संस्कारयुक्त शिक्षा से ही सशक्त व समर्थ होगा राष्ट्र : मुख्यमंत्री

गोरखपुर, 25 अक्टूबर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि किसी राष्ट्र को सशक्त बनना है तो उसे समर्थ बनना पड़ेगा। और, समर्थ बनने के लिए वहां की शिक्षा की संस्कारयुक्त बनाना पड़ेगा। शिक्षा ही हर व्यक्ति के भीतर आत्म अनुशासन की भावना पैदा करने, राष्ट्र के मुद्दों से जुड़ाव व समपर्ण का भाव पैदा करने का सशक्त माध्यम है।

सीएम योगी बुधवार को गोरखपुर मंडल (देवरिया, गोरखपुर, कुशीनगर व महराजगंज जनपद) के 1086 परिषदीय विद्यालयों के स्मार्ट क्लास एवं 64ब्लॉक संसाधन केंद्रों में आईसीटी (इंफॉर्मेशन एंड कम्युनिकेशन) लैब्स के लोकार्पण समारोह को संबोधित कर रहे थे। समारोह में प्राथमिक एवं कंपोजिट विद्यालयों के 14360 शिक्षकों को टैबलेट, 3780 को-लोकेटेड आंगनबाड़ी केंद्रों को वंडर बॉक्स तथा 1207 दिव्यांग बच्चों को 1980 सहायक उपकरणों के वितरण का भी शुभारंभ हुआ।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा के अनुरूप ही व्यक्ति, समाज व राष्ट्र का चरित्र होगा। सशक्त राष्ट्र के निर्माण की बुनियाद शिक्षकों के परिश्रम व पुरुषार्थ पर टिकी है। शिक्षक ही तेजी से देश को नई बुलंदियों तक पहुंचा सकते हैं। गुरु वशिष्ठ, विश्वामित्र, संदीपनी, चाणक्य जैसे आदर्श गुरुजनो का उल्लेख करते हुए कहा मुख्यमंत्री ने कहा, श्रीराम, श्रीकृष्ण और चंद्रगुप्त को बनाने में इनका मार्गदर्शन अत्यंत महत्वपूर्ण रहा। शिक्षकों को इन आदर्श गुरुओं से प्रेरणा लेनी चाहिए।

एक शिक्षक की सबसे बड़ी उपलब्धि तब होती है कि जब वह अपने बच्चों को समर्थ और योग्य बनाकर उनमें राष्ट्र के प्रति समर्पण का भाव पैदा करता है। इसके लिए सबको स्वयं मूल्यांकन भी करना चाहिए। यदि कोई व्यक्ति अपने कार्यों का मूल्यांकन नहीं करता है तो इसका मतलब वह अपने साथ समाज व राष्ट्र के साथ भी धोखा कर रहा है।

नित नए अलंकरण जोड़ रहा बेसिक शिक्षा विभाग

सीएम योगी ने विगत छह वर्षों में बेसिक शिक्षा विभाग में हुए आमूलचूल परिवर्तन का उल्लेख करते हुए कहा कि यह विभाग नित नए अलंकरण जोड़ रहा है। कायाकल्प, स्मार्ट क्लास जैसे कार्यक्रमों के बीच हर शिक्षक को स्वस्थ प्रतिस्पर्धा से आगे बढ़ने की जरूरत है। शिक्षक, विभाग से जुड़े सभी कार्यक्रमों के साथ समय के अनुरूप अपने को जोड़कर स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को आगे बढ़ा पाएंगे तो इसके बेहतर परिणाम हम सबके सामने आएंगे। सीएम ने शिक्षकों से अपने कार्यों का दैनिक, साप्ताहिक, पाक्षिक, मासिक, त्रैमासिक, छमाही व वार्षिक मूल्यांकन करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि ज्यादातर बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालय ऑपरेशन कायाकल्प से आच्छादित हो चुके हैं। जो इक्के दुक्के रह गए हैं, वहां शिक्षक जनप्रतिनिधियों, ग्राम पंचायतों या पुरातन छात्रों से सहयोग ले सकते हैं।

आने वाली पीढ़ी के मार्गदर्शन को तकनीकी रूप से सक्षम होना आवश्यक

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि शिक्षकों को बदलते परिवेश में तकनीकी तकनीक दृष्टि से भी आगे बढ़ते रहना होगा। इसमें दिया जा रहा टैबलेट काफी सहायक हो सकता है। आने वाली पीढ़ी को नया मार्ग दिखाने के लिए भी तकनीकी रूप से सक्षम होना आवश्यक है। स्मार्ट क्लास, आईसीटी लैब की स्थापना और टैबलेट वितरण कर सरकार इसमें अपनी भूमिका का निर्वहन कर रही है। उन्होंने कहा कि आगे रहने के लिए हमेशा दो कदम आगे बढ़कर सोचना और उसके अनुरूप कार्य करना होगा। मुख्यमंत्री ने इंसेफेलाइटिस और उसके नियंत्रण का उल्लेख करने के साथ स्वच्छता को लेकर बच्चों और उनके अभिभावकों को जागरूक करने की भी अपील की। सीएम योगी ने कहा कि अच्छी शिक्षा व्यवस्था वही है जिसमें निरंतर शोध हो। इसी को ध्यान में रखकर प्री प्राइमरी के रूप में आंगनबाड़ी केंद्रों को भी जोड़ा जा रहा है। जब तीसरे साल से ही बच्चा इन केंद्रों पर आएगा तो पांचवें साल स्कूल जाने पर उसे दिक्कत नहीं होगी।

सरकार की योजनाओं से बच्चों को जोड़ें शिक्षक

सीएम योगी ने कहा कि शिक्षक केंद्र व प्रदेश सरकार की विभिन्न प्रकार की योजनाओं को बेसिक शिक्षा परिषद के बच्चों के साथ जोड़ सकते हैं। खासकर छात्रवृत्ति व कन्या सुमंगला योजना को। उन्होंने बताया कि बेटी के जन्म से लेकर पढ़ाई के अलग अलग चरणों मे कुल 15 हजार रुपये के पैकेज वाली कन्या सुमंगला योजना की धनराशि नए सत्र में बढ़ाकर 25 हजार रुपये कर दी जाएगी।

टाइम पास तो सबका हो जाता है, प्रशंसनीय कार्य करें

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि टाइम पास तो सबका हो जाता है। एक शिक्षक को ऐसा कार्य करना चाहिए जो हमेशा के लिए प्रशंसनीय बन जाए। उन्होंने शिक्षकों से अपील की कि वे अपने क्षेत्र की सामाजिक, भौगोलिक व आर्थिक स्थिति का अध्ययन करें। गांव या क्षेत्र की विशेषता, वहां के शिल्प, विरासत आदि की जानकारी करें। डाटा संग्रहित कर निष्कर्ष निकालें। इससे गांव में निहित संभावनाओं का भी पता लगेगा। इस संबंध में उन्होंने गोरखपुर के टेराकोटा गांव औरंगाबाद का जिक्र किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षकों से कहा कि आपका कार्यकाल जितना यादगार होगा, लोग आपको स्मरण करेंगे। नौकरी का मजा तभी है जब हमारे कार्यकाल को लोग जानें, उसकी अच्छे ढंग से सराहना करें और जाने के बाद भी याद रखें। बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया। इस अवसर पर कई जनप्रतिनिधि और शासन प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद थे।

दिव्यांग बच्चों के बीच भावुक हो गए मुख्यमंत्री

समारोह में मंच पर जाने से पूर्व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिव्यांग बच्चों को व्हीलचेयर वितरित किया। दिव्यांग बच्चों के बीच वह काफी भावुक हो गए। इन सभी बच्चों तक खुद पहुंचकर उन्होंने उपहार दिया और आत्मीय संवाद कर उनका मनोबल बढ़ाया। इसके पूर्व कार्यक्रम स्थल पर उन्होंने श्रीराम, लक्ष्मण, सीता, हनुमान बने बच्चों से बातचीत की और उन्हें चॉकलेट गिफ्ट किया। मुख्यमंत्री ने नन्हे मुन्ने बच्चों को प्यार-दुलार, आशीर्वाद देकर उनका अन्नप्राशन कराया। उन्हें उपहार में खिलौने दिए। इसी क्रम में उन्होंने कुछ महिलाओं की गोदभराई की रस्म पूरी कर उन्हें पोषण किट उपहार में दिया।

स्टालों का अवलोकन कर सीएम ने ली टीएलएम मॉडलों की जानकारी

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम स्थल पर बेसिक शिक्षा विभाग की तरफ से लगाए गए स्टालों का अवलोकन किया। इन स्टालों पर शिक्षण अधिगम सामग्री (टीएलएम) के मॉडलों का प्रदर्शन किया गया था। सीएम ने स्टालों पर मौजूद शिक्षकों व बच्चों से बात की और संबंधित मॉडलों के बारे में जानकारी ली।

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