(शाश्वत तिवारी): भारत और ऑस्ट्रेलिया ने सोमवार को दूसरी ‘टू प्लस टू’ मंत्रिस्तरीय वार्ता की, जिसमें दोनों देश रक्षा सहयोग बढ़ाने, समुद्री क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने, सूचना के आदान-प्रदान और चुनौतियों से मिलकर निपटने पर सहमत हुए। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंत्रिस्तरीय वार्ता के हिस्से के रूप में यहां हैदराबाद हाउस में ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री पेनी वोंग और रक्षा मंत्री रिचर्ड मार्लेस से मुलाकात की।
अपनी प्रारंभिक टिप्पणी में जयशंकर ने कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया को असाधारण चुनौतियों का सामना करना पड़ता है और दोनों देशों के लिए इन चुनौतियों के लिए योजना बनाना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा ये मानव निर्मित चुनौतियां हो सकती हैं, ये एचएडीआर (मानवीय सहायता और आपदा राहत) स्थितियां हो सकती हैं, जहां फिर से यह महत्वपूर्ण हो जाता है कि हमारे पास विरोध करने के लिए सहयोग की संस्कृति हो। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच रणनीतिक साझेदारी न सिर्फ दोनों देशों के लिए लाभकारी होगी, बल्कि हिंद-प्रशांत की समग्र शांति, सुरक्षा और समृद्धि के लिए भी फायदेमंद होगी।
ऑस्ट्रेलियाई रक्षा मंत्री मार्लेस ने कहा हम दोनों देशों के लिए चीन हमारा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है। हम दोनों के लिए, चीन हमारी सबसे बड़ी सुरक्षा चिंता भी है। हम एक महासागर साझा करते हैं। इस अर्थ में हम पड़ोसी हैं। हमारे दोनों देशों के लिए एक साथ काम करने का इससे अधिक महत्वपूर्ण समय कभी नहीं रहा। जयशंकर ने ‘एक्स’ पर लिखा इंडो-पैसिफिक, पश्चिम एशिया, दक्षिण एशिया और यूक्रेन घटनाक्रम पर दृष्टिकोण साझा किया। क्षेत्रीय और वैश्विक जरूरतों को पूरा करने में हमारे योगदान के बारे में भी बात की। अन्य देशों में साथ मिलकर काम करने की संभावना तलाशेंगे।