22 फरवरी से आयुष सेक्टर के बदलाव पर होगा मंथन

लखनऊ, 13 फरवरी: डबल इंजन की सरकार आयुष सेक्टर में आ रहे बदलावों को सामने रखने और आम लोगों के स्वास्थ्य को सशक्त करने के लिये आयुष फॉर वन हेल्थ विषय पर चार दिवसीय अंतरराष्ट्रीय आरोग्य 2024 का आयोजन करने जा रही है। यह सम्मेलन 22 फरवरी से अवध शिल्पग्राम में शुरू होगा। इसमें आयुष सेक्टर से संबंधित अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी एवं सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। इसमें देश के 60 से अधिक देश के प्रतिनिधि शिरकत करेंगे। आयुष विभाग की प्रमुख सचिव लीना जौहरी ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय आरोग्य 2024 का आयोजन आम लोगों की स्वास्थ्य यात्रा को सशक्त बनाने, आयुष प्रथाओं को बढ़ावा देने, उसे विकसित करने और नागरिकों के बीच जागरूकता के उद्​देश्य से किया जा रहा है। भारत सरकार के आयुष मंत्रालय और फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) की ओर से इसका आयोजन कराया जा रहा है।

आयुष फॉर वन हेल्थ थीम पर होगा सम्मेलन

‘आयुष फॉर वन हेल्थ’ थीम पर आधारित सम्मेलन में आयुर्वेद, योग, प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्धा, सोवा-रिग्पा और होम्योपैथी (आयुष) सहित पारंपरिक भारतीय चिकित्सा प्रणालियों की ताकत और वैज्ञानिक मान्यता का प्रदर्शन किया जाएगा, जो आयुष चिकित्सा के वैश्विक प्रचार, विकास और मान्यता में वृद्धि करने का काम करेगा। सम्मेलन में विभिन्न सत्रों में विभिन्न विषयों पर विस्तार से चर्चा की जाएगी। मालूम हाे कि आयुष मंत्रालय स्वास्थ्य और वैलनेस क्षेत्र के विकास की दिशा में सक्रिय रूप से काम कर रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने आयुष मंत्रालय के सहयोग से तैयार किए गए आईसीडी 11-अध्याय 26 मॉड्यूल 2 को जारी कर एक मील का पत्थर स्थापित किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 जनवरी को मन की बात में इस वैश्विक सफलता का जिक्र करते हुए इसे हमारे देश की महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया था। अंतरराष्ट्रीय आरोग्य 2024 के जरिये समग्र स्वास्थ्य और वैलनेस के क्षेत्र में सहयोग के साथ नवाचार के लिए लोगों को एक वैश्विक मंच उपलब्ध कराया जाएगा। इसका उद्देश्य वैश्विक मान्यता को प्रोत्साहित करना, आयुष पद्धतियों को बढ़ावा देना, इसका विकास करना और जागरूकता पैदा करना है।

अंतरराष्ट्रीय आरोग्य 2024 में इन विषयों पर होगी चर्चा

  •  सीईओ राउंड टेबल सम्मेलन: वैश्विक परिप्रेक्ष्य में आयुष क्षेत्र की चुनौतियां और अवसरों की खोज
  • आयुष की वैश्विक व्यवस्था को सशक्त करने के लिए नियामक एवं आयुष पोषण (आयुर्वेद आहार)
  • समग्र स्वास्थ्य और चिकित्सा को बढ़ावा देना, आयुष उत्पादों, सेवाओं का वैश्वीकरण और मानकीकरण
  • पारंपरिक उत्पादों के लिए भारत के निर्यात का मूल्यांकन, फार्मा और आयुष का समन्वय
  • एकीकृत स्वास्थ्य सेवा समाधानों के लिए सहयोगात्मक दृष्टिकोण की खोज, आयुष उत्पादों के अनुसंधान, विकास और विनिर्माण में प्रगति के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकी की शक्ति का उपयोग करना

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