उखीमठ। केदारनाथ धाम कपाटोत्सव की तैयारी शुरू हो गई है। स्थानीय शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर से भगवान केदारनाथ की पंचमुखी विग्रह मूर्ति की देव डोली प्रथम पड़ाव के लिए सोमवार सुबह गुप्तकाशी के लिए प्रस्थान कर गई। द्वादश ज्योतिर्लिंगों में अग्रणी भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली विद्वान आचार्यों की वेद ऋचाओं, हजारों श्रद्धालुओं की जयकारों, महिलाओं के मंगल गीतों व आर्मी की बैंड धुनों के साथ कैलाश के लिए रवाना हुई। डोली प्रथम रात्रि प्रवास के लिए विश्वनाथ मन्दिर गुप्तकाशी पहुंचेगी।
पंचकेदार ओंकारेश्वर मंदिर को दानीदाताओं के सहयोग से बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने भव्य रूप से फूलों से सजाया गया है। केदानाथ धाम के कपाट 10 मई को प्रात: 7 बजे खुलेंगे। रविवार देरशाम ओंकारेश्वर मंदिर में भगवान भैरवनाथ की पूजा की गई हुई। बीकेटीसी के कार्याधिकारी आरसी तिवारी ने बताया कि भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली विशेष पूजा-अर्चना व शृंगार के बाद सुबह लगभग 10 बजे ओंकारेश्वर मंदिर से रवाना हुई। विश्वनाथ मन्दिर गुप्तकाशी से सात मई को भगवान केदारनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली रवाना होगी। यह नाला, नारायणकोटि, मैखण्डा यात्रा पड़ावों पर भक्तों को आशीर्वाद देते हुए द्वितीय रात्रि प्रवास के लिए फाटा पहुंचेगी। आठ मई को शेरसी, बड़ासू, रामपुर, सीतापुर, सोनप्रयाग होते हुए रात्रि प्रवास के लिए गौरी माता मन्दिर गौरीकुंड पहुंचेगी। नौ मई को गौरीकुंड से रवाना होगी और जंगलचट्टी, भीमबली लिनचोली, बैस कैंप होते हुए केदारनाथ धाम पहुंचेगी। दस मई को प्रातः 7 बजे वृष लग्न में भगवान केदारनाथ के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए जाएंगे।