वाराणसी। काशीपुराधिपति बाबा विश्वनाथ की नगरी हनुमत जन्मोत्सव पर मंगलवार को संकटमोचन की आराधना में लीन रही। श्री संकटमोचन दरबार सहित सभी छोटे-बड़े हनुमान मंदिरों में भोर से ही दर्शन पूजन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी रही। श्री संकटमोचन दरबार में वर्ष पर्यंत भक्तों को खड़ी मुद्रा में दर्शन देने वाले भगवान संकट मोचन का खास बैठकी शृंगार किया गया। बैठकी श्रृंगार का दर्शन पाने के लिए श्रद्धालु आधी रात के बाद से ही दरबार में कतारबद्ध होने लगे।
गौरतलब हो कि वर्ष में हनुमत जयंती ही एकमात्र दिन होता है जब भगवान संकट मोचन बैठी हुई मुद्रा में दर्शन देते हैं। ब्रह्ममुहूर्त में गोस्वामी तुलसीदास द्वारा स्थापित संकटमोचन के विग्रह का पंचामृत स्नान कराया गया। इसके बाद विग्रह को सिंदूर का लेपन किया गया। मंदिर के महंत प्रो.विश्वंभरनाथ मिश्र की उपस्थिति में हनुमान जी का बैठकी शृंगार किया गया।
ब्रह्म मुहूर्त में सूर्योदय के साथ संकटमोचन का जन्मोत्सव,भोग आरती के बाद मंदिर का पट आम श्रद्धालुओं के लिए खुल गया। पट खुलते ही मंदिर प्रांगण संकटमोचन हनुमान की जय और जय श्रीराम के उद्घोष से गुंजायमान हो उठा। हनुमान जन्मोत्सव पर प्रात: साढ़े पांच से साढ़े छह बजे विशेष पूजन आरती हुई। इसके उपरांत श्रीरामचरितमानस का एकाह पाठ शुरू हुआ। सायंकाल श्रीरामकृष्ण मिशन के संन्यासियों द्वारा संकीर्तन और देश के विभिन्न हिस्सों से पधारी रामायण मंडलियों द्वारा रात्रि पर्यंत मानस का अखंड गान होगा। 24 से 26 अप्रैल तक प्रत्येक संध्या संकटमोचन दरबार में मानस प्रवचन का आयोजन किया जाएगा।
हनुमान जयंती पर शहर से निकली हनुमत ध्वजा यात्रा
हनुमान जयंती के अवसर पर श्री संकटमोचन दरबार में 50 हजार से अधिक भक्तों का हुजूम अलग-अलग शोभायात्राओं के रूप में पहुंचा। मंदिर में भीड़ को नियंत्रित रखने तथा मंदिर में प्रवेश और निकासी की व्यवस्था पर खास ध्यान मंदिर प्रबंधन और जिला प्रशासन ने दिया। मुख्य मार्ग से लेकर मंदिर के अंदर तक अतिरिक्त सुरक्षा कर्मी मुस्तैद रहे।हनुमान ध्वजा यात्रा समिति की ओर से सबसे बड़ी शोभायात्रा प्रात: छह बजे भिखारीपुर से निकाली गई।