लखनऊ, 13 जून। उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने की दिशा में कार्यरत योगी सरकार प्रदेश की जनता को स्वास्थ्य का वरदान देने की दिशा में भी निरंतर प्रयासरत है। एक ओर, योगी सरकार प्रदेश में निवेश, अवसंरचनात्मक विकास और नागरिक सुविधाओं में वृद्धि के लिए लगातार प्रयास कर रही है, दूसरी ओर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं के उच्चीकरण की भी प्रक्रिया निरंतर जारी है। इस क्रम में, सीएम योगी की मंशा के अनुरूप वाराणसी में 500 बेड युक्त मल्टी सुपर स्पेशेलिटी चिकित्सालय (श्री शिवप्रसाद गुप्त मण्डलीय जिला चिकित्सालय-एसएसपीजी) तथा आगरा में 150 बेड वाले एलएलडी (लेडी लॉयल) जिला महिला अस्पताल के कायाकल्प व नवनिर्माण की प्रक्रिया ईपीसी (इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट व डिजाइन) माध्यम से जारी है। इन दोनों ही निर्माण कार्यों की मॉनिटरिंग के लिए सीएम योगी के निर्देशानुसार योजना विभाग द्वारा प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कन्सल्टेंट्स की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। दूसरी ओर, लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के डिपार्टमेंट ऑफ ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन (ब्लड बैंक) में भी आधुनिक मशीनों के क्रय की प्रक्रिया शुरू हो गई है जिससे नागरिक सुविधाओं में इजाफा होगा।
करोड़ों खर्च कर प्रक्रिया को किया जा रहा है पूर्ण
सीएम योगी के निर्देश पर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा देने के लिए जिस विस्तृत कार्ययोजना का निर्माण किया गया था उस पर क्रियान्वयन शुरू हो गया है। उल्लेखनीय है कि वाराणसी में 500 बेड युक्त मल्टी सुपर स्पेशेलिटी चिकित्सालय के अंतर्गत 5.55 एकड़ में 161 करोड़ रुपए से ज्यादा की लागत से इस नवनिर्माण कार्य को पूरा किया जा रहा है। ऐसे में, योजना विभाग द्वारा प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कन्सलटेंट्स (पीएमसी) की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। पीएमसी यूनिट की तैनाती के साथ ही 75 दिन में आर्किटेक्चरल डिजाइन कन्सलटेंसी, 18 महीने में निर्माण कार्य तथा 36 महीने के डिफेक्ट लाइबेलिटी समयावधि में सभी कार्यों को पूर्ण कर लिया जाएगा।
विकास कार्यों की रेगुलर मॉनिटरिंग होगी सुनिश्चित
आगरा के एलएलडी (लेडी लॉयल) जिला महिला अस्पताल में 150 बेड वाले यूनिट को 5 एकड़ क्षेत्र में 100 करोड़ रुपए से ज्यादा की लागत से विकसित किया जा रहा है। ऐसे में, पीएमसी एजेंसी की तैनाती से यहां होने वाले विकास कार्यों की रेगुलर मॉनिटरिंग सुनिश्चित हो सकेगी तथा 75 दिन में आर्किटेक्चरल डिजाइन कन्सलटेंसी, 18 महीने में निर्माण कार्य तथा 36 महीने के डिफेक्ट लाइबेलिटी समयावधि में सभी कार्य पूर्ण हो सकेंगे। सभी कार्यों को पूर्ण करने के लिए पीएमसी द्वारा डीटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) सौंपी जाएगी जिसके आधार पर निर्माण कार्यों में तेजी लाने का मार्ग प्रशस्त होगा।
किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में मशीनों के उच्चीकरण की प्रक्रिया शुरू
लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के डिपार्टमेंट ऑफ ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन (ब्लड बैंक) में भी आधुनिक मशीनों के क्रय की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस क्रम में, कोबास एस 201 सिस्टम तथा फुली ऑटोमेटेड वॉक अवे सिस्टम के क्रय की प्रक्रिया शुरू की गई है। कोबास एस 201 सिस्टम फुली ऑटोमेटेड न्यूक्लिक एसिड टेस्टिंग (एनएटी) इनेबल्ड होगी जबकि फुली ऑटोमेटेड वॉक अवे सिस्टम के जरिए ग्रुपिंग टेस्ट्स का मार्ग प्रशस्त होगा। ब्लड ग्रुपिंग, क्रॉस मैच टेस्ट, एंटीबॉडी स्क्रीनिंग टेस्ट, रीसस ग्रुप कन्फर्मेशन (वीक डी आइडेंटिफिकेशन), डायरेक्ट कूम्ब्स टेस्ट (डीसीटी) तथा एंटीजन एक्सटेंडेड फेनोटाइपिंग जैसी प्रक्रियाओं को पूर्ण करने में ये मशीनें सहायक होंगी और इससे नागरिकों को उत्तम स्वास्थ्य सेवाएं मिलने का मार्ग प्रशस्त होगा।