तेल अवीव/यरुशलम/दमास्कस/मॉस्को। फिलिस्तीन के आतंकवादी संगठन हमास के इस महीने की सात तारीख को इजराइल पर किए गए बर्बर आक्रमण के बाद उठ रही युद्ध की लपटों में गाजा पट्टी समेत कई देश झुलस रहे हैं। रविवार को गोलान हाइट्स की ओर किए गए रॉकेट हमले के जवाब में इजराइली वायुसेना ने दक्षिणी सीरिया के सैन्य ठिकानों पर रातभर ताबड़तोड़ हमला किया है। साथ ही उत्तरी गाजा में इजराइल की थल और नभ सेना का कहर जारी है। उत्तरी गाजा में आज (सोमवार) तड़के कई स्थानों पर मिसाइल और रॉकेट दागे गए। इस बीच रूस ने अपने एक हवाई अड्डे को छह नवंबर तक के लिए बंद कर दिया है। यह जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स में दी गई है।
कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया है कि सीरिया की राजधानी दमास्कस में इजराइल के ताजा हमलों से निपटने की रणनीति तय की जा रही है। इसके अलावा इजराइल ने गाजा पट्टी पर जमीनी हमला न करने की वैश्विक अपील को ठुकरा दिया है। इजराइल की सेना लगातार गाजा पट्टी पर मौजूद हमास के आतंकी ठिकानों को जमींदोज कर रही है। हमास नियंत्रित गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने दावा किया है कि सात अक्टूबर से आज तक गाजा में मरने वालों की संख्या 8,000 से अधिक हो गई है। इसमें 3,342 बच्चे शामिल हैं।
रूस ने दागेस्तान एयरपोर्ट बंद कियाः एक रिपोर्ट्स में कहा गया है कि रविवार को रूस के काकेशस गणराज्य के दागेस्तान में इजराइल के नागरिकों और यहूदियों की तलाश कर रही भीड़ ने मुख्य एयरपोर्ट पर कब्जा कर लिया। भीड़ को आशंका थी कि इजराइल से एक उड़ान आ रही है। इस घटना के बाद रूस की विमानन एजेंसी ने कहा है कि भीड़ के हमले के बाद दागेस्तान का मुख्य हवाई अड्डा 6 नवंबर तक बंद रहेगा।
उत्तरी इजराइल के हाइफा में धमाकाः एक रिपोर्ट्स में आज सुबह उत्तरी इजराइल के सबसे बड़े शहर हाइफा में धमाका होने का दावा किया गया है। इजराइल डिफेंस फोर्सेज ने कहा कि सीरिया से दागे गए रॉकेट और मिसाइल खुले इलाकों में गिरे हैं। इससे कोई नुकसान नहीं हुआ है।
आतंकी संगठन हमास नहीं जाने दे रहा विदेशी नागरिकों को मिस्रः इस युद्ध के बीच व्हाइट हाउस के मुख्य सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने कहा है कि मिस्र गाजा छोड़ने के इच्छुक अमेरिकियों और अन्य विदेशी नागरिकों को रास्ता देने को तैयार है पर इसमें हमास बाधा बन रहा है। हमास इन लोगों को गाजा से बाहर नहीं जाने दे रहा। वह इसके लिए मांग रख रहा है।
हमास के पतन के बाद की इजराइली योजनाः एक अन्य रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि गाजा में हमास के पतन के बाद इजराइल ने यहां के नागरिकों को मिस्र के सिनाई प्रायद्वीप में स्थानांतरित करने की योजना को मूर्तरूप दिया है। यह क्षेत्र 1982 से 2000 तक इजराइल की सेना के कब्जे में रहा है। मगर मिस्र ने इजराइल की इस योजना पर कड़ी आपत्ति जताई है।