नई दिल्ली। दिल्ली में लोकसभा चुनाव के मतदान से ठीक पहले रा.स्व.संघ की एक फर्जी चिट्ठी जारी की गई है। इस फर्जी चिट्ठी में संघ के स्वयंसेवकों से आह्वान किया गया है कि वे पश्चिमी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस के उम्मीदवार महाबल मिश्रा को समर्थन दें। इसमें कहा गया है कि महाबल मिश्रा एक रामभक्त हैं और 42 सालों से अयोध्या में राम मंदिर की सेवा करते आ रहे हैं।
रा.स्व.संघ के लेटरहेड पर 21 मई को जारी की गई इस चिट्ठी में अंत में अ.भा. प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य के हस्ताक्षर किए गए हैं। यह अत्यंत हास्यास्पद है कि ऐसी चिट्ठी को बनाने वालों को यह तक पता नहीं होता कि संघ का वर्तमान प्रचार प्रमुख कौन है। उल्लेखनीय है कि मनमोहन वैद्य सन् 2018 में ही इस पद से हट चुके थे और उसके बाद वे 6 वर्ष तक सह सरकार्यवाह (ज्वाइंट जनरल सेकेट्री) रहे और वर्तमान समय में अ.भा.कार्यकारी मंडल के सदस्य हैं।
दिल्ली प्रचार विभाग के पूर्व प्रांतीय संयोजक राजीव तुली ने इस संबंध में पूछने पर कहा कि महाबल मिश्रा के समर्थन के लिए जारी की गई चिट्ठी से साफ जाहिर होता है कि कांग्रेस या अन्य कुछ विपक्षी दलों को लगता है कि संघ के स्वयंसेवक भाजपा के लिए मतदान किसी निर्देश पर करते हैं। जबकि संघ ने भाजपा सहित किसी भी दल विशेष या व्यक्ति विशेष के लिए इस प्रकार के समर्थन का पत्र आज तक जारी नहीं किया। संघ हमेशा लोकतंत्र के इस पर्व में सक्रियता से भाग लेने और राष्ट्रहित में मतदान करने को कहता है, पर कभी कोई पत्र जारी नहीं करता।
उल्लेखनीय यह भी है कि कुछ समय पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का बैनर लगाकर नागपुर में एक संवाददाता सम्मेलन आयोजित कर कांग्रेस को समर्थन देने की घोषणा की गई थी। संघ ने अपने नाम के दुरुपयोग करने पर इस मामले में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। राजीव तुली का कहना है कि जो लोग भी इस तरह के फर्जी कारनामे करते हैं उन्हें शायद नहीं पता कि शाखाओं के माध्यम से संघ का सूचना तंत्र फूलप्रूफ है कि उसमें इस तरह के दुष्प्रचार के लिए जगह ही नहीं। जो लोग संघ की रीति-नीति से परिचित नहीं हैं, वही इस तरह के हथकंडे अपनाते हैं। सवाल ये भी है कि जो कांग्रेस संघ को पानी पी-पी कर कोसती है, उसे चुनावों में संघ के समर्थन की दरकार क्यों है?