मुरादाबाद, 16 मार्च। पिछले सात साल में यूपी पुलिस द्वारा किये गये बेहतरीन कार्यों का परिणाम है कि आज प्रदेश प्रत्येक क्षेत्र में अपने आप को बेहतर साबित करने में सफल हुआ है। प्रदेश को लेकर दुनिया का परसेप्शन भी बेहतरीन हुआ है। बीते सात साल में कोई दंगा नहीं हुआ, संगठित अपराध समाप्ति की ओर हैं, सभी बड़े पर्व, त्यौहार और राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय महत्व के आयोजन सकुशल संपन्न हुए हैं। इसके अलावा अतिविशिष्ट महानुभावों का आगमन और अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम भी पूरी भव्यता और उल्लास से साथ संपन्न हुआ है। ये यूपी पुलिस के जवानों की मेहनत और कार्यों का परिणाम है। प्रदेश की पुलिसिंग दुनिया में एक नजीर बन रही है। ये बातें शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भीमराव अम्बेडकर पुलिस अकादमी में आयोजित दीक्षांत समारोह के दौरान कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी पुलिस ने अत्यंत कठिन परिस्थितियों में कर्तव्य को सर्वोपरि मानते हुए अपराध को नियंत्रित करने, कानून व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त रखने और सामाजिक सौहार्द की स्थापना करने में सराहनीय भूमिका का निर्वहन किया है। मुख्यमंत्री ने प्रसन्न्ता व्यक्त की कि डॉ भीमराव अम्बेडकर यूपी पुलिस अकादमी में नागरिक पुलिस के अधारभूत कोर्स 2023-24 के उपरांत 8362 उपनिरीक्षक और प्लाटून कमांडर आज से यूपी पुलिस का हिस्सा बनने जा रहे हैं। इसमें 1618 महिला पुलिस उपनिरीक्षक भी शामिल हैं।
सीएम योगी ने कहा कि एक साल का कठिन प्रशिक्षण और व्यवसायिक दक्षता को सफलता पूर्वक प्राप्त करने वाले 8 हजार से अधिक पुलिस कार्मिक यूपी पुलिस को प्राप्त हो रहे हैं, जो प्रदेश की कानून व्यवस्था को और बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण वह समय है जब एक प्रशिक्षु सक्रिय सेवा के समस्त मानदंडों और व्यवहारिक जीवन के उच्च आदर्शों के साथ साथ सैद्धांतिक एवं व्यवहारिक ज्ञान प्राप्त करता है। यहीं से एक जिम्मेदार लोकसेवक के दायित्वों को भली-भांति निर्वहन करने के लिए वह स्वयं को योग्य बनाता है। वर्दी वाली फोर्स के बारे में कहा जाता है कि जितना प्रशिक्षण में पसीना बहेगा, चुनौती के समय खून बहाने की नौबत उतनी ही कम आएगी। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण के दौरान आप सभी ने जितनी मेहनत और लगन के साथ अपने आप को साबित किया होगा वह आगामी 30-35 साल तक आपको इस सेवा के लिए योग्यतम साबित करेगा।
मुख्यमंत्री ने बताया कि विगत सात साल में पुलिस प्रशिक्षण की क्षमता को तीन गुना किया गया है। प्रशिक्षण के दौरान यहां कानून व्यवस्था, विधि और मानवाधिकारों के साथ ही साइबर क्राइम, फारेंसिक साइंस जैसे नये महत्वपूर्ण बिंदुओं से अवगत कराया गया है। 1 जुलाई 2024 से तीन नये कानून लागू हो रहे हैं। इसके लिए राज्य सरकार के स्तर पर भी कमेटी गठित की गई है। ये प्रसन्नता का विषय है कि प्रशिक्षण के दौरान सभी प्रशिक्षुओं को नये कानूनों का भी प्रशिक्षण दिया गया है। ये नये कानून दंड आधारित ना होकर न्याय प्रधान हैं।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री के स्मार्ट पुलिस के सूत्रों का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि स्ट्रिक्ट एंड सेंसेटिव, मॉर्डन एंड मोबाइल, अलर्ट एंड एकाउंटेबल, रिलायबल एंड रिस्पॉसिव, टेक्नोसेवी एंड ट्रेंड, यह सूत्र हमें कानून प्रवर्तन के लिए निरंतर और स्पष्ट मार्गदर्शन प्रदान करते हैं। जांच एवं दंड के पुराने तरीके से आगे निकलकर आधुनिक तकनीक और साक्ष्यों का उपयोग करना न केवल न्याय की दृष्टि से बेहतर है, बल्कि जांच में होने वाले अनावश्यक व्यय और श्रम को भी कम किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि दक्ष, न्यायप्रिय, पारदर्शी, जवाबदेह व निष्ठा के साथ जनसेवा के प्रति संवेदनशील पुलिस बल की स्थापना में यह प्रशिक्षण बेहद कारगर सिद्ध होगा।
सीएम ने बताया कि प्रदेश सरकार ने 1 लाख 60 हजार पुलिस कार्मिकों की भर्ती प्रक्रिया को सफलतापूर्वक संपन्न किया है। साथ ही 1 लाख 56 हजार पुलिसकार्मिकों को प्रोन्नति प्रदान की गई है। उन्होंने ट्रेनिंग प्राप्त किये पुलिसकर्मियों को अपनी शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आप सभी विश्व के सबसे बड़े गौरवशाली पुलिसबल का हिस्सा बनने जा रहे हैं।
इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक प्रशिक्षण तिलोत्तमा वर्मा, प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद, अपर पुलिस महानिदेशक राजीव सभरवाल, एमएलसी चौधरी भूपेन्द्र सिंह, महापौर मुरादाबाद विनोद अग्रवाल, जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ शेफाली सिंह, विधायक रितेश गुप्ता, पुलिस अकादमी से जुड़े अधिकारीगण, प्रशिक्षु और अभिभावक मौजूद रहे।