वाराणसी। हाथों में लहराती लाल-केशरिया ध्वजाएँ, मुख से जय श्रीराम के गगनभेदी उदघोष, साथ में डमरूओं की डम डम से गुंजायमान वातावरण में राम नाम संकीर्तन करता रामायण मण्डलियों का समूह। बस आंखों में अपने आराध्य प्रभु संकटमोचन के दर्शन की आस लिए हजारों भक्त चिलचिलाती धूप,गर्मी मे नंगे पाँव श्री संकट मोचन हनुमान जी की चौखट तक पहुँच खुद को धन्य करते रहे। यह नजारा मंगलवार को हनुमत सेवा समिति, नेवादा की ओर से निकाली गयी हनुमान ध्वजायात्रा में दिखा।
भिखारीपुर तिराहे से संकट मोचन मंदिर तक पूर्वांचल भर के भक्तों का सैलाब देख लगा मानो आस्था का ज्वार उमड़ गया हो। आस्थावानों का हुजूम इस कदर रहा कि 5.25 किलोमीटर की यह यात्रा पूरी करने में 4 घण्टे से ज्यादा का समय लग गया। इसके पूर्व ध्वजायात्रा का शुभारंभ प्रातः 07 बजे भिखारीपुर तिराहे पर मुख्य अतिथि अन्नपूर्णा मंदिर के महंत शंकर पुरी, समिति के अध्यक्ष रामबली मौर्य आदि ने देव विग्रहों का षोड़शोचार पूजन और आरती कर किया
—विश्वनाथ की नगरी में श्री राम मंदिर की झाँकी में स्थापित राम लला क़े दर्शन से निहाल 500 वर्षो की प्रतीक्षा के बाद अयोध्या में बने भव्य राममंदिर की अदभुत झाँकी शिव क़े नगरी में पहली बार हनुमान ध्वजायात्रा में सजाई गई। ध्वजायात्रा में विशेष रूप से तैयार किये गए ट्राला पर 25 फ़ीट लम्बा, 22 फीट ऊँचा एवं 15 फ़ीट चौड़ा राम मंदिर की विशाल झाँकी बनाई गई थी। जिसमें अयोध्या से आयी 14 इंच की रामलला की प्रतिकृति प्रतिमा संग सरयू जल और जन्म भूमि की माटी भी विराजित की गई थी। रामलला के विग्रह के दर्शन के लिए भक्तों का रेला उमड़ता रहा। वहीं, 60 फ़ीट लम्बे रथ पर श्रीराम दरबार की झाँकी विद्यमान रही, जिस पर संकट मोचन मंदिर की कीर्तन मण्डली रामनाम संकीर्तन करती रही। उनके आगे आगे 251 डमरू वादकों का दल डमरू वादन करते हुए चल रहा था। हनुमान ध्वजायात्रा में पूर्वांचल भर से 40,000 से अधिक श्रद्धालु शामिल हुए, जिन्होंने विश्व कल्याणार्थ संकट मोचन हनुमान जी के चरणों मे 11,000 ध्वजाएँ अर्पित की। 25 फ़ीट की विशाल मुख्य ध्वजा समिति के अध्यक्ष रामबली मौर्य ने अर्पित की।
मांस मदिरा मुक्त काशी के सर्मथन में हनुमान भक्तों ने ली प्रतिज्ञा
अयोध्या और मथुरा की तरह काशी अंर्तगृही क्षेत्र को भी मांस मदिरा मुक्त कराने के लिए चलाये जा रहे अभियान पवित्र काशी के मांग के समर्थन में हनुमान ध्वजायात्रा में विशेष झांकी सम्मिलित हुई। झांकी में शिव की नगरी काशी को मांस मदिरा मुक्त करने का आवाहृन किया गया। इस मौके पर भक्तों के समूह को मांस मदिरा मुक्त काशी के समर्थन में शपथ भी दिलाई गयी।
इस हनुमान ध्वजायात्रा में वाराणसी, मिर्जापुर सहित आसपास के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए, उनमें से कई श्रद्धालु अपने साथ झाँकी भी सजा कर लाये थे। हनुमान ध्वजायात्रा भिखारीपुर से जैसे ही आगे बढ़ी 40 जगहों पर रास्ते में जगह जगह भक्तों ने यात्रा का फूल बरसा कर स्वागत किया। नेवादा, सुंदरपुर, नारियां, लंका, रविदास गेट, संकटमोचन तिराहे पर विभिन्न संस्थाओं, समितियों एवं व्यापारियों द्वारा स्वागत किया गया। यहाँ पीने के लिए पेयजल, शर्बत, फलाहार आदि की व्यवस्था भी की गई थी। हनुमत जन्मोत्सव के अवसर पर श्री हनुमान ध्वजा प्रभात फेरी समिति की ओर से दुर्गाकुंड धर्मसंघ स्थित क्षेत्रपालेश्वर महादेव मंदिर में हनुमान भक्तों ने पूजन अर्चन के बाद प्रभात फेरी निकाली। दुर्गाकुंड स्थित धर्म संघ परिसर से ध्वजा यात्रा की शुरुआत हुई। जो रविंद्र पुरी, त्रिदेव मंदिर होते हुए संकट मोचन मंदिर तक गई। मंदिर में राम दरबार का स्वरूप का दर्शन किया गया। सामूहिक हनुमान चालीसा पढ़ा गया। इसके बाद भक्तों में भोग वितरित किया गया। यात्रा में हजारों महिला-पुरुष व बच्चे हनुमान ध्वजा लिए चल रहे थे। शोभायात्रा में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ताओं ने भी भागीदारी की