लखनऊ। पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव भी चार- विक्रमादित्य मार्ग स्थित अपने सरकारी आवास को छोडऩे के मूड में नहीं दिख रहे। सोमवार को अखिलेश के निजी सचिव गजेंद्र सिंह द्वारा राज्य संपत्ति अधिकारी कार्यालय में सौंपे गए पत्र में आवास खाली करने के लिए दो वर्ष की मोहलत मांगी गई है। पत्र में कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री होने के नाते उन्हें जेड प्लस सुरक्षा मिली है, सुरक्षाकर्मियों के साथ रहने की स्थानीय स्तर पर अन्य आवासीय व्यवस्था नहीं है।
पत्र में कहा गया है कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद का दायित्व होने के कारण उनके आवास पर बड़ी संख्या में आगंतुकों की आवाजाही भी रहती है। ऐसे में उनकी आवासीय आवश्यकता को देखते हुए दो वर्ष का अवसर प्रदान किया जाए। राज्य संपत्ति अधिकारी योगेश कुमार शुक्ला का कहना है कि आवास खाली कराने का फैसला सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर लिया गया है। अखिलेश यादव की ओर से अतिरिक्त समय मांगने के लिए पत्र प्राप्त हुआ है। उन्होंने नियमानुसार कार्रवाई करने की बात कही।
अस्पताल में नोटिस नहीं देंगे
पूर्व मुख्यमंत्री नारायणदत्त तिवारी को भेजा नोटिस सोमवार को भी तामिल नहीं हो सका। अस्वस्थ चल रहे तिवारी दिल्ली के अस्पताल में भर्ती हैं। राज्य संपत्ति अधिकारी योगेश शुक्ला ने बताया कि उनके पुत्र शेखर तिवारी से संपर्क किया जा रहा है। एक दो दिन में नोटिस उन्हें मिल जाएगा। नारायणदत्त तिवारी को अस्पताल में नोटिस नहीं पहुंचाया जाएगा। वैसे स्पीड पोस्ट के जरिए सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को नोटिस भेजे जा चुके हैं। ई-मेल के माध्यम से भी नोटिस की प्रति प्रेषित की जाएगी।