यूपी के विद्यालयों में भी नारी की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन के लिए चलेगा बड़ा अभियान

लखनऊ, 12 अक्टूबर। उत्तर प्रदेश में 14 अक्टूबर से शुरू हो रहे मिशन शक्ति के चौथे चरण के तहत उच्च शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा और बेसिक शिक्षा विभाग से संबंधित सभी विद्यालयों में नारी की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन के प्रति जागरूकता को लेकर वृहद स्तर पर अभियान चलाया जाएगा। विद्यालयों में बेटियों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने के साथ ही वेबिनार, सेमिनार के माध्यम से बेटियों को महिला सुरक्षा के प्राविधानों और कानूनों की जानकारी दी जाएगी। बाल अधिकारों, सुरक्षा एवं संरक्षा, सेफ टच, अनसेफ टच आदि मुद्दों पर भी जागरूक किया जाएगा। मिशन शक्ति के चौथे चरण के लिए उच्च शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा और बेसिक शिक्षा विभाग ने कार्ययोजना तैयार कर ली है और चरणबद्ध तरीके से इसका संचालन किया जाएगा। उल्लेखनीय है की सीएम योगी 14 अक्टूबर को अपने सरकारी आवास से रैली को हरी झंडी दिखाकर मिशन शक्ति के चौथे चरण की शुरुआत करेंगे।

वेबिनार और सेमिनार के माध्यम से महिला सुरक्षा के प्राविधानों की मिलेगी जानकारी
उच्च शिक्षा में लैंगिक समानता प्राप्त करने के लिए महिलाओं को उच्च शिक्षा में समान अवसर प्रदान करते हुए उनकी नामांकन दर में वृद्धि किए जान हेतु जागरुकता अभियान संचालित किया जाएगा। समस्त विश्व विद्यालयों, महाविद्यालयों, विद्यालयों में वेबिनार और सेमिनार आयोजित कर महिला सुरक्षा के विविध प्राविधानों और कानूनों की जानकारी प्रदान की जाएगी। साथ ही लैंगिक समानता, बालिकाओं के स्वास्थ्यवर्धन एवं पोषण के प्रति जागरुकता के लिए भी वेबिनार व व्याख्यानमालाओं का आयोजन किया जाएगा। इसके अतिरिक्त “चुप्पी तोड़ो, खुलकर बोलो” कार्यक्रम के अन्तर्गत बालिकाओं की समस्याओं को सुनकर उन्हें एनजीओ तथा मनोचिकित्सकों के माध्यम से परामर्श दिया जाएगा।

स्वास्थ्य परीक्षण कैंप का होगा अयोजन
प्रत्येक विश्वविद्यालय, महाविद्यालय में अध्ययनरत छात्राओं के लिए कम से कम एक स्वास्थ्य परीक्षण कैम्प का आयोजन किया जाएगा। प्रत्येक उच्च शिक्षण संस्थान द्वारा माह में एक बार किसी महिला रोल मॉडल के साथ संवाद का आयोजन तथा महिला सुरक्षा हेतु संचालित विभिन्न सरकारी योजनाओं का प्रचार-प्रसार सुनिश्चित किया जाएगा। विशिष्ट दिवसों पर विशिष्ट दिवस के विषय से सम्बन्धित कार्यक्रम का आयोजन, समाज के सभी नागरिकों, विशेष रूप से बालकों के मध्य बालिका की सुरक्षा एवं सम्मान की भावना जागरुक करने और संवेदनशील बनाने के उद्देश्य से बालिका सुरक्षा शपथ दिलाने जैसे कार्यक्रम भी होंगे।

बालिकाओं की नियमित उपस्थिति पर होगा फोकस
बेसिक शिक्षा विभाग उपस्थिति अभियान चलाएगा, जिसमे 1.33 लाख विद्यालयों में बालिकाओं की विद्यालय में नियमित उपस्थिति के लिए प्रत्येक शनिवार कार्यक्रम चलेगा तथा प्रायः अनुपस्थित रहने वाली बालिकाओं के अभिभावकों से सम्पर्क कर उन्हें जागरुक किया जाएगा। 1.33 लाख विद्यालयों में प्रधानाध्यापकों एवं शिक्षकों के माध्यम से छात्र-छात्राओं को बाल अधिकारों, सुरक्षा एवं संरक्षा, सेफ टच, अनसेफ टच आदि मुद्दों पर जागरुक किया जाएगा। विद्यालयों में बालिका शिक्षा के महत्व पर बच्चों से चित्रकला, वाद-विवाद, चर्चा-परिचर्चा, बाल- अखबार आदि का निर्माण कराते हुए प्रदर्शनी लगाकर जागरूकता एवं प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा। उच्च प्राथमिक एवं कम्पोजिट विद्यालयों में बालिकाओं के लिए चालू दशा में शौचालय एवं इंसीनरेटर की स्थापना करने का प्रयास किया जाएगा।  बच्चों को कानूनी प्राविधानों जैसे- शिक्षा का अधिकार, पॉक्सो, बाल-विवाह, दहेज-प्रथा, घरेलू हिंसा आदि के बारे में जागरूक किया जाएगा। इसके अतिरिक्त हेल्पलाइन नम्बर 1098 1090, 112 तथा 181 की जानकारी प्रदान की जाएगी। उच्च प्राथमिक विद्यालयों में नियमित रूप से बालिकाओं के साथ माहवारी स्वच्छता प्रबन्धन के विषय पर चर्चा करना तथा एक्टिविटी बुक के माध्यम से प्रशिक्षित करना और  केजीबीवी में अध्ययनरत 79,000 बालिकाओं को जागरूक एवं सशक्त बनाने के लिए नियमित रूप से गतिविधियों का संचालन सुनिश्चित किया जाएगा।

विशाखा गाइडलाइन के प्रति बालिकाओं को किया जाएगा जागरूक
माध्यमिक शिक्षा विभाग के विद्यालयों में आन्तरिक शिकायत समिति (विशाखा गाइडलाइन) के उद्देश्यों एवं कार्यकलापों के सम्बन्ध में छात्र- छात्राओं और महिला अध्यापिकाओं को जानकारी प्रदान की जाएगी। आपातकालीन सहायता के लिए चाइल्ड हेल्पलाइन 1098, महिला हेल्पलाइन 181, 1090, पुलिस कन्ट्रोल रूम- 112. एम्बुलेंस 108, नजदीकी थाने के नम्बर की पूरी जानकारी सहित वॉल राइटिंग कराई जाएगी। बालिकाओं एवं महिलाओं में उनके अधिकारों के प्रति चेतना जागृत करने के लिए प्रत्येक विद्यालय में “शक्ति मंच” का गठन और आयोजन किया जाएगा। विद्यालयों में बालिकाओं की सुरक्षा विषयक विधिक प्रावधानों पर जागरूकता के लिए निबन्ध, भाषण, वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन तथा विशेषज्ञ महिला संदर्भदाताओं के माध्यम से परिचर्चा आयोजन किया जाएगा। प्रत्येक माह विद्यालय में विभिन्न क्षेत्रों में ख्याति प्राप्त स्थानीय महिलाओं को विद्यालय में आमंत्रित करके विद्यार्थियों को प्रेरित किया जाएगा।

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