लखनऊ। ‘फिर एक बार मोदी सरकार’ और ‘अबकी बार 400 पार के लक्ष्य’ को फलीभूत करने के लिए पिछले दो माह से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मैराथन चुनावी रैलियां यूपी सहित विभिन्न राज्यों में इतिहास लिखने जा रही हैं। सीएम योगी ने दो माह से भी ज्यादा लंबे दौर तक चले चुनावी कार्यक्रमों की डबल सेंचुरी लगाने के साथ ही उन्होंने अपने धार्मिक कर्तव्यों का भी बखूबी निर्वहन किया। इस दौरान उन्होंने उत्तराखंड से लेकर काशी और कोलकाता तक विभिन्न मठ-मंदिरों में शीश नवाया। वहीं गोरक्षनाथ पीठाधीश्वर के दायित्वों को भी उन्होंने बखूबी निभाया।
इन मंदिरों में मुख्यमंत्री ने किया दर्शन पूजन
पूरे चुनाव प्रचार अभियान के दौरान अपनी हर जनसभा को प्रभु श्रीराम के चरणों में समर्पित करने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी चुनावी यात्रा की शुरुआत में मथुरा स्थित कृष्ण जन्मभूमि मंदिर में हाजिरी लगाकर पूरे प्रचार अभियान में जोश भर दिया। सीएम योगी ने सबसे अधिक काशी विश्वनाथ मंदिर में हाजिरी लगाई। चुनावी अभियान के दौरान उन्होंने वाराणसी में ही काल भैरव मंदिर, संकट मोचन मंदिर के साथ ही कच्चा बाबा मंदिर और संत मत अनुयायियों के सर्वाधिक पावन गढ़वाघाट आश्रम में भी मत्था टेका। सीएम योगी इसके अलावा बलरामपुर में शक्तिपीठ मंदिर मां पाटेश्वरी देवी के मंदिर में विधि-विधान से दर्शन-पूवन किया, तो वहीं रायबरेली में बालेश्वर महादेव के मंदिर में भी वह शीश नवाने पहुंचे। वहीं अयोध्या में प्रधानमंत्री मोदी के साथ उन्होंने रोड शो की शुरुआत श्रीरामलला के दर्शन करके की तो झांसी में भी सीएम ने अपने रोड शो की शुरुआत बजरंगबली के दरबार में हाजिरी लगाकर की। इसी प्रकार उत्तराखंड के श्रीनगर में उन्होंने पवित्र गोरखनाथ गुफा और भैरवनाथ के दर्शन किये। वहीं पश्चिम बंगाल के चुनावी दौरे के दौरान सीएम योगी बीरभूम जिले में स्थित भारत सेवाश्रम संघ के आश्रम पहुंचे और मत्था टेका।
गोरक्षनाथ पीठ के महंत के दायित्वों का भी किया बखूबी निर्वहन
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इसके साथ ही विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों को भी संपादित करते रहे। उन्होंने अक्षय तृतीया पर गोरखनाथ मंदिर में जहां रुद्राभिषेक कर विजयश्री की कामना की, वहीं हनुमान जयंती के अवसर पर गोरखनाथ मंदिर में दोनों हनुमत विग्रहों के दर्शन कर सर्वमंगल की कामना की। सीएम योगी इसके साथ ही गोरक्षनाथ मठ के महंत के रूप में भी अपने दायित्वों से पीछे नहीं हटे। चुनाव प्रचार के बेहत व्यस्त शेड्यूल के बीच उन्हें जब भी मौका मिला वह गोरखपुर पहुंचकर मठ द्वारा संचालित व्यवस्थाओं का जायजा लेते रहे और मठ से जुड़े जिम्मेदार लोगों को जरूरी दिशा-निर्देश भी देते रहे। इसके साथ ही गोपूजन और गोसेवा पहले की तरह ही उनके नियमित दिनचर्या के अंग बने रहे। अपने दादा गुरुओं के आशीष के साथ सीएम योगी ने 200 से अधिक चुनावी कार्यक्रमों को बिना थके, बिना रुके भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशियों के लिए पूरे जोश के साथ संपन्न किया।