नवंबर में 11,489 सामूहिक विवाह हुए संपन्न, दिसंबर-जनवरी में 50, 000 शादियों का लक्ष्य

लखनऊ, 4 दिसंबर। प्रदेश की बेटियों के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक पिता की तरह आगे बढ़कर अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हैं। उन्होंने बेटियों की पढ़ाई की व्यवस्था की है तो उनके हाथ पीले करने की जिम्मेदारी भी पूरी प्रतिबद्धता से निभा रहे हैं। इसी क्रम में शुरू की गई मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना हर वर्ग की बेटियों का सहारा बन रही है। इस योजना के तहत समाज कल्याण विभाग की ओर से प्रदेश भर में स्थित जनपदों में सामूहिक शादी समारोह का आयोजन किया जा रहा है। इसके अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2023-2024 के लिए प्रदेश भर में 109883 बेटियों के विवाह का लक्ष्य निर्धारित किया गया हैं। इस लक्ष्य के सापेक्ष नवंबर में हुए समारोह में शुभ मुहूर्त में प्रदेश भर में 11,489 सामूहिक विवाह संपन्न करवाए गए हैं, जबकि दिसंबर और जनवरी में 50,000 शादियां करवाया जाना प्रस्तावित है। इसके लिए सभी जनपदों को बजट भी आवंटित कर दिया गया है। अभी तक लगभग 68,825 आवेदन आ चुके हैं। वहीं ऑनलाइन पोर्टल पर हर दिन करीब 1000 आवेदन आ रहे हैं।

जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में संपन्न हुआ विवाह
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत जरूरतमन्द निराश्रित/निर्धन परिवारों की विवाह योग्य कन्या/विधवा/परिव्यक्ता/तलाकशुदा महिलाओं का विवाह करवाया गया है। कार्यक्रम में अनुसूचित जाति/जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग के, अल्पसंख्यक वर्ग और सामान्य वर्ग के जोड़ों को लाभान्वित कराया गया है। राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), समाज कल्याण विभाग असीम अरुण की उपस्थिति में कन्नौज में, सांसद मेनका गांधी की उपस्थिति में सुल्तानपुर में, सांसद घनश्याम सिंह लोधी व कृषि राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख की उपस्थिति में रामपुर में, पूर्व कैबिनेट मंत्री सुरेश राणा द्वारा शामली में, केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी की उपस्थित में महराजगंज में, गाजीपुर, पीलीभीत, मुरादाबाद, चंदौली, मऊ समेत कई जनपदों में वर-वधु का विवाह संपन्न हुआ। जनप्रतिनिधियों ने नव विवाहित जोड़ों को आशीर्वाद देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। प्रत्येक वर-वधू को उपहार सामग्री एवं प्रमाण-पत्र वितरित किया।

ये दी गई सहायता
सामूहिक विवाह समारोह में दाम्पत्य जीवन में खुशहाली एवं गृहस्थी की स्थापना के लिए कन्या के खाते में 35000 रुपये सहायता राशि अंतरित की गई। वहीं विवाह संस्कार के लिए आवश्यक सामग्री जैसे कपड़े, बिछिया, पायल, बर्तन आदि पर 10 हजार रुपये खर्च किए गए। विधवा, परित्यक्ता/ तलाकशुदा के मामले में 5000 रुपये तक की वैवाहिक सामग्री दी गई और अन्य आवश्यक व्यवस्थाओं के लिए 6000-/ प्रति जोड़ा व्यय किया गया।

ऐसे कर सकते हैं आवेदन
योजना के अन्तर्गत ऑनलाइन वेबसाइट https://cmsvy.upsdc.gov.in पर आवेदन कर सकते हैं। योजना के अंतर्गत लाभ पाने के लिए लाभार्थी आधार डेमोग्राफिक प्रमाणीकरण कर आवेदन कर सकते हैं। आवेदक अपना आवेदन पत्र जन सुविधा केंद्र (कॉमन सर्विस सेंटर), जिला समाज कल्याण अधिकारी कार्यालय, साइबर कैफे, निजी इंटरनेट केंद्र अथवा विभाग वेबसाइट से भर सकते हैं। आवेदक द्वारा आवेदन विवाह की निर्धारित तिथि के न्यूनतम एक सप्ताह पहले ही करना होगा। आवेदन पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर स्वीकार होगा।

पूरी पारदर्शिता से संचालित हो रही योजना
सीएम योगी के मार्गदर्शन में समाज कल्याण विभाग के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण का प्रयास है कि समस्त निराश्रित, निर्धन और जरूरतमंद बेटियों को इस योजना का लाभ मिल सके। उन्होंने योजना की पारदर्शिता के लिए ऑफलाइन आवेदन को खत्म कर ऑनलाइन आवेदन की व्यवस्था शुरू की है। इससे जहां पात्रों को सहूलियत हो रही है, वहीं बिचौलियों का काम भी खत्म हो गया है। वहीं विवाह के लिए लाभार्थी के मोबाइल पर ही विवाह की तारीख और सूचना एसएमएस से भेजी जा रही है। यही वजह है कि पोर्टल बनने के बाद अगस्त से अभी तक 68,825 आवेदन ऑनलाइन आ चुके हैं। इस योजना के तहत कन्या का बैंक खाता होना अनिवार्य है। इन खातों को आधार कार्ड से लिंक करवाया जा रहा है।

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