16 जनवरी, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 30 दिसंबर के बाद से अलग-अलग डेस्टिनेशन के लिए अयोध्या की कनेक्टिविटी बढ़ती जा रही है। 17 जनवरी को अयोध्या से हम एक नई वायु सेवा प्रारंभ करने जा रहे हैं। यानी अयोध्या अंतरराष्ट्रीय उड़ान भरने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार 821 एकड़ लैंड एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को उपलब्ध करा चुकी है। इसके दृष्टिगत हम सारी औपचारिकताएं पूरी कर चुके हैं। आज अयोध्या केवल जनआस्था का केंद्र नहीं बल्कि लाखों लोगों के रोजगार का माध्यम बन रहा है। अब अयोध्या की गलियों में गोलियां नहीं चलती हैं बल्कि दीपोत्सव होता है। आज की अयोध्या कर्फ्यू के दौर से नहीं गुजर रही है बल्कि राम नाम के संकीर्तन की गूंज से गूंजायमान हो रही है।
सीएम योगी ने गुरुवार को एक मीडिया संस्थान द्वारा होटल हयात में ‘डिवाइन अयोध्या’ विषय पर आयोजित कॉन्क्लेव को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि अयोध्या में होमस्टे शुरू करने के लिए अब तक 1000 लोगों ने आवेदन किया है। होमस्टे के कार्यक्रम के साथ लोगों के जुड़ने से एक तरफ जहां अतिथि देवो भवः का भाव व्यक्त होगा। वहीं दूसरी तरफ यह लोगों की आजीविका का माध्यम ही बनेगा। सीएम योगी ने कहा कि नव्य अयोध्या में लोगों की श्रद्धा और विश्वास का भी सम्मान होगा। पर्यटकों को भी उनकी रुचि के अनुरूप वहां का इंफ्रास्ट्रक्चर भी मिलेगा। साथ ही उन्हें वहां की पौराणिक और ऐतिहासिक परंपरा को देखने समझने और जानने का अवसर भी प्राप्त होगा।
सीएम योगी ने कहा कि नई अयोध्या में नाविक, टैक्सी चालक, ई-रिक्शा चालक समेत हर तबके के व्यक्ति के लिए असीम संभावनाएं होंगी। अयोध्या को देश की पहली सोलर सिटी बनाने की दिशा में हमारी सरकार कदम आगे बढ़ा चुकी है। 200 इलेक्ट्रिक बसें अयोध्या सिटी के लिए उपलब्ध करवाई है। आने वाले समय में हम इसको 500 तक बढ़ाएंगे। अयोध्या के लिए और भी अनेक कार्यक्रमों को लेकर सरकार चल रही है। उन्होंने कहा कि अयोध्या के सांस्कृतिक उन्नयन के लिए हम लगातार कार्य कर रहे हैं। इसमें अयोध्या शोध संस्थान महत्तवपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
सीएम योगी ने कहा कि 2017 में अयोध्या में श्रद्धालुओं की संख्या कुछ हजारों में थी। गत वर्ष रामनवमी के अवसर पर 35 लाख से अधिक श्रद्धालु एक दिन में अयोध्या आए थे। उन्होंने कहा कि ने कहा कि वेदों में वर्णित सप्तपुरियों में सबसे पहले अयोध्या की वंदना की गई है। अब अयोध्या अपने नाम के अनुरूप देखने को मिलेगी। लोगों को आसानी से श्रीरामलला के दर्शन प्राप्त होंगे।