एक जिला एक उत्पाद:- उत्तर प्रदेश सरकार की महत्त्वाकांक्षी “एक जनपद-एक उत्पाद” कार्यक्रम का उद्देश्य है कि उत्तर प्रदेश की उन विशिष्ट शिल्प कलाओं एवं उत्पादों को प्रोत्साहित किया जाए जो देश में कहीं और उपलब्ध नहीं हैं, जैसे प्राचीन एवं पौष्टिक कालानमक चावल, दुर्लभ एवं अकल्पनीय गेहूँ डंठल शिल्प, विश्व प्रसिद्ध चिकनकारी, कपड़ों पर ज़री-जरदोज़ी का काम, मृत पशु से प्राप्त सींगों व हड्डियों से अति जटिल शिल्प कार्य जो हाथी दांत का प्रकृति-अनुकूल विकल्प है इत्यादि। इनमें से बहुत से उत्पाद जी.आई. टैग अर्थात भौगोलिक पहचान पट्टिका धारक हैं । ये वे उत्पाद हैं जिनसे स्थान विशिष्ट की पहचान होती है। भारत सरकार ने कई मौकों पर इसकी सराहना की। रेलवे ने एक स्टेशन एक उत्पाद योजना लागू की है।
ग्राम सचिवालय:- उत्तर प्रदेश में ग्राम पंचायतों का अपना ग्राम सचिवालय बन रहा है। ग्राम पंचायतों की कार्यप्रणाली को व्यवस्थित स्वरूप प्रदान करने के लिये प्रदेश सरकार तेजी से काम कर रही है। सरकार की इस पहल से गांव के लोगों को कई सुविधाएं मिलेंगी और ग्रामवासियों की समस्याएं पहले से कम समय में निस्तारित हो सकेंगी। इन ग्राम सचिवालय में कंप्यूटर ऑपरेटर की नियुक्ति की जा चुकी है, जहां इससे जुड़े गांव के हर व्यक्ति की आय, निवास, जाति, जन्म और मृत्यु के प्रमाण पत्र देने की सुविधा है। ग्राम प्रधान, ग्राम विकास अधिकारी बीट सिपाही सभी के लिए यहां कक्ष हैं।
आकांक्षात्मक विकासखंड:- आकांक्षात्मक जनपदों की तर्ज पर राज्य सरकार ने आकांक्षात्मक विकासखंडों के सामाजिक-आर्थिक सुधार के लिए विशिष्ट प्रयास कर रही है। कुल 34 जनपदों में 100 आकांक्षात्मक विकासखंडों का चयन किया गया है। स्वास्थ्य और पोषण, शिक्षा, कृषि और जल संसाधन, वित्तीय समावेशन, कौशल विकास तथा आधारभूत संरचना आदि क्षेत्र के तय 75 इंडिकेटर पर इन आकांक्षात्मक विकासखंडों के समग्र विकास के प्रयास किया जा रहा है। यहां सीएम फेलो की तैनाती भी की गई है, जो विकास कार्यों का सतत अनुश्रवण करते हैं। इसी तर्ज पर भारत सरकार ने देश में 500 विकास खंडों के समग्र विकास की कार्ययोजना बनाई है।
जन आरोग्य मेला:- ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की सुलभ उपलब्धता के उद्देश्य से शुरू सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर हर रविवार ‘मुख्यमंत्री आरोग्य मेलों’ का आयोजन किया जाता है। एक ही स्थान पर स्वास्थ्य विभाग की समस्त सेवाएं उपलब्ध होती हैं। गम्भीर रोग से पीड़ित लोगों को हायर सेंटर रेफर भी किया जाता है। राष्ट्रीय स्तर पर सितंबर से प्रारंभ हो रहे ‘आयुष्मान भवः” कार्यक्रम अंतर्गत यूपी के इस मॉडल की तर्ज पर आयुष्मान मेले लगाए जाएंगे।
विश्वकर्मा श्रम सम्मान:- योगी सरकार राज्य में उद्यमिता और परंपरागत कारगीरों के रोजगार को बढ़ावा देने के लिए कई तरह की योजनाएं चलाती हैं। ऐसी ही एक विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना है। जिसके तहत पारंपरिक कारीगरों और दस्तकारों को 6 दिन की फ्री ट्रेनिंग दी जाती है। वहीं ट्रेनिंग के बाद कारीगरों को ट्रेड से संबंधित टूल किट दी जाती है। इसके साथ ही छोटे उद्योग स्थापित करने के लिए सरकार की तरफ से 10 हजार से लेकर 10 लाख तक की आर्थिक सहायता भी मिलती है। अब भारत सरकार ने इसे पूरे देश में लागू करने की घोषणा की है।
ई-रूपी वाउचर: फरवरी 23 से गर्भवती महिलाओं को निःशुल्क अल्ट्रासाउण्ड हेतु ई-रूपी वाउचर का प्रयोग। प्रदेश में प्रत्येक माह की 01,09,16 एवं 24 तारीख को गर्भवती महिलाओं का निःशुल्क अल्ट्रासाउण्ड। पीपीपी मोड में 1319 अल्ट्रासाउण्ड सेन्टर इम्पैनल्ड। अबतक 1,68,390 गर्भवती महिलाओं को ई-रूपी वाउचर जारी। प्रत्येक पीएमएसएमए दिवस में औसतन दस हजार से अधिक गर्भवती महिलाओं को ई-रूपी वाउचर के माध्यम से निःशुल्क अल्ट्रासाउण्ड ,का लाभ।
ई-कवच:- वर्क-फ्लो आधारित एवं समुदाय स्तर पर संचालित कॉम्प्रीहेन्सिव प्राइमरी हेल्थ केयर एप्लीकेशन • सभी परिवार के सदस्यों का डिजिटल स्वास्थ्य सर्वेक्षण करते हुए मास्टर डाटाबेस संकलित। 04 करोड़ से अधिक परिवारों के अन्तर्गत 17 करोड़ से अधिक सदस्यों को पंजीकृत किया गया।अनुश्रवण एवं मूल्यांकन हेतु रियल टाइम डाटा उपलब्ध। एप्लीकेशन आयुष्मान भारत डिजिटल हेल्थ मिशन के प्रावधानों से प्रमाणित। एप्लीकेशन द्वारा आयुष्मान भारत डिजिटल हेल्थ एकाउण्ट (आभा आईडी)। प्रदेश की 1,80,000 आशाओं को स्मार्ट फोन तथा 27000 एएनएम को टैबलेट प्रदान किये गये हैं। ई-कवच से इनुमरेशन के पश्चात लाइन लिस्ट वाइस ड्यू लिस्ट उपलब्धता से नियमित टीकाकरण तथा अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं की प्रभावी मानीटरिंग की जा रही है।
केयर:- यूपी सरकार ने इन उपकरणों की उपलब्धता और कार्यक्षमता पर वास्तविक समय की जानकारी प्राप्त करने के लिए ‘केयर’ के माध्यम से जिला/विशेष अस्पतालों और सीएचसी में महत्वपूर्ण उपकरणों की निगरानी शुरू की। जिला अस्पतालों में 27 उपकरणों और सीएचसी में 23 उपकरणों की निगरानी की जा रही है। अपटाइम में सुधार के लिए प्रत्येक सुविधा से साप्ताहिक आधार पर अपने उपकरणों की उपलब्धता और कार्यक्षमता को अपडेट करने की अपेक्षा की जाती है। एप्लिकेशन राज्य/जिला स्तर के उपयोगकर्ताओं को रिपोर्ट के माध्यम से विभिन्न स्तरों पर महत्वपूर्ण उपकरणों की उपलब्धता और कार्यक्षमता की स्थिति की निगरानी करने की भी अनुमति देता है।
यूनिफाइड डिजीज सर्विलांस पोर्टल : प्रदेश में रोगों की स्थिति की जानकारी तथा रोकथाम हेतु प्रदेश सरकार का एक अभिनव प्रयोग। ग्राम स्तर से लेकर राज्य स्तर तक विभिन्न रोगों के आंकड़ों की रीयल टाइम उपलब्धता। समस्त आंकड़े लाइन लिस्ट पर आधारित। प्राइवेट क्षेत्र के चिकित्सालयों एवं प्रयोगशालाओं के द्वारा भी सक्रिय रूप से आंकड़ों की साझेदारी। राज्य की आवश्यकताओं के अनुसार पूर्ण रूप से कस्टमाइजेबल। प्रायोरिटी डिजीजेज की जांच के नतीजों की पब्लिक लैब रिपोर्ट पोर्टल से जनता को सहज उपलब्धता।1890 निजी चिकित्सालय तथा 1886 निजी प्रयोगशालाओं द्वारा पोर्टल पर पंजीकरण। 3,36,994 लक्षण युक्त व्यक्तियों की विभिन्न चिकित्सा इकाइयों, प्रयोगशालाओं तथा फ्रंटलाइन बर्कर्स के द्वारा पोर्टल पर प्रविष्टि। 1,80,000 प्रयोगशाला जाँचों की पोर्टल पर प्रविष्टि। राज्य सर्विलांस इकाई द्वारा पोर्टल के डेटा का विश्लेषण कर दैनिक रिपोटों की उपलब्धता