लखनऊ, 26 दिसंबर। 2023 उत्तर प्रदेश में महिला सशक्तिकरण के लिए भी बेहद अहम साल रहा। सीएम योगी के विजनरी नेतृत्व में महिलाओं को सरकार की योजनाओं का लाभ तो मिला ही, साथ ही उन्हें प्रदेश की विकास प्रक्रिया में भागीदार बनने का अवसर भी प्राप्त हुआ। इस वर्ष प्रदेश में महिलाएं एक बड़ी ताकत के रूप में उभरकर सामने आईं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अनेक ऐसे प्रयास किए हैं, जिसकी मदद से महिलाओं ने न केवल बाधाओं को पार करने में मदद की, बल्कि इसमें कामयाबी हासिल करते हुए खुद को विकास प्रक्रिया के अहम हिस्से के रूप में भी स्थापित किया है।
मिशन शक्ति 4.0 की शुरुआत
शारदीय नवरात्रि के पावन अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मिशन शक्ति के चौथे चरण का शुभारंभ किया। यह मिशन महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से एक व्यापक प्रयास है। इस चरण में, महिलाओं के कौशल को बढ़ाने और उन्हें रोजगार के अवसरों से जोड़ने पर प्रमुखता से फोकस किया गया है। इसके अलावा, इसका उद्देश्य स्वास्थ्य सुविधाओं और सरकारी योजनाओं के बारे में जागरूकता बढ़ाना, मुफ्त परामर्श सुनिश्चित करना और विभिन्न बीमारियों के लिए उपचार उपलब्ध कराना है।
मिशन महिला सारथी ने परंपराओं को पीछे छोड़ा
एक महत्वपूर्ण कदम के जरिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मिशन शक्ति अभियान के तहत ‘मिशन महिला सारथी’ का शुभारंभ किया। इस पहल ने परिवहन के क्षेत्र में महिलाओं को जोड़ने और सशक्त बनाने को प्रेरित किया। इसके अंतर्गत सीएम योगी ने 51 साधारण बसों (बीएस 6) के बेड़े को हरी झंडी दिखाई, जिसमें विशेष रूप से ड्राइवरों और कंडक्टरों के रूप में महिलाओं ने बसों की कमान संभाली। इसने न केवल महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर प्रदान किए गए, बल्कि गैर-पारंपरिक भूमिकाओं में महिलाओं की क्षमताओं को प्रदर्शित करके रूढ़ियों को भी तोड़ दिया।
महिलाओं के खिलाफ अपराध रोकने में प्रभावी रही ‘शक्ति दीदी’
महिलाओं की समस्याओं को सुलझाने के लिए एक डेडिकेटेड प्लेटफॉर्म की आवश्यकता को देखते हुए योगी सरकार ने शक्ति दीदी की नियुक्तकी। शक्ति दीदी महिलाओं और बच्चों से संबंधित समस्याओं को सुलझाने में अहम भूमिका अदा कर रही हैं। खासतौर पर वे प्रमुख कानूनों, सरकारी योजनाओं और हेल्पलाइन नंबरों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करती हैं। साथ ही वे महिलाओं को अपराधों को रोकने के लिए सशक्त बनाती हैं और जरूरत पड़ने पर उनकी मदद की करती हैं।
लाभकारी साबित हो रही कन्या सुमंगला योजना
कन्या सुमंगला योजना के तहत बेटी के जन्म से लेकर उसकी शिक्षा तक 15,000 रुपए की राशि प्रदान की जाती है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगामी वित्तीय वर्ष से इस राशि में उल्लेखनीय वृद्धि करते हुए इसे 25,000 रुपए करने की घोषणा की है। यह दूरदर्शी कदम न केवल बेटियों की मुफ्त शिक्षा सुनिश्चित करता है, बल्कि राज्य में उसकी भलाई से संबंधित अन्य खर्चों के लिए वित्तीय सहायता भी प्रदान करता है।
‘हक की बात, जिलाधिकारी के साथ’
अक्टूबर में, योगी सरकार ने ‘हक की बात, जिलाधिकारी के साथ’ नामक एक कार्यक्रम का आयोजन किया, जहां जिलाधिकारियों ने हिंसा की शिकार महिलाओं के साथ संवाद किया। यह सीधा जुड़ाव जमीनी स्तर पर महिलाओं की समसयाओं सुलझाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इसके अतिरिक्त, स्थानीय और आंतरिक शिकायत समितियों को उन्मुख करने के लिए शक्ति कार्यशालाएं आयोजित की गईं, जो कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम 2013 के अनुरूप रहीं।
महिला थानेदारों की नियुक्ति
लैंगिक समानता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी पुलिस अधीक्षकों/आयुक्तों को मौजूदा महिला पुलिस थाना प्रभारियों के साथ एक अतिरिक्त पुलिस स्टेशन का प्रभारी एक महिला पुलिस अधिकारी नियुक्त करने का निर्देश दिया। यह कदम न केवल कानून प्रवर्तन में महिलाओं की क्षमताओं को स्वीकार करता है, बल्कि महिलाओं की चिंताओं को दूर करने के लिए अधिक सहानुभूतिपूर्ण और व्यापक दृष्टिकोण भी सुनिश्चित करता है। इसके अतिरिक्त, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 7,182 एएनएम स्वास्थ्य कर्मियों को नियुक्ति पत्र सौंपे, जो स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में महिलाओं के प्रतिनिधित्व को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था में महिलाओं का भी प्रतिनिधित्व
उत्तर प्रदेश को 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के रूप में विकसित करने के सीएम योगी के संकल्प में महिलाओं को भी हिस्सेदारी दी गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में निवेश को बढ़ावा देने में महिलाओं को सक्रिय रूप से शामिल किया है। राज्य सरकार ने 102 उद्यमी मित्र नियुक्त किए हैं, जिनमें से 20 प्रतिशत से अधिक महिलाएं शामिल हैं। ये उद्यमी मित्र उन निवेशकों की सहायता करने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी उठा रही हैं जिन्होंने यूपीजीआईएस 2023 के दौरान सरकार के साथ एमओयू किए हैं। उनकी भूमिका परियोजना स्थलों का दौरा करना, अधिग्रहण की जानकारी साझा करना, शिकायतों को सुलझाना और निवेश योजनाओं के कार्यान्वयन में तेजी लाना है। यह समावेशी दृष्टिकोण न केवल आर्थिक विकास को बढ़ावा देता है, बल्कि राज्य के विकास परिदृश्य में महिला सशक्तिकरण को भी बढ़ावा देता है।