोदी करेंगे।