विद्यालयों में बच्चों को मिले ओडीओपी और हस्तशिल्प में इनोवेशन के लिए मार्गदर्शन : मुख्यमंत्री

कौशाम्बी। हमें स्कूली बच्चों को पढ़ाई लिखाई के साथ साथ परंपरागत हस्तशिल्प और खेलकूद के क्षेत्र में आगे लाना होगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत बच्चों के स्किल डेवलपमेंट को लेकर अभी से प्रयास करना होगा। वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट में हम क्या नयापन दे सकते हैं, इसके शोध का केंद्र हमारे विद्यालयों को बनना होगा। ये बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को आलमचंद ग्राम स्थित महेश्वरी प्रसाद इंटरमीडिएट कॉलेज के संस्थापक प्रबंधक स्व. देवेन्द्र नाथ श्रीवास्तव के स्मृति दिवस कार्यक्रम के दौरान अपने उद्बोधन में कही।

उन्होंने 6 दशक पहले प्रख्यात अधिवक्ता देवेन्द्र नाथ श्रीवास्तव द्वारा अपने पूर्वजों की धरोहर को संरक्षित करने के लिए आलमचंद ग्राम में इंटर कॉलेज की स्थापना की सराहना की। उन्होंने इंटर कॉलेज के संस्थापक स्व देवेन्द्र नाथ श्रीवास्तव और उनके पूर्वज बाबू महेश्वरी प्रसाद को नमन करते हुए अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। कहा कि विद्यालय की शुरुआत जब की गई होगी, तब ये क्षेत्र काफी पिछड़ा रहा होगा। मगर मन में परोपकार, जनसेवा और पूर्वजों के प्रति कृतज्ञता का भाव रखते हुए उनके नाम की अमरता को बनाए रखने का सपना आज यहां पर महेश्वरी प्रसाद इंटरमीडियट कॉलेज के रूप में हम सबके सामने मूर्तरूप में है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे प्राचीन ग्रंथों से हमें प्रेरणा मिलती है कि बिना श्रद्धा के ज्ञान नहीं प्राप्त हो सकता। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि विद्यालय में 2526 विद्यार्थियों में से 1353 बालिकाएं पढ रही हैं। सीएम योगी ने कहा कि ये बहुत ही शुभ संकेत है, क्योंकि यहां बालकों की संख्या 1173 है, यानी बेटियां एक बार फिर से यहां पर अपना स्थान बना चुकी हैं। मुख्यमंत्री ने प्राचीन गुरुकुलों के दीक्षांत समारोह के दौरान गुरुओं द्वारा विद्याथियों को सत्य बोलने और धर्म के मार्ग पर चलने की शिक्षा का भी उल्लेख किया। साथ ही मातृ, पितृ, आचार्य और अतिथि देवो भव: के विचार से भी अवगत कराते हुए कहा कि हमें इन सबके प्रति अंत:करण से श्रद्धा का भाव रखना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने इस बात पर हर्ष व्यक्त किया कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय की कुलपति और सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति जैसी देश की जानी मानी हस्तियां इस महाविद्यालय से जुड़ी हैं, जो अपने व्यस्त कार्यक्रमों से समय निकालकर बच्चों के बीच अभिभावक के रूप में मौजूद रहती हैं और मार्गदर्शन करती हैं। उन्होंने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि कोई भी व्यक्ति अचानक से बड़ा नहीं होता, बल्कि इसके लिए कठिन परिश्रम, लगन और निष्ठा के साथ कार्य करना होता है। मुख्यमंत्री ने विद्यालय प्रबंधन को इस बात के लिए भी आश्वस्त किया कि उसकी आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए प्रोजेक्ट अलंकार के तहत यहां विभिन्न कार्य कराए जाएंगे। उन्होंने बताया कि प्रोजेक्ट अलंकार के तहत कोई भी विद्यालय जो सरकार से वित्तपोषित है या सरकारी विद्यालय है उसके भवन निर्माण के लिए 75 से 90 फीसदी सहायता सरकार दे रही है।

मुख्यमंत्री ने शिक्षा के क्षेत्र में निजी संस्थाओं द्वारा किये जा रहे प्रयासों की भी सराहना की। साथ ही बच्चों से कहा कि वो सामान्य पाठ्यक्रम के साथ-साथ लाइब्रेरी जरूर जाएं। नई-नई पुस्तकों से ज्ञानार्जन करें। मुख्यमंत्री ने लाइब्रेरियों को डिजिटल लाइब्रेरी के रूप में स्थापित करने पर भी बल दिया। कहा कि इस कार्य के लिए सरकार हर संभव सहायता कर रही है। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी को निर्देशित किया कि कौशाम्बी में उच्च शिक्षा खासकर बालिकाओं की उच्च शिक्षा को लेकर विस्तृत कार्ययोजना तैयार करें और इस कार्य के लिए इलाहाबाद विश्वविद्यालय की कुलपति का मार्गदर्शन प्राप्त करें।

सीएम योगी ने कहा कि जब समाज आगे और सरकार पीछे होती है तो राष्ट्र नित नये प्रतिमान स्थापित करते हुए विश्वगुरू बनता है। उन्होंने बताया कि भारत ने पिछले 9 साल में अलग अलग क्षेत्र में नये प्रतिमानों को गढ़ा है। खेलों में नए प्रतिमानों को गढ़ा है। उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि खेलकूद और सांस्कृतिक गतिविधियों को हमें उचित मंच देना होगा। प्रतिभाओं को मंच मिलेगा तो बड़े से बड़ा लक्ष्य प्राप्त करने में कोई मुश्किल नहीं आएगी। उन्होंने विद्यालय में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों की भी सराहना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार पूरी तरह से शिक्षा के प्रति संवेदनशील होकर कार्य कर रही है। सशक्त और समर्थ राष्ट्र की आधारशिला शिक्षा है।

इससे पहले इंटर कॉलेज की छात्राओं ने स्वागत गीत से मुख्यमंत्री का विद्यालय प्रांगण में अभिनंदन किया। इसके उपरांत कॉलेज की छात्रा ने राष्ट्रगीत वंदे मातरम् का गायन कर सभी को देशभक्ति से ओतप्रोत कर दिया। वहीं छात्राओं ने ‘कौशाम्बी की गरिमा बड़ी पुरानी’ गीत का समूहगान किया। इलाहाबाद विश्वविद्यालय की कुलपति एवं विद्यालय की संरक्षिका प्रो संगीता श्रीवास्तव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को प्रशस्ति पत्र प्रदान किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस दौरान इलाहाबाद विश्वविद्यालय के इतिहास से जुड़ी कॉफी टेबल बुक का विमोचन किया। वहीं विद्यालय के संरक्षक एवं सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति विक्रम नाथ ने खराब मौसम के बावजूद कार्यक्रम में पधारने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दृढ़ निश्चय की प्रशंसा करते हुए उनका स्वागत अभिनंदन किया। उन्होंने महाविद्यालय की उत्तरोत्तर प्रगति यात्रा का ब्योरा प्रस्तुत किया। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इलाहाबाद विश्वविद्यालय के फाइन आर्ट्स के विद्यार्थियों द्वारा तैयार स्मृति चिह्न भेंट किया।

इस अवसर पर प्रदेश सरकार में मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, इलाहाबाद विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो संगीता श्रीवास्तव, सांसद विनोद सोनकर, जिला पंचायत अध्यक्ष कल्पना सोनकर, इंटर कॉलेज के प्रबंधक वत्सल नाथ, प्रधानाचार्य जितेन्द्र नाथ, प्रशासन और पुलिस के अधिकारीगण, अध्यापक-अध्यापिकाएं और विद्यालय के विद्यार्थी एवं अभिभावकगण मौजूद रहे।

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