लखनऊ। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव के आज़मगढ़ प्रवास पर ईर्ष्यावश, घबराहट में और राजनैतिक बेचैनी के कारण सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने बहुत अपमानजनक टिप्पणी की जिससे पूरे देश का यादव समाज मर्माहत महसूस कर रहा है।
भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने जब डॉक्टर मोहन यादव को मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया तो पूरे देश केयादव समाज में खुशी की लहर दौड़ गई पूरे देश में बहुत जगह यादव समाज ने ध्यानवाद मोदी जी कार्यक्रम आयोजित किया l उत्तर प्रदेश में झांसी , नोएडा और अन्य जगहों पर कार्यक्रम हुआ
भाजपा के प्रदेश महामंत्री एवं विधान परिषद सदस्य सुभाष यदुवंश ने अखिलेश यादव के इस अशोभनीय कृत्य पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए उत्तर प्रदेश के युवाओं से अखिलेश यादव के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया। जिसके परिणामस्वरूप उत्तर प्रदेश के 35 ज़िलों में यादव समाज के युवाओं ने बड़ी संख्या में इकट्ठा होकर अखिलेश यादव का पुतला दहन किया और अखिलेश यादव माफी मांगों के नारे लगाये।
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सुभाष यदुवंश ने अखिलेश यादव के विरोध में पोस्टर लगवाये जिसमें अखिलेश यादव को “परिवारवादी यादव विरोधी” की संज्ञा दी गई और अखिलेश यादव माफी मांगों के नारे लिखे गए।
सुभाष यदुवंश ने कहा कि अखिलेश यादव अविलंब पूरे देश के यादव समाज से माफ़ी मांगें। और युवाओं से अपील किया कि जब तक अखिलेश यादव माफ़ी न माँग लें तब तक इनका विरोध जारी रखें।
सुभाष यदुवंश ने कहा कि अखिलेश यादव के लिए सब कुछ उनका परिवार ही है अगर समाज का कोई व्यक्ति कोई पद प्रतिष्ठा या सम्मान पाता है तो अखिलेश यादव के कलेजे पर सांप लोटने लगता है।
अखिलेश यादव का इतिहास लोगों के अपमान से भरा पड़ा है पहले अपने पिता जी का अपमान किया अपने परिवार के अन्य सदस्यों को लगातार अपमानित करते हैं। पीडीए का नारे देने वाले अखिलेश यादव अपने पार्टी में दलित पिछड़े नेताओं को अपमानित करते रहते हैं जिसका परिणाम यह है कि पिछड़े वंचित समाज के नेता इनका साथ छोड़ते जा रहे हैं।