कोलकाता। पश्चिम बंगाल में चक्रवाती तूफान रेमल तबाही के निशान छोड़ गया। इस तूफान के कहर में छह लोगों की जान चली गई। राज्य के 24 प्रखंड और 79 नगरपालिका वार्ड में करीब 29 हजार 500 घर आंशिक या पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए। इनमें से अधिकतर दक्षिणी तटीय इलाकों में हैं। आपदा प्रबंधन विभाग के एक अधिकारी ने आज यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि इसके अलावा राज्य के विभिन्न हिस्सों में दो हजार 140 से अधिक पेड़ उखड़ गए और लगभग एक हजार 700 बिजली के खंभे गिर गए। शुरुआती आकलन है कि 27 हजार घर आंशिक रूप से और दो हजार 500 पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। अभी आकलन जारी है। इसलिए यह आंकड़े बढ़ सकते हैं। उन्होंने बताया कि प्रशासन ने दो लाख सात हजार 60 लोगों को एक हजार 438 सुरक्षित आश्रयों में पहुंचाया। वर्तमान में वहां 77 हजार 288 लोग हैं। इस समय 341 रसोई के माध्यम से उन्हें खाना पहुंचाया जा रहा है। तटीय और निचले इलाकों में प्रभावित लोगों को 17 हजार 738 तिरपाल वितरित किए गए हैं।
प्रभावित क्षेत्रों में काकद्वीप, नामखाना, सागर द्वीप, डायमंड हार्बर, फ्रेजरगंज, बक्खली और मंदारमनी शामिल हैं। चक्रवात के कारण तटबंधों में मामूली दरारें आ गई थीं। उनकी मरम्मत कर दी गई। इस अधिकारी ने कहा कि अब तक तटबंध टूटने की कोई सूचना नहीं मिली है। चक्रवात के कारण अब तक छह लोग जान गंवा चुके हैं। कोलकाता में एक, दक्षिण 24 परगना जिले में दो महिलाएं, उत्तर 24 परगना जिले में एक और पूर्व मेदिनीपुर में पिता-पुत्र की मौत हो चुकी है। तटीय क्षेत्रों में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। पश्चिम बंगाल और पड़ोसी बांग्लादेश दोनों जगहों पर महत्वपूर्ण बुनियादी संरचनाओं को क्षति पहुंची है।