लखनऊ, 10 दिसंबर। वर्ष 2017 में प्रदेश की कमान संभालने के बाद सीएम योगी ने लॉ एंड ऑर्डर से लेकर इंफ्रास्ट्रक्चर, कनेक्टिविटी और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को लेकर प्रदेश का जो परिदृश्य बदला है, उसके चलते उत्तर प्रदेश न सिर्फ देश के अंदर बल्कि दुनिया में निवेश के ड्रीम डेस्टिनेशन के रूप में उभरकर सामने आया है। प्रदेश में आ रहा विदेशी निवेश (एफडीआई) इसका उदाहरण है कि बदलते यूपी के प्रति न सिर्फ देश में बल्कि दुनिया में भी धारणा बदली है। योगी सरकार ने विभिन्न स्रोतों के माध्यम से वित्त वर्ष 2017 से 2022 के बीच लगभग 10,000 करोड़ रुपए का विदेश निवेश आकर्षित किया था, जबकि 2023 में अब तक 3372 करोड़ रुपए का विदेशी निवेश धरातल पर उतारा जा चुका है और अगली ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी (जीबीसी) में 3700 करोड़ रुपए के एफडीआई आने की पूरी संभावना है।
कई प्रमुख विदेशी निवेशक उत्तर प्रदेश में कर चुके हैं निवेश
उत्तर प्रदेश में औद्योगिक निवेश के लिए नोडल विभाग इन्वेस्ट यूपी के डेटा के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2020 में उत्तर प्रदेश में 1738 करोड़ रुपए का एफडीआई आया था, जो देश में आए कुल एफडीआई का 0.49 प्रतिशत था। वहीं 2021 में उत्तर प्रदेश में 4861 करोड़ रुपए का एफडीआई आया। यह देश में आए कुल एफडीआई का 1.10 प्रतिशत रहा। इसी तरह उत्तर प्रदेश ने वित्त वर्ष 2022 में 3357.57 करोड़ रुपए का एफडीआई आकर्षित किया, जो पूरे देश में कुल एफडीआई का 0.77 प्रतिशत रहा। इन्वेस्ट यूपी के अनुसार वित्त वर्ष 2023 में अब तक यूपी में 3372.72 करोड़ रुपए का एफडीआई आ चुका है जो देश में हुए कुल एफडीआई का 0.92 प्रतिशत है। इस दौरान कई प्रमुख विदेशी निवेशकों ने उत्तर प्रदेश में अपनी व्यावसायिक योजनाओं का विस्तार किया है। इसमें सैमसंग (दक्षिण कोरिया), माइक्रोसॉफ्ट (यूएसए), उबर (यूएसए), पेप्सिको (यूएसए), फेयरफॉक्स (यूएसए), हिंदुस्तान यूनिलीवर (यूके), एबी मौरी (यूके), एयर लिक्विड (फ्रांस), सिफी (यूएसए), एसटीटी ग्लोबल (सिंगापुर), एनटीटी (जापान), लुलु ग्रुप (यूएई), वीवो (चीन), हायर (चीन), होलीटेक (चीन), सनवोडा (चीन), लुआचुआंग एलसीई (चीन) आदि शामिल हैं।
कई बड़े विदेशी निवेशक यूपी में करने जा रहे अपनी परियोजनाओं का विस्तार
2023-24 में कुछ प्रमुख अंतरराष्ट्रीय निवेशक उत्तर प्रदेश में अपनी व्यावसायिक योजनाओं का विस्तार करने जा रहे हैं। ऐसे निवेशकों से 3,700 करोड़ रुपए के निवेश की उम्मीद है। उदाहरण के तौर पर यूके का सस्टीन लि. मुजफ्फरनगर में 500 करोड़ के निवेश से सस्टेनेबल प्रोटीनः चीनी से प्रोटीन की परियोजना स्थापित करने जा रहा है। इससे 100 लोगों को रोजगार भी उपलब्ध कराएगा। इसी तरह यूएई का शराफ ग्रुप कानपुर में 1250 करोड़ की लागत से लॉजिस्टिक पार्क की स्थापना भी करेगा। इससे 1250 लोगों को रोजगार मिलेगा। यूएसए का पेरोस्फीयर इंडिया गौतमबुद्धनगर में 570 करोड़ के निवेश से नोवेल कोगुलोमीटर प्रणाली से संबंधित प्रोजेक्ट लगाएगा जिसमें कोगुलोमीटर रीडर और क्यूवेट (डिस्पोजेबल घटक) दोनों शामिल हैं। इससे 225 लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जा सकेगा।
विदेशी निवेश से हजारों रोजगार का हो रहा सृजन
निवेशकों की यह सूची काफी लंबी है। इसमें यूएसए का ही ई कुबेर वेंचर्स भी शामिल है जो श्रावस्ती में फॉर्महाउस और इको टूरिज्म पर 82 करोड़ रुपए का निवेश करेगा। इससे 500 लोगों को रोजगार मिलेगा। सिंगापुर का इंटरनेशनल ट्रेडर्स और इन्वेस्टर्स पीटीई लि. लखनऊ में फूड प्रोसेसिंग प्रोजेक्ट पर 50 करोड़ निवेश करेगा, जिससे 200 लोगों को रोजगार प्राप्त होगा। यूएसए का यूनिवेस्ट इंटरनेशनल लखनऊ में रेसीडेंशियल टाउनशिप के लिए 550 करोड़ निवेश करेगा और 250 लोगों को रोजगार प्रदान करेगा, वहीं आस्ट्रेलिया का एसजीसी सिटी सेंटर डेवलपर्स पीटीवाई लि. सिद्धार्थ नगर में 25 करोड़ के निवेश के आईटी पार्क बनाएगा, जिससे 100 लोगों को रोजगार मिलेगा। स्विट्जरलैंड का एडटिंगो इंटरनेशनल (बिग हार्ट्स) आगरा में 330 करोड़ से फूड प्रोसेसिंग प्लांट लगाएगा, जिसमें 800 रोजगार उपलब्ध होंगे। यूएई का डीपी वर्ल्ड कानपुर नगर में लॉजिस्टिक पार्क के लिए 220 करोड़ रुपए निवेश करेगा और एक हजार लोगों को रोजगार प्रदान करेगा तो जापान का फूजी सिल्वरटेक गौतमबुद्धनगर में 150 करोड़ के निवेश से कंस्ट्रक्शन मैटेरियल का निर्माण करेगा। इससे 200 लोगों को रोजगार मिलेगा। फूजी सिल्वरटेक उत्तर प्रदेश में एफडीआई पॉलिसी के तहत पहली लैंड सब्सिडी पाने वाला भी उद्यम है।