( शाश्वत तिवारी): भारत अफ्रीका महाद्वीप के आर्थिक रूप से कमजोर देशों की मदद के लिए लगातार प्रयासरत है। नामीबिया में स्थित भारतीय उच्चायोग स्थानीय लोगों के रोजगार के लिए नए उद्योगों की स्थापना पर जोर दे रहा है।
भारतीय उच्चायोग ‘एक पंथ दो काज’ पर काम करते हुए न केवल स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा देने पर जोर दे रहा है, बल्कि भारतीय उद्यमियों को नामीबिया में व्यावसायिक निवेश हेतु सभी प्रकार की सहायता प्रदान करने के लिए भी तत्पर है। नामीबिया में भारतीय उच्चायुक्त एम. सुब्बारायडू ने हाल ही में उदयपुर चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की ओर से यूसीसीआई भवन में हुई परिचर्चात्मक बैठक में इस संबंध में खुलकर बातचीत की।
नामीबिया में स्थित भारतीय उच्चायोग ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा उच्चायुक्त ने भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) – राजस्थान के उद्योग जगत के लीडर्स से मुलाकात की और नामीबिया में व्यापार/निवेश के अवसरों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बुनियादी ढांचे, ऊर्जा, विनिर्माण, खनन, पर्यटन आदि क्षेत्रों में साझेदारी की संभावनाओं पर ध्यान केंद्रित किया। उच्चायुक्त ने बताया कि केवल 26 लाख की जनसंख्या एवं 840 हजार वर्ग किलोमीटर में फैले इस देश में हीरा, यूरेनियम, लीथियम, पेट्रोलियम जैसे बहुमूल्य खनिज प्रचुर मात्रा में मौजूद हैं।
गौरतलब है कि अफ्रीका महाद्वीप में स्थित आर्थिक तौर पर कमजोर देशों की मदद के लिए भारत हमेशा तैयार रहता है। भारत शिक्षा, स्वास्थ्य एवं रक्षा क्षेत्र में मदद के अलावा जरूरतमंद देशों के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए भी प्रतिबद्ध है। नामीबिया में पहले से ही सूरत एवं मुंबई की डायमंड कंपनियां कार्यरत हैं और भारतीय व्यवसायियों की वहां अच्छी छवि है। नामीबिया में नीतिगत चुनौतियां भी बहुत कम हैं। यही वजह है कि उच्चायोग भारतीय उद्यमियों को वहां अपना कारोबार स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिल सके और साथ ही साथ भारतीय उद्यमियों को भी लाभ मिल सके।