लखनऊ, 14 जून। भ्रष्टाचार और कार्य में लापरवाही के खिलाफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जीरो टॉलरेंस की नीति के क्रम में चकबंदी विभाग ने दो जिलों के चकबंदी अधिकारियों के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया है। शासन द्वारा मीरजापुर और बांदा के चकबंदी अधिकारियों को सस्पेंड किया गया है। वहीं मैनपुरी में भी चकबंदी से जुड़े आधा दर्जन अधिकारी और कर्मचारियों पर गाज गिरी है। प्रदेश के चकबंदी आयुक्त जीएस नवीन ने बांदा और मीरजापुर के दोनों चंकबंदी अधिकारियों निलंबित करते हुए इनके खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिये हैं। वहीं मैनपुरी के अधिकारी और कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय जांच और कारण बताओ नोटिस जारी की गई है।
बताया गया कि बांदा में वित्तीय वर्ष 2023-24 में धारा-27 व 52 के अंतर्गत लक्षित ग्राम उमरेंहडा का कार्य पूर्ण न करने, ग्राम बहिंगा में सहायक चकबन्दी अधिकारी स्तर पर सृजित चकों की त्रुटियों का निराकरण कर कार्य आगे बढ़ाने के बजाय ग्राम को सहायक चकबन्दी अधिकारी स्तर पर प्रत्यावर्तित करने, सीसीएमएस पोर्टल के माध्यम से न्यायालय न चलाने तथा ग्राम उमरेंहडा के गाटा संख्या-1331 का रकबा बन्दोबस्त से अधिक बढ़ाने आदि अनियमितताओं के लिये चकबंदी अधिकारी राणा प्रताप को निलम्बित करते हुये उनके विरूद्ध अनुशासनिक कार्यवाही के आदेश दिये गये हैं।
इसी प्रकार मीरजापुर में ग्राम नवैया की चक संख्या-950 आदि से मृतक शेषनरायन सिंह की वरासत मनमाने तौर पर बिना जांच चार बार पृथक-पृथक आदेश पारित कर पद का दुरुप्रयोग किये जाने एवं बाद संख्या-174, धारा-12 में बिना दस्तावेज का सम्यक् परीक्षण और जांच के नामान्तरण आदेश दिनांक पारित करने के लिये चकबंदी अधिकारी राजेन्द्र राम को निलम्बित कर विभागीय कार्यवाही के आदेश दिये गये हैं।
वहीं मैनपुरी में चकबंदी अधिकारी मोहम्मद साजिद, चकबंदी कर्ता काली चरण और रविकांत, चकबंदी लेखपाल अमित कुमार और अजय कुमार के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की गई है। इसके अलावा मैनपुरी के ही उप संचालक चकबंदी/एडीएम एफआर रामजी मिश्र को कारण बताओ नोटिस जारी की गई है। इन सभी के खिलाफ कार्य में लापरवाही का आरोप है।