आकांक्षी नगर योजना के तहत सीएम अर्बन फेलोज के प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ

लखनऊ। आकांक्षात्मक जिलों की तर्ज पर प्रदेश के 100 पिछड़े नगरीय निकायों में विकास को गति देने के लिए मुख्यमंत्री अर्बन फेलोशिप योजना के तहत चयनित फेलोज का शनिवार को प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू हो गया। ये फेलोज सीएम योगी की मंशा के अनुरूप इन पिछड़े निकायों को विकास की मुख्य धारा में आगे लाने में मदद करेंगे। प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद इन्हें चयनित पिछड़े नगरीय निकायों में भेजा जाएगा। उल्लेखनीय है कि शहरी नियोजन, बुनियादी ढांचे, आर्थिक विकास, आजीविका के अवसरों में वृद्धि करते हुए पिछड़े नगरीय निकायों के विकास के लिए सीएम अर्बन फेलोशिप योजना शुरू की गई है। सीएम फेलोज पद के के लिए 1 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए थे। इनमें से मेरिट के आधार पर 446 आवेदकों का साक्षात्कार बीते 31 जनवरी को लिया गया, जिसमें से 100 सीएम फेलोज के चयन की कार्रवाई 12 फरवरी को पूरी की गई।

आकांक्षी नगर योजना पोर्टल और गाइडलाइंस का भी शुभारंभ

नगरीय निकाय निदेशालय में आयोजित समारोह में नगर विकास मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने आकांक्षी नगर योजना के अंतर्गत सीएम अर्बन फेलोज के प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया। नगर विकास मंत्री एके शर्मा ने आकांक्षी नगर योजना पोर्टल का भी शुभारंभ किया। उन्होंने आकांक्षी नगर योजना से संबंधित गाइडलाइंस का भी विमोचन किया। साथ ही चयनित सीएम फेलोज को मार्गदर्शन दिया। उन्होंने कहा कि आकांक्षी नगर योजना उत्तर प्रदेश सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है। इस योजना का उद्देश्य प्रदेश के 100 निकायों को आकांक्षी नगर के रूप में विकसित करना है। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत इन नगरों में बुनियादी ढांचे का विकास, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार और रोजगार के अवसरों का सृजन किया जाएगा। उन्होंने इन फेलोज से आग्रह किया कि वे इस योजना को सफल बनाने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान दें। उन्होंने फेलोज का उत्साह बढ़ाते हुए कहा कि ये मात्र एक नौकरी नहीं है। ये बहुत महत्वाकांक्षी कार्य करने जा रहे हैं। इससे उत्तर प्रदेश को तो लाभ होगी ही, साथ ही पूरे देश के लिए प्रेरणादायक होगा।

38 जिलों के 100 नगरीय निकाय आकांक्षात्मक श्रेणी में

ये फेलोज 20 हजार से 1 लाख तक की आबादी वाले 100 पिछड़े नगरीय निकायों में निर्धारित 32 इंडिकेटर्स के माध्यम से ना केवल विकास की सभावनाएं तलाशेंगे, बल्कि अपनी शोध रिपोर्ट को सरकार के समक्ष प्रस्तुत करेंगे। योगी सरकार ने प्रदेश के 38 जिलों के 100 नगरीय निकायों को आकांक्षात्मक श्रेणी में रखा है। इनमें अलीगढ़ में 5, एटा में 1, हाथरस में 1, कासगंज में 1, अयोध्या में 2, अंबेडकर नगर में 1, बाराबंकी में 1, सुल्तानपुर में 1, आजमगढ़ में 2, बलिया में 3, मऊ में 2, शाहजहांपुर में 2, बस्ती में 9, संत कबीर नगर में 3, सिद्धार्थनगर में 4, बांदा में 1, बहराइच में 4, बलरामपुर में 1, गोंडा में 3, देवरिया में 6, गोरखपुर में 2, कुशीनगर में 5, महाराजगंज में 4, फरुखाबाद में 2, कानपुर देहात में 2, लखीमपुर खीरी में 2, लखनऊ में 2, रायबरेली में 1, उन्नाव में 2, बुलंदशहर में 1, सोनभद्र में 2, मुरादाबाद में 1, रामपुर में 3, फतेहपुर में 3, कौशाम्बी में 2, प्रतापगढ़ में 10, प्रयागराज में 1 और जौनपुर में 2 नगरीय निकायों को आकांक्षात्मक नगरीय निकाय की श्रेणी में रखा गया है।

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