लखनऊः मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने कहा है कि 21वीं सदी में डिजिटल रूप से शिक्षित होना आवश्यक है। यह स्मार्ट क्लास नवीनतम तकनीक से सुसज्जित है और छात्रों की सीखने की प्रक्रिया को बढ़ाएगी। उन्होंने शिक्षकों और छात्रों से बातचीत की और उपलब्ध कराये गये उपकरणों के महत्व के बारे में बताया। उन्होंने बताया ग्रामीण अंचल के इस विद्यालय में 1971-72 में क्लास 6 की शिक्षा वहां ग्रहण की थी। उन्होंने भारतीय स्टेट बैंक के सीएसआर कार्यक्रम के तहत विद्यालय में उपकरण स्थापित कराने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।
मुख्य सचिव ने यह विचार गांधी विद्यालय इंटर कॉलेज, मारुफपुर, मऊ में कारपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) के अंतर्गत स्थापित स्मार्ट क्लास, कम्प्यूटर लैब, सोलर पैनल का वर्चुअल उद्घाटन के उपरांत विद्यार्थियों से संवाद के दौरान व्यक्त किए।
उन्होंने बैंक के तरफ से कंप्यूटर और नयी तकनीक से संबंधित लगाए गए बोर्डस् का जिक्र करते हुए कहा कि कंप्यूटर, डाटा, रोबोटिक्स, इंटरनेट ऑफ थिंग्स आदि के बारे में विद्यार्थियों को समुचित जानकारी प्राप्त होगी। स्मार्ट क्लास के माध्यम से ग्रामीण अंचल के विद्यार्थियों को उच्च तकनीक और उसके बारे में जानकारी मिलेगी। उन्होंने विद्यालय में कंप्यूटर लैब की स्थापना होने से ग्रामीण अंचल के विद्यार्थी कंप्यूटर पर अभ्यास कर कंप्यूटर चलाना सीखेंगे, जिससे उन्हें शहर में जाकर के जब कंप्यूटर का माहौल प्राप्त होगा उसमें वह सुगमता से अपनी उच्च शिक्षा को आगे बढ़ा सकते हैं।
उन्होंने विद्यार्थियों को स्मार्ट क्लासेज की विशेषताओं को बताते हुए कहा कि स्मार्ट क्लासेज के माध्यम से विद्यार्थियों को ऑडियो-वीडियो माध्यम से प्राप्त होने वाली शिक्षा प्राप्त होगी। जब हम किसी चीज को सुनते हैं और साथ में चित्र के माध्यम से देखते हैं, वह हमारे मानस पटल पर जल्दी अंकित हो जाता है और लंबे समय तक याद रहती है। उन्होंने मऊ जनपद के सीडीओ को भारतीय स्टेट बैंक के सीएसआर कार्यक्रम के तहत जो कार्य हो रहे हैं उसका अधिकतम लाभ बच्चों और जन सामान्य को मिले, इसको सुनिश्चित कराने के निर्देश दिये। इस अवसर पर महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा, महानिदेशक संस्थागत वित्त शिव सिंह यादव, भारतीय स्टेट बैंक में लखनऊ सर्किल के चीफ जनरल शरद एस. चाण्डक उपस्थित थे। सीडीओ-मऊ प्रशांत नागर, डीआईओएस, गांधी विद्यालय इंटर कॉलेज-मऊ के प्रधानाचार्य और छात्र और अन्य अधिकारी मऊ से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े थे।