लखनऊ: योगी सरकार ने यूपी को पर्यटन के नए केंद्र के रूप में स्थापित किया है। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश के दुधवा राष्ट्रीय उद्यान/ टाइगर रिजर्व, पीलीभीत टाइगर रिजर्व, कतर्नियाघाट वन्य जीव विहार एवं किशनपुर वन्य जीव विहार में पर्यटकों हेतु ईको टूरिज्म सत्र का प्रारम्भ 15 नवम्बर से किया जा रहा है। टाइगर रिजर्व, राष्ट्रीय उद्यान व वन्यजीव विहार 15 जून 2024 तक खुले रहेंगे। योगी सरकार के कुशल मार्गदर्शन में ये स्थल प्रदेश के ही नहीं, अपितु देश के सर्वश्रेष्ठ वन क्षेत्रों में शामिल हैं।
राष्ट्रीय वन्यजीव बाघ, हाथी, तेन्दुआ, गैंडा (दुधवा में), राज्य वन्यजीव बारहसिंघा (Swamp deer), चीतल, सांभर, पाढ़ा, काकड, लंगूर एवं 200 से अधिक प्रजातियों के स्थानीय, प्रवासी तथा दुर्लभ पक्षी यथा राष्ट्रीय पक्षी मोर राजकीय पक्षी सारस, बंगाल फ्लोरिकन, क्रेन, स्टार्टस, तोते / पैराकीटस एवं विभिन्न प्रकार के जलीय वन्यजीव यथा डाल्फिन, मगरमच्छ, घड़ियाल कछुए, मछलियां तथा विभिन्न प्रकार के सरीसृप (Raptiles ) यथा किंग कोबरा, रसेल वाईपर, रैट स्नेक आदि इन क्षेत्रों के प्रमुख आकर्षण हैं। इस पूरे क्षेत्र को मिलाकर तराई टाइगर सर्किट बनता है।
उत्तर प्रदेश वन निगम स्तर से प्रदेश के विभिन्न टाइगर रिजर्व दुधवा टाइगर रिजर्व, लखीमपुर-खीरी एवं पीलीभीत टाईगर रिजर्व, पीलीभीत में पर्यटकों के स्थगन लग्जरी टाटा जीनॉन सफारी बोट सफारी इत्यादि सुविधाऐं कई वर्षों से लगातार उपलब्ध कराई जा रही है। पर्यटकों की सुविधा के दृष्टिगत प्रकृति से रुबरु होने तथा जंगल भ्रमण का आनंद लेने हेतु उत्तर प्रदेश वन निगम, ईकोटूरिज्म की वेबसाइट (www.upecotourism.in) के माध्यम से भी आनलाइन बुकिंग सुविधा उपलब्ध है। पर्यटकों में वन्य जीवों के प्रति आकर्षण तथा जागरूकता बढ़ाने तथा इकोटूरिज्म को बढ़ावा देने के उददेश्य से इस वर्ष पर्यटकों के स्थगन की दरों में काफी कमी की गयी है।