सीएम योगी ने पूछा हालचाल तो दर्शनार्थी हुए निहाल

गोरखपुर, 19 मई। लोकसभा चुनाव में अपनी पार्टी भाजपा के लिए राज्य व अन्य प्रदेशों में धुआंधार प्रचार कर रहे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से रविवार सुबह अचानक और बिलकुल अनौपचारिक ढंग से मिलकर गुजरात, छत्तीसगढ़, बिहार व अन्य प्रांतों के श्रद्धालु निहाल हो गए। सीएम ने सभी का हालचाल जाना, कोई दिक्कत तो नहीं पूछकर अपनत्व का एहसास कराया। साथ ही इन श्रद्धालुओं के बच्चों को अपने पास बुला लिया। उन्हें प्यार और आशीर्वाद देने के साथ ही चॉकलेट दिया। सीएम योगी से मिलकर भाव विह्वल श्रद्धालु लगातार जय श्रीराम, हर हर महादेव और जय योगी जी महाराज के जयकारे लगाते रहे।

शनिवार को महाराष्ट्र में चुनावी रैलियां को संबोधित करने के बाद मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ देर शाम गोरखनाथ मंदिर पहुंचे थे। मंदिर परिसर स्थित अपने आवास में रात्र विश्राम करने के बाद रविवार सुबह उनकी दिनचर्या परंपरागत रही। महायोगी गुरु गोरखनाथ का दर्शन पूजन करने के बाद उन्होंने अपने ब्रह्मलीन गुरुदेव महंत अवेद्यनाथ की समाधि पर जाकर मत्था टेका और उनका आशीर्वाद लिया। तत्पश्चात हर बार की तरह वह मंदिर परिसर के भ्रमण पर निकले।

प्रातःकालीन भ्रमण के दौरान गुरु गोरखनाथ का दर्शन पूजन करने दूसरे राज्यों (छतीसगढ़, बिहार, गुजरात आदि) से आए श्रद्धालुओं के समूह ने जैसे ही देश के सबसे बड़े राज्य के मुख्यमंत्री और गोरक्षपीठाधीश्वर को देखा, उनकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा। श्रद्धालुओं की भावनाओं का सम्मान करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी रुक गए उन्होंने उनका कुशलक्षेम जाना। साथ ही यह पूछकर उन्हें भावविभोर कर दिया कि यहां कोई दिक्कत तो नहीं हो रही।

इन श्रद्धालुओं के साथ उनके बच्चे भी महायोगी गोरखनाथ का दर्शन करने आए थे। सीएम योगी ने बच्चों को अपने पास बुला लिया, सबके माथे पर हाथ फेरकर प्यार-दुलार और आशीर्वाद देने लगे। उन्होंने बच्चों से उनका नाम, उनकी पढ़ाई के बारे में पूछा, खूब हंसी ठिठोली की और सभी को चॉकलेट देकर विदा किया। अपने और अपने बच्चों के प्रति सीएम योगी का यह अपनापन देखकर श्रद्धालुओं का समूह लगातार जयकारे लगाता रहा।

गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखनाथ मंदिर प्रवास पर हों, तो गोसेवा उनकी दिनचर्या का परिहार हिस्सा होती है। रविवार सुबह भी मंदिर परिसर का भ्रमण करते हुए वह गोशाला में पहुंचे। यहां गोवंश को उनके नाम से आवाज देकर अपने पास बुलाया। उन्हें रोटी-गुड खिलाकर उनकी सेवा की। थी उन्होंने गोशाला के स्वयंसेवकों को भीषण गर्मी में गोवंश की देखभाल के लिए उठाए जाने वाले जरूरी कदमों को लेकर निर्देशित किया।

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