वर्ल्ड बैंक की ओर से कहा गया है कि भारत अगले तीन साल में 6.7 प्रतिशत की विकास दर से आगे बढ़ेगा। मजबूत घरेलू मांग, निवेश में उछाल और सर्विसेज सेक्टर में अच्छी गतिविधि के चलते भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना रहेगा।
ग्लोबल इकोनोमिक प्रोस्पेक्ट्स रिपोर्ट में वर्ल्ड बैंक ने वित्त वर्ष 2025 में भारत के लिए अपने विकास पूर्वानुमान को 6.6 प्रतिशत पर बरकरार रखा है।
इसने कहा कि भारत दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेजी से बढ़ने वाला देश बना रहेगा, हालांकि इसके विस्तार की गति थोड़ी धीमी हो सकती है।
वर्ल्ड बैंक ने कहा, वित्त वर्ष 2023-24 में अच्छी विकास दर के बाद, वित्त वर्ष 2024-25 से अगले तीन वित्तीय वर्षों के लिए औसतन 6.7 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है। वित्त वर्ष 2026 और वित्त वर्ष 2027 के लिए वर्ल्ड बैंक ने भारत की अर्थव्यवस्था के क्रमशः 6.7 प्रतिशत और 6.8 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान लगाया है।
वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट में कहा गया है, कृषि उत्पादन में सुधार और मुद्रास्फीति में गिरावट से निजी खपत वृद्धि को लाभ मिल सकता है। चालू व्यय को कम करने के सरकार के लक्ष्य के अनुरूप सरकारी खपत में थोड़ी धीमी हो सकती है।
इससे पहले अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने 2024-25 के लिए भारत के विकास पूर्वानुमान को 6.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया था।
आरबीआई ने पिछले हफ्ते चालू वित्त वर्ष के लिए भारत के जीडीपी विकास पूर्वानुमान को 7 प्रतिशत से बढ़ाकर 7.2 प्रतिशत कर दिया।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि 2024-25 की पहली तिमाही में जीडीपी वृद्धि 7.3 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 7.2 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 7.3 प्रतिशत और अंतिम तिमाही में 7.2 प्रतिशत रहने की संभावना है।
भारतीय अर्थव्यवस्था ने जनवरी-मार्च तिमाही में 7.8 प्रतिशत की मजबूत जीडीपी वृद्धि दर्ज की है, जबकि पूरे साल 2023-24 के लिए विकास दर 8.2 प्रतिशत है। यह वित्त वर्ष 2022-23 में 7 प्रतिशत थी।