सात विकसित देशों के समूह (जी-7) के शिखर सम्मेलन के आउटरीच सत्र में भाग लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इटली के अपुलिया पहुंच गये हैं। एक दिवसीय यात्रा के दौरान वह कई वैश्विक नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें करेंगे।
पीएम मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, मैं जी-7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए इटली पहुंच गया हूं। दुनिया के नेताओं के साथ मिलकर सार्थक चर्चा करने के लिए उत्सुक हूं। हमारा लक्ष्य वैश्विक चुनौतियों का समाधान करना और उज्ज्वल भविष्य के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना है।
विदेश मंत्रालय (एमईए) के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने हवाई अड्डे से एक वीडियो संदेश में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी-7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए इटली के अपुलिया में ब्रिंडिजी एयरपोर्ट पर उतरे।
प्रवक्ता ने कहा कि एजेंडे में आउटरीच सत्र में भागीदारी शामिल है। इस दौरान, वैश्विक नेताओं के साथ कई द्विपक्षीय बैठकें भी होंगी।
सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री आउटरीच सत्र के लिए रवाना होने से पहले फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ द्विपक्षीय बैठकें करेंगे। इन बैठकों में मुख्य रूप से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), ऊर्जा, अफ्रीका और भूमध्य सागर पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
बाद में, पीएम मोदी के जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज, इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी और जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा के साथ बातचीत करने की उम्मीद है।
पीएम मोदी और कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो के बीच कोई द्विपक्षीय बैठक निर्धारित नहीं है, लेकिन आधिकारिक फोटो-ऑप के दौरान उनके अनौपचारिक रूप से मिलने की संभावना है।
इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) जेक सुलिवन ने गुरुवार को ब्रिंडिजी जाते समय संवाददाताओं से कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और पीएम मोदी को जी-7 सत्र के दौरान एक-दूसरे से मिलने का अवसर मिलेगा।
सुलिवन ने कहा, जब हम पेरिस में थे, तब राष्ट्रपति बाइडेन ने प्रधानमंत्री मोदी से फोन पर बात की थी और उन्हें चुनाव के नतीजों और तीसरे कार्यकाल के लिए बधाई दी थी।
अमेरिकी एनएसए ने कहा, हमें उम्मीद है कि मोदी और बाइडेन को एक-दूसरे से मिलने का अवसर मिलेगा। उस मुलाकात की प्रकृति क्या होगी, यह अभी भी निश्चित नहीं है, क्योंकि कार्यक्रम अभी पूरी तरह तय नहीं है।
लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए पदभार संभालने के बाद प्रधानमंत्री मोदी की यह पहली विदेश यात्रा है और शिखर सम्मेलन में उनकी लगातार पांचवीं भागीदारी है।
भारत जी-7 शिखर सम्मेलन में 11वीं बार भाग लेगा।