नई दिल्ली। भारतीय ऐतिहासिक अभिलेख आयोग (आईएचआरसी) का गुरुवार को नया लोगो और उद्देश्य को दर्शाता आदर्श वाक्य जारी किया गया। यह लोगो पूरी तरह से आईएचआरसी की थीम और विशिष्टता को दर्शाता है। कमल की पंखुड़ियों के आकार के पृष्ठ आईएचआरसी को ऐतिहासिक रिकॉर्ड बनाए रखने के लिए लचीले नोडल संस्थान के रूप में दर्शाते हैं। मध्य में सारनाथ स्तंभ भारत के गौरवशाली अतीत का प्रतिनिधित्व करता है। रंग थीम के रूप में भूरा भारत के ऐतिहासिक अभिलेखों के संरक्षण, अध्ययन और सम्मान के संगठन के मिशन को मजबूत करता है।
संस्कृति मंत्रालय के अनुसार आईएचआरसी ऐतिहासिक दस्तावेजों, पांडुलिपियों, ऐतिहासिक जानकारी के अन्य स्रोतों की पहचान करने, एकत्र करने, सूचीबद्ध करने और बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ऐसा करके आयोग यह सुनिश्चित करता है कि मूल्यवान ऐतिहासिक ज्ञान भावी पीढ़ियों के लिए संरक्षित रहे। इसलिए, आदर्श वाक्य ऐतिहासिक दस्तावेजों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और वर्तमान और भविष्य की पीढ़ियों के लाभ के लिए इन्हें सुलभ बनाने के लिए आयोग की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
उल्लेखनीय है कि आईएचआरसी की विशिष्ट पहचान और इसके द्वारा प्रस्तुत लोकाचार को स्पष्ट रूप से संप्रेषित करने के लिए, लोगो और आदर्श वाक्य के लिए डिज़ाइन आमंत्रित करने के लिए 2023 में माईगव पोर्टल पर एक ऑनलाइन प्रतियोगिता शुरू की गई थी, और प्रतिक्रिया में कुल 436 प्रविष्टियां प्राप्त हुईं। शौर्य प्रताप सिंह (दिल्ली) द्वारा प्रस्तुत लोगो और आदर्श वाक्य को चयनित किया गया । इसके साथ मंत्रालय ने लोगो और आदर्श वाक्य के लिए चार-चार को सांत्वना पुरस्कार भी दिए जिसमें क्रमश: मनस्वी चंदवास्कर (इंदौर), दीपिका मंडल (बेंगलुरु), नोनंदा वर्मा (जोधपुर), शिवांशी चौहान (उत्तराखंड) और मोटो के लिए जसनीत कौर ( पंजाब), नरेश अग्रवाल ( मध्य प्रदेश), राजू चटर्जी ( पश्चिम बंगाल), रिंकल (भरूच, गुजरात) से शामिल हैं।
विजेता को 50,000 रुपये का पुरस्कार राशि से सम्मानित किया जाएगा जबकि सभी सांत्वना पुरस्कार विजेताओं को पांच-पांच हजार रुपये दिए जाएंगे।